ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) की मुश्किलें इन दिनों बढ़ती जा रही हैं. मंगलवार को मुंबई के चार अलग-अलग RTO ऑफिस ने ओला इलेक्ट्रिक के 10 स्टोर्स की जांच की. इस मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने NDTV Profit को बताया कि इन स्टोर्स के पास जरूरी ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं था.
महाराष्ट्र मोटर व्हीकल्स डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने NDTV Profit को बताया कि मुंबई (सेंट्रल, वेस्ट, ईस्ट और बोरीवली) के चार RTO ने दो दिन का विशेष अभियान चलाया. जांच के दौरान पाया गया कि ओला इलेक्ट्रिक के स्टोर बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के चलाए जा रहे थे. अब इन स्टोर्स को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है.
शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
दरअसल, गुरुग्राम की 'प्रताप सिंह एंड एसोसिएट्स' नाम की कंपनी ने ओला इलेक्ट्रिक और कुछ अन्य कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. आरोप था कि ये कंपनियां बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के शोरूम और स्टोर चला रही हैं. इसी शिकायत के आधार पर कार्रवाई की गई.
खबर है कि इस छापेमारी के दौरान 10 ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर जब्त भी किए गए. हालांकि, ओला इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि कोई वाहन जब्त नहीं किया गया है. लेकिन कंपनी ने बाकी मामले पर कोई सफाई नहीं दी.
क्या कहता है कानून?
केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और सेंट्रल मोटर व्हीकल्स रूल्स, 1989 के तहत, वाहनों की सेल्स, डिस्ट्रिब्यूशन के लिए ट्रेड सर्टिफिकेट जरूरी है. नियम 35 के मुताबिक, हर शो रूम या व्हीकल स्टोर को अलग से ट्रेड सर्टिफिकेट लेना जरूरी है. इसके बिना कोई भी वाहन, रजिस्ट्रेशन से छूट नहीं पा सकता.
लगातार मुश्किलों में ओला इलेक्ट्रिक
ओला इलेक्ट्रिक की पहले से परेशानियां चल रही हैं. हाल ही में दो कंपनियों (रॉसमर्टा डिजिटल सर्विसेज और रॉसमर्टा सेफ्टी सिस्टम्स) ने कंपनी की एक सब्सिडियरी के खिलाफ 25 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान को लेकर दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की याचिका दाखिल की है. ओला इलेक्ट्रिक ने अभी तक स्टॉक एक्सचेंज को सिर्फ एक याचिका के बारे में जानकारी दी है.
इतना ही नहीं, कंपनी के फरवरी महीने में बताए गए सेल्स डेटा पर भी सवाल उठ रहे हैं. ओला इलेक्ट्रिक ने दावा किया था कि उसने फरवरी में 25,000 स्कूटर बेचे, लेकिन इनमें से केवल एक-तिहाई का ही रजिस्ट्रेशन हो सका. मार्च में भी रजिस्ट्रेशन के आंकड़े अच्छे नहीं दिख रहे.