भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग सिस्टम में नकदी बढ़ाने के नजरिये से एक बड़ा फैसला लिया है. सोमवार को केंद्रीय बैंक ने ऐलान किया कि वो ओपन मार्केट ऑपरेशंस (OMO) के जरिए कुल 1.25 लाख करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड खरीदेगा.
ये कदम मौजूदा और बदलती लिक्विडिटी स्थिति की समीक्षा के बाद उठाया गया है. RBI के संचार विभाग के प्रमुख महाप्रबंधक पुनीत पंचोली की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में ये जानकारी दी गई.
4 चरणों में खरीदे जाएंगे बॉन्ड्स
RBI की योजना के अनुसार, आने वाले महीने, मई में बॉन्ड्स की खरीदारी चार चरणों में होगी. 20 मई से पहले ये प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.
पहला चरण: 6 मई 2025 को 50,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे जाएंगे.
दूसरा चरण: 9 मई 2025 को 25,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे जाएंगे.
तीसरा चरण: 15 मई 2025 को 25,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे जाएंगे.
चौथा चरण: 19 मई 2025 को 25,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे जाएंगे.
क्यों महत्वपूर्ण है ये फैसला?
इस फैसले का सीधा मकसद देश की बैंकिंग प्रणाली में कैश फ्लो बढ़ाना है. जब बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त नकदी होती है, तो बैंक कर्ज देने में ज्यादा सक्रिय होते हैं. इससे बाजार में मांग बढ़ती है, आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार मिलती है और विकास को समर्थन मिलता है. हाल के समय में नकदी की स्थिति थोड़ी विचारणीय हो गई थी, जिसे देखते हुए RBI ने ये हस्तक्षेप करने का निर्णय लिया है.
बाजार और कैश फ्लो पर नजर
रिजर्व बैंक ने ये भी स्पष्ट किया है कि हर एक खरीद प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी अलग से जारी की जाएगी. इसके साथ ही, RBI बाजार की और नकदी की स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखेगा और जरूरत पड़ने पर आगे भी उचित कदम उठाएगा ताकि वित्तीय बाजारों में स्थिरता बनी रहे.