HDFC Bank Q1 Update: डिपॉजिट ग्रोथ फ्लैट, ग्रॉस एडवांसेज घटे, ऊंचे CD रेश्यो ने बढ़ाई चिंता

अप्रैल में मार्च तिमाही के नतीजों की घोषणा करते हुए, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने कहा कि बैंक लोन पर प्राइसिंग में कटौती किए बिना डिपॉजिट ग्रोथ को सुनिश्चित करने पर ध्यान देगा.

Source: NDTV Profit

HDFC बैंक का ग्रॉस एडवांसेज अप्रैल-जून तिमाही (Q1) में तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 0.8% घटकर 24.87 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि डिपॉजिट ग्रोथ तिमाही आधार पर 2.37 लाख करोड़ रुपये पर फ्लैट रही है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान HDFC बैंक का CASA अकाउंट डिपॉजिट तिमाही आधार पर 5% गिरकर 8.63 लाख करोड़ रुपये रहा है.

CD रेश्यो अब भी ऊंचा

HDFC बैंक के इन आंकड़ों की साल-दर-साल तुलना संभव नहीं है क्योंकि बैंक ने 1 जुलाई, 2023 को हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन के साथ अपने मेगा मर्जर पूरा किया है.

विलय के कारण, बैंक का क्रेडिट-डिपॉजिट रेश्यो जिस CD रेश्यो कहा जाता है, करीब 105% है. इससे पता चलता है कि बैंक की डिपॉजिट ग्रोथ, लोन ग्रोथ से पिछड़ गई है. CD रेश्यो ये बताता है कि कोई बैंक अपने द्वारा जुटाई गई जमा रकम में से कितना पैसा लोन के रूप में देता है.

अगर क्रेडिट-डिपॉजिट रेश्यो ज्यादा होता है तो ये बैंक की ग्रोथ के लिए अच्छा नहीं माना जाता है, क्योंकि ये बैंक के विकास में रुकावट डालता है, क्योंकि बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से तय अनिवार्य 100% लिक्विडिटी कवरेज रेश्यो बनाए रखने की जरूरत होती है. जून तिमाही के लिए बैंक का औसत लिक्विडिटी रेश्यो करीब 123% था.

अप्रैल में मार्च तिमाही के नतीजों की घोषणा करते हुए, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने कहा कि बैंक लोन पर प्राइसिंग में कटौती किए बिना डिपॉजिट ग्रोथ को सुनिश्चित करने पर ध्यान देगा. हालांकि, उन्होंने इस वित्त वर्ष के दौरान मार्जिन पर कोई गाइडेंस देने से इनकार कर दिया. वैद्यनाथन ने कहा कि हमारी डिपॉजिट स्ट्रैटजी में कोई बदलाव नहीं है, वो बरकरार है.

कुल डिपॉजिट में रिटेल की बड़ी हिस्सेदारी

जनवरी-मार्च के दौरान HDFC बैंक के कुल डिपॉजिट में 1.6 लाख करोड़ रुपये की ग्रोथ रही, इसमें से 1.3 लाख करोड़ रुपये रिटेल डिपॉजिट से आए. बैंक के CFO ने कहा कि 31 मार्च तक, बैंक के कुल डिपॉजिट का 84% रिटेल है.

HDFC Bank बैंक ने एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि जून तिमाही के दौरान, रिटेल लोन करीब 18,000 करोड़ रुपये बढ़ा, और कमर्शियल और ग्रामीण बैंकिंग लोन 7,200 करोड़ रुपये बढ़ा. साथ ही पिछली तिमाही की तुलना में कॉर्पोरेट और अन्य होलसेल लोन में 26,600 करोड़ रुपये की गिरावट आई है.

ब्लूमबर्ग के मुताबिक, बैंक को जून तिमाही के दौरान 15,595.34 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट होने की उम्मीद है, जबकि पिछली तिमाही में यह 16,512 करोड़ रुपये था.

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