Budget 2024: टैक्स में छूट, ज्यादा आवंटन और अलग ट्रांसमिशन लाइन; रिन्युएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए बजट से क्या उम्मीदें?

केयरएज रेटिंग्स ने अपने नोट में रिन्युएबल एनर्जी के अलग-अलग सेक्टर्स में इजाफे के लिए कुछ सुझाव दिए हैं. इनमें बजट में आवंटन वृद्धि, टैक्स छूट, अलग ट्रांसमिशन लाइन जैसी मांग शामिल हैं

Source: Adani Green

यूनियन बजट रिन्युएबल एनर्जी (Renewable Energy) सेक्टर के लिए बेहतर मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम तैयार कर सकता है. केयरएज रेटिंग्स (CareEdge Ratings) के मुताबिक, इस बजट में अनुदान, टैक्स में कटौती और प्रोडक्ट लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाओं के जरिए ग्रीन हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जा सकता है.

केयरएज रेटिंग्स ने अपने नोट में रिन्युएबल एनर्जी के अलग-अलग सेक्टर्स में इजाफे के लिए कुछ सुझाव दिए हैं.

ग्रीन हाइड्रोजन के लिए ज्यादा आवंटन

17 जुलाई को जारी किए गए एक नोट में केयरएज ने कहा है कि बजट में SIGHT (Strategic Interventions For Green Hydrogen Transition Programme) के लिए मौजूदा आवंटन को बढ़ाया जा सकता है. SIGHT को 2022 में लॉन्च किया गया था और इसके तहत फाइनेंशियल इंसेंटिव्स दिए जाते हैं.

ज्यादा फंड के आवंटन से RIL, कमिंस इंडिया, L&T, वारी एनर्जीज, वेलस्पन एंटरप्राइजेज, JSEW एनर्जी, टोरेंट पावर और CESC जैसी स्पेस सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों को फायदा मिल सकता है.

एनर्जी स्टोरेज

केयरएज का अनुमान है कि बजट में स्टैंडअलोन बैटरी एनर्जी स्टोरेज, पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज प्रोजेक्ट्स को भी कुछ मदद का ऐलान किया जा सकता है. केयरएज के मुताबिक बजट में सिंगल विंडो क्लियरेंस की व्यवस्था की जा सकती है, जिससे अलग-अलग सरकारी विभागों से एप्रूवल्स की जरूरत खत्म हो जाएगी.

इसके अलावा सरकार द्वारा रिन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए टेंडर भी जारी रहेंगे. इन प्रोजेक्ट्स में कंबाइन्ड बैटरी स्टोरेज/पंप्ड स्टोरेज शामिल हैं, जिनसे ग्रिड स्टेबिलिटी बढ़ती है.

इससे एक्साइड इंडस्ट्रीज, अमारा राजा एनर्जी & मोबिलिटी, टाटा पावर जैसे बैटरी एनर्जी स्टोरेज प्रोजेक्ट डेवलपर और NHPC, SJVN जैसे पंप्ड स्टोरेज पावर प्लांट बिल्डर शामिल हैं.

इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम

इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम में चार्ज में छूट केंद्र सरकार की नीति है, जिससे कुछ इलेक्ट्रिसिटी जेनरेटर्स को नेशनल पावर ग्रिड का इस्तेमाल करने के बावजूद शुल्क चुकाने से छूट मिलती है. इन इलेक्ट्रिसिटी जेनरेटर्स में मुख्यत: सोलर और विंड एनर्जी कंपनीज शामिल हैं.

केयरएज का अनुमान है कि रिन्युएबल एनर्जी में कंपटीटिवनेस को मदद देने के लिए इस नीति की अंतिम तारीख को बढ़ाया जा सकता है.

NTPC, गोदावरी पावर & इस्पात, SJVN, NHPC, JSW एनर्जी, आइनॉक्स विंड एनर्जी, सुजलॉन एनर्जी के पास ऐसे सोलर/विंड प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं, जो इस पॉलिसी में छूट के पात्र हैं, बशर्ते ये सही वक्त पर पूरे हो जाएं.

रिन्युएबल एनर्जी ट्रांसमिशन

केयरएज का अनुमान है कि बजट में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर और ISTS के जरिए रिन्युएबल एनर्जी के लिए खास ट्रांसमिशन लाइन्स की व्यवस्था की जाएगी. इससे ट्रांसमिशन में होने वाला नुकसान कम होगा, ग्रिड स्टेबिलिटी बढ़ेगी और रिन्युएबल एनर्जी डेवलपमेंट तेज होगा.

इस दिशा में बजट में आवंटन बढ़ने से पावर ट्रांसमिशन कंपनियों को फायदा हो सकता है. इसमें पावर ग्रिड, अदाणी एनर्जी सॉल्युशंस, स्टरलाइट पावर जैसी कंपनियां शामिल हैं. साथ ही टाटा पावर, अदाणी एनर्जी सॉल्युशंस, JSW एनर्जी को भी फायदा हो सकता है, क्योंकि ये कंपनियां रिन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स को डेवलप और ऑपरेट करती हैं.

रिन्युएबल एनर्जी पर्चेज की अनिवार्यता

केयरएज को उम्मीद है कि बजट में सेंट्रल रिन्युएबल पर्चेज ऑब्लिगेशंस मजबूत होंगी और इस जरूरी खरीद की बाध्यता का पालन ना करने वाले राज्यों पर पेनल्टी लगाने की व्यवस्था की जाएगी.

इस बाध्यता के तहत इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कंपनीज को कुल ऊर्जा का एक हिस्सा जरूरी तौर पर सोलर या विंड एनर्जी जैसे रिन्युएबल्स का खरीदना होता है.

इस बाध्यता को मजबूती से लागू करने पर ज्यादा निवेश इस सेक्टर में आ सकेगा. इससे अदाणी ग्रीन एनर्जी और टाटा पावर जैसे प्रोजेक्ट डेवलपर्स को फायदा होगा.

कंपोनेंट्स पर GST

केयरएज का मानना है कि सरकार रिन्युएबल एनर्जी कंपोनेंट्स पर GST में रैशनालाइजेशन करेगी. फिलहाल GST रेट 12% है, जो गिरकर 5% पर आ सकता है.

टैक्स रेट में कटौती ना केवल ग्राहक के लिए कीमत में कटौती करती है, बल्कि इससे पूरे सेक्टर की डिमांड भी बढ़ती है. इससे सीधे उन कंपनियों को लाभ हो सकता है, जो रिन्युएबल एनर्जी इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग में शामिल हैं.

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