हाल में सुप्रीम कोर्ट में आधार को लेकर सरकार की किरकिरी के बाद मोबाइल कंपनियों को साफ निर्देश दिए गए थे कि नए सिम को देने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता न रखी जाए. लेकिन अब सरकार ने यह साफ कर दिया है कि आधार अब भी जरूरी है. दूरसंचार आपरेटर किसी भी पहचान दस्तावेज मसलन मतदाता पहचान पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस के जरिये नया सिम कार्ड जारी कर सकते हैं. सूत्रों ने आज यह जानकारी दी. सूत्रों ने इसके साथ ही कहा कि बाद में मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने की अनिवार्यता खत्म नहीं की गई है. इस बारे में संपर्क करने पर दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि इन नियमों में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है कि मोबाइल आपरेटर आधार के नाम पर किसी को नया सिम कार्ड देने से मना नहीं कर सकते हैं. इसके लिए वे कोई वैकल्पिक पहचान दस्तावेज का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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हालांकि, सुंदरराजन ने कहा कि सरकार सिम को 12 अंकों की आधार संख्या से जोड़ने के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करेगी. इस मामले की सीधी जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि सिम- आधार को जोड़ने की नीति अभी कायम है. ऐसे में यदि बिना आधार के नया सिम जारी किया जाता है तो बाद की तारीख इसे आधार आधारित केवाईसी से सत्यापित कराना जरूरी होगा.
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वहीं ऐसे ग्राहक जो नया सिम लेते समय ही आधार नंबर देंगे उन्हें बाद में आधारित सत्यापन नहीं कराना होगा. सुंदरराजन ने स्पष्ट किया, ‘‘नियमों के तहत नए कनेक्शन किसी भी तरह का वैध पहचान प्रमाणपत्र और पते का प्रमाण देकर हासिल किया जा सकता है. इस नियम में कोई बदलाव नहीं हुआ है. दूरसंचार आपरेटर वैध पहचान और पते के प्रमाण वाले ग्राहकों को नया सिम जारी करने से इनकार नहीं कर सकते. पुन: सत्यापन के लिए हमें उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करना होगा.’’
दूरसंचार विभाग ने इससे पहले आधार से मोबाइल नंबर के सत्यापन की समयसीमा इस बारे में आधार की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने तक बढ़ाई थी. (भाषा की खबर)