HDFC बैंक की $1 बिलियन के लोन बेचने की तैयारी, कई ग्लोबल बैंकों के साथ बातचीत; क्रेडिट टू डिपॉजिट रेश्यो सुधारने की कोशिश

HDFC का क्रेडिट टू डिपॉजिट रेश्यो 104% है, जबकि पिछले तीन वित्तीय सालों से 85% से 88% के बीच रहता था.

Source: BQ Prime

HDFC बैंक भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट सेक्टर लेंडर है. HDFC बैंक कई ग्लोबल बैंकों के साथ अपने कुछ लोन को बेचने के लिए बातचीत कर रहा है, ताकि वो अपनी क्रेडिट बुक को सुधार सके. HDFC बैंक अपने लोन बुक में 8,400 करोड़ रुपये (1 बिलियन डॉलर) की कटौती करना चाहता है. इस विषय की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि इस लोन को बेचने के लिए वो बार्कलेज Plc, सिटीग्रुप इंक और जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी सहित बैंकों के साथ चर्चा कर रहा है.

एक सूत्र ने बताया कि ICICI बैंक भी इस बातचीत में शामिल है. सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित लोन पोर्टफोलियो की बिक्री 'डेट इंस्ट्रूमेंट' के जरिए होगी, जिसे 'पास थ्रू सर्टिफिकेट' भी कहा जाता है.

जेपी मॉर्गन ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. वहीं बार्कलेज, सिटी और ICICI ने भी जवाब नहीं दिया.

क्रेडिट टू डिपॉजिट रेश्यो को सुधारने की पहल

भारतीय बैंकों पर क्रेडिट और डिपॉजिट रेश्यो को सुधारने के लिए रेगुलेटर RBI का दबाव है. ये रेश्यो बताता है कि बैंक की तरफ से कितना उधार दिया जा रहा है और उसके एवज में उसके पास कितना डिपॉजिट है.

ये लोन सेल HDFC बैंक को क्रेडिट-टू-डिपॉजिट रेश्यो को बेहतर बनाने में मदद करेगा, जो हाल के सालों में खराब हो गई है क्योंकि क्रेडिट ने डिपॉजिट को बहुत पीछे छोड़ दिया है.

ब्लूमबर्ग न्यूज ने पहले बताया था कि HDFC बैंक 10,000 करोड़ रुपये के लोन को बेचने के लिए स्थानीय कंपनियों के साथ अलग से भी बातचीत कर रहा है. इससे पहले भी बैंक ने जून में 5,000 करोड़ रुपये का लोन पोर्टफोलियो को बेचा था.

कैसा है HDFC का क्रेडिट टू डिपॉजिट रेश्यो

मूडीज रेटिंग्स की ICRA के अनुसार, मार्च के अंत में HDFC का क्रेडिट टू डिपॉजिट रेश्यो 104% था, जबकि पिछले तीन वित्तीय सालों से 85% से 88% के बीच रहता था. पिछले साल HDFC बैंक के हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प के साथ विलय के बाद रेश्यो में वृद्धि हुई.

बैंक के डेटा के अनुसार, जून 2024 तक इसका ग्रॉस एडवांस बढ़कर 24.9 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 52.6% अधिक है.

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय बैंकों की जमा राशि 23 अगस्त तक सालाना 11% बढ़ी, जो 14% की लोन वृद्धि की तुलना में धीमी है. रिजर्व बैंक ने अगस्त में कहा था कि डिपॉजिट कुछ समय से लोन से पिछड़ रहा है.