दिग्गज चिप कंपनी Nvidia ने हिंदी AI मॉडल लॉन्च कर दिया है. मुबंई में एक कार्यक्रम में ये घोषणा की गई, जहां Nvidia के फाउंडर और CEO जेनसेन हुआंग भी मौजूद रहे. भारत में AI के लिए हिंदी LLM (Large Language Model) ऑपरेटिंग सिस्टम होगा.
इस मौके पर हुआंग ने कहा, 'दुनिया में भारत का रीजनल लैंग्वेज मॉडल सबसे कठिन है. हिंदी के बाद आगे दूसरी भाषाओं के लिए लैंग्वेज मॉडल लॉन्च किए जा सकेंगे.'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं नहीं जानता कि किसी दूसरे देश के पास ये क्षमता है या नहीं, पर भारत दुनिया के हर देश को AI के लाभ उपलब्ध करवाने में बड़ी मदद कर सकता है. AI को जीवन के हर पहलू के साथ जोड़ना चाहिए. इसे समाज का हिस्सा होना चाहिए, लेकिन इसका सुरक्षित उपयोग जरूरी है.'
भविष्य में AI का निर्यात करेगा भारत
जेनसेन ने कहा, 'भारत सॉफ्टवेयर का निर्यात करता रहा है. भविष्य में भारत AI का निर्यात करेगा. अगली पीढ़ी AI की डिलीवरी पर फोकस होगी. ये बुनियादी अंतर आएगा.'
जेनसेन का मानना है कि AI का प्रोडक्शन नई औद्योगिक क्रांति साबित होगी और भविष्य में एक नई इंडस्ट्री उभरेगी, जिसका नाम 'इंटेलिजेंस प्रोडक्शन' होगा.
सुरक्षित AI पर बात करते हुए हुआंग ने कहा, 'AI को सुरक्षित करने का एकमात्र रास्ता नई AI तकनीक का निर्माण है. दरअसल नई टेक्नोलॉजी ने AI की कार्यक्षमता को बढ़ाया है, जिससे ये ज्यादा सुरक्षित बन पाई है. AI के रेगुलेशन पर लगातार विमर्श की भी जरूरत रहेगी.'
वैल्यू एडिशन पर PM की बात को याद किया
जेनसेन ने प्रधानमंत्री मोदी से अपनी मुलाकात को याद करते हुए कहा, 'जब मैं पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला, तो उन्होंने मुझे अपनी कैबिनेट को AI पर संबोधित करने के लिए कहा था. ये पहली बार था, जब किसी ने मुझसे ऐसा करने के लिए कहा. आज जरूरत है कि इंटेलीजेंस को सड़कों की तरह देश के इंफ्रास्ट्रक्चर का हिस्सा बनाया जाए.'
जेनसेन ने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी ने मुझसे कहा कि भारत को आटे का निर्यात कर ब्रेड का आयात नहीं करना चाहिए. हमें खुद वैल्यू एडिशन करना होगा.'
जेनसेन ने ये भी कहा कि कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की क्षमता ज्यादातर लोगों के पास नहीं होती, लेकिन हर कोई AI को प्रोग्राम कर सकता है.
इसके अलावा एक अन्य अहम डेवलपमेंट में Nvidia ने रिलायंस के साथ AI इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए समझौते का भी ऐलान किया है.