ऑनलाइन दवाईयों की बिक्री के खिलाफ़ देश की पहली कार्रवाई महाराष्ट्र में हुई है। इस मामले में ऑनलाइन कारोबारी कम्पनी स्नैपडील के खिलाफ़ FIR दर्ज़ की गई है।
महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधी विभाग ने यह कार्रवाइ की है। एफडीए की कार्रवाई में स्नैपडील के सीईओ कुणाल बहल के अलावा कम्पनी के निदेशकों को आरोपी बनाया गया है। मामला बिना प्रिस्क्रिप्शन ऑनलाइन दवाईयां बेचने से जुड़ा है।
FDA को सूचना मिली थी की स्नैपडील कई सारी दवाईयां ऑनलाइन बेच रहा है। इन दवाईयों में कुछ गर्भनिरोधक दवाईयां भी थी। स्नैपडील की वेबसाईट पर आपत्तिजनक दावों के साथ 45 दवाओं की बिक्री जारी थी।
इस प्रकार से दवाईयां बेचना ड्रग्स एन्ड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 की धाराएं 18(c) और 18(A) के साथ ड्रग्स एन्ड मैजिक रेमिडीज़ एक्ट 1954 के आपत्तिजनक एडवर्टाइजमेन्ट प्रतिबंध के सेक्शन 3 और 4 के तहत गैरकानूनी है। एफडीए ने इस सन्दर्भ में कम्पनी के गुदामों पर छापेमारी भी की थी।
एफडीए कमीशनर हर्षदीप काम्बले ने एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए कहा कि, स्नैपडील को इस तरह से दवाईयों की बिक्री तत्काल रोकने को कहा गया था। बावजूद इस के वेबसाइट ने उसे नहीं माना। ऐसे में एफडीए के अधिकारीयों के जरिए ऑनलाइन दवाईयां खरीदी गईं और उसी आधार पर कम्पनी के खिलाफ़ कार्रवाई की गई।
मुंबई से सटे पनवेल सिटी पुलिस थाने में कम्पनी के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज़ हुई है। इस के अलावा महाराष्ट्र FDA ने अन्य ऑनलाइन कम्पनीयां जैसे अमेज़ॉन, फ्लिपकार्ट से भी उनके बिक्री उत्पादों की सूची मंगवाई है।
इस बीच snapdeal.com के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा है कि गड़बड़ी के लिए वे नहीं बल्कि उत्पाद विक्रेता जिम्मेदार हैं। उन्होंने FDA की जांच में सम्पूर्ण सहयोग करने का दावा भी किया है। बयान यह भी कहता है कि FDA से आपत्तिजनक ठहराए उत्पादों को वे अपनी वेबसाइट से हटा चुके थे और इसके विक्रेताओं का पेमेंट भी रोक दिया गया है।