Hindenburg China Connection: पहले भी सामने आया है एनला चेंग का चाइनीज लिंक; पूर्व सहयोगी ने बताई थीं कारगुजारियां

भारत में निवेश के लिए जो फंड बनाया गया था, उसमें मार्क किंगडन के साथ-साथ उनकी पत्नी एनेला चेंग की भी बड़ी अहम भूमिका थी. यहीं ये चाइनीज कनेक्शन है.

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हिंडनबर्ग मामले (Hindenburg) में बड़ा चाइनीज कनेक्शन सामने आया है. किंगडन कैपिटल (Kingdon Capital) के साथ मिलकर हिंडनबर्ग ने अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर्स की शॉर्ट सेलिंग कर 180 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा कमाया.

दरअसल भारत में निवेश के लिए जो फंड बनाया गया था, उसमें मार्क किंगडन के साथ-साथ उनकी पत्नी एनेला चेंग की भी बड़ी अहम भूमिका थी. यहीं ये चाइनीज कनेक्शन है.

एनेला चेंग पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से काम करने के आरोप लगे थे. इन आरोपों के मुताबिक चेंग द्वारा अमेरिका में बनाया गया SupChina संगठन चीन के पक्ष में काम करता था. ये आरोप पत्रकार और SupChina की कर्मचारी रहीं शेनन वैन सैंट ने लगाए थे.
वैन सैंट ने बताया कि नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने ओपस सोर्स रिसर्च की, जिसमें SupChina और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच की लिंक सामने आई. इसमें चाइना ओवरसीज एक्सचेंज एसोसिएशन से भी चेंग के तार जुड़े थे.

महेश जेठमलानी ने शेयर किए दस्तावेज

वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने शेनन वैन सैंट की तरफ से अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट को सौंपे गए दस्तावेज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर डाले हैं. बता दें इस मामले को रिपब्लिकन सीनेटर्स ने जोर-शोर से उठाया था.

इसमें बताया गया है कि कैसे एनेला चेंग, शेनन वैन सैंट को चीन समर्थित खबरें और कवरेज करने के लिए दबाव डालती थीं.

जेठमलानी ने ये दस्तावेज शेयर करते हुए लिखा, 'जो लोग समझना चाहते हैं कि कैसे चाइनीज जासूस एनला चेंग और उनके पति ने अदाणी ग्रुप को निशाना बनाने के लिए हिंडनबर्ग को हायर किया, कैसे अदाणी शेयर्स को शॉर्ट सेल करने के लिए कोटक की मदद से ट्रेडिंग अकाउंट सेट करवाया; जबकि इन लोगों ने इस शॉर्ट सेलिंग से लाखों डॉलर्स कमाए, अदाणी ग्रुप के मार्केट कैप को बहुत नुकसान पहुंचाया, इन लोगों उन रिटेल भारतीय निवेशकों के बारे में नहीं सोचा, जो चीनी हितों को आगे बढ़ाने के लिए एक भारतीय उद्यमी को तबाह करने के इरादे वाली इस कुटिल डिजाइन के चलते पूरी तरह बर्बाद हो गए, एक ऐसा भारतीय उद्यमी जिसने रणनीतिक अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स में चीन से बोलियां जीतीं.'

जानें कैसे चीन के पक्ष में कवरेज करता था SupChina

वैन सैंट 2020 में तब SupChina से जुड़ीं, जब उन्हें इसका बिजनेस एडिटर बनने का प्रस्ताव मिला. इससे पहले 2017 में वे अमेरिका वापस लौट चुकी थीं और NPR में शो कर रही थीं. अमेरिका लौटने से पहले वे डेढ़ दशक से ज्यादा वक्त तक चीन में CCTV के साथ काम कर चुकी थीं.

नए रोल के मुताबिक, SupChina में वैन सैंट को अमेरिका-चीन आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को कवर करना था.

चीनी मीडिया आउटलेट की तरह कवरेज करने का सुझाव

वैन सैंट के मुताबिक, 'जैसे ही मैंने काम करना शुरू किया, SupChina के एडिटर-इन-चीफ जरमी गोल्डकॉर्न ने मुझे सलाह दी कि मैं अपने लेख और रिपोर्टिंग शंघाई स्थित इंग्लिश न्यूज मीडिया आउटलेट 'सिक्स्थ टोन (Sixth Tone)' के आधार पर लिखूं.

वैन सैंट के मुताबिक 'सिक्स्थ टोन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ा मीडिया आउटलेट है. मैंने गोल्डकॉर्न से कहा कि मैं अपनी बिजनेस स्टोरीज में मानवाधिकारों पर रिपोर्टिंग को शामिल करना चाहता हूं, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि मुझे महीने में सिर्फ एक ही ऐसी स्टोरी करनी चाहिए.'

HFCCA पर चीनी सरकार के समर्थन में तथ्यहीन बात खबर में डालने का दबाव

एक और घटना याद करते हुए वैन सैंट ने बताया, 'मई 2020 में मैंने होल्डिंग फॉरेन कंपनीज अकाउंटेबल एक्ट (HFCCA) पर रिपोर्टिंग शुरू की. इस कानून के मुताबिक US स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड विदेशी कंपनियों को US ऑडिट में ये प्रमाणित करवाना था कि उनके ऊपर किसी विदेशी सरकार का नियंत्रण नहीं है. इन कंपनियों को चीनी सरकार के नियंत्रण और प्रभाव से जुड़े डिस्क्लोजर्स भी देने जरूरी थे.'

वे आगे कहती हैं, 'दिसंबर 2020 में HFCCA अमेरिकी सीनेट से पास हो गया. मुझे चीफ-ऑपरेटिंग-ऑफिसर गुटेर्मा की तरफ से निर्देश दिया गया कि मैं अपनी खबर में ये लाइन जोड़ूं कि अमेरिकी बाजार में लिस्टेड किसी भी चीनी कंपनी में चीनी सरकार का प्रभाव और फर्जी तरीके से स्वामित्व का मामला सामने नहीं आया है. मैंने ये लाइन डालने से इनकार कर दिया क्योंकि इसे उस वक्त तथ्यों से प्रमाणित नहीं किया जा सकता था. इस पर हमारी घंटों बहस हुई, आखिरकार मुझे वो लाइन बिना डाले खबर पब्लिश करने की अनुमति मिली, लेकिन इससे गुटेर्मा काफी नाखुश नजर आए.'

चीन समर्थक इकोनॉमिक कमेंटेटर को प्रोमोट करने को कहा

मैकेंजी के पूर्व सीनियर पार्टनर रहे पीटर वॉकर शिनजियांग में चीनी कार्रवाई के समर्थक रहे हैं. उन्होंने वहां चीनी कैंपों को एजुकेशनल कैंप तक करार दिया. वॉकर ने उइगर मुस्लिमों के सर्विलांस का भी समर्थन किया. उन्होंने उइगरों के दमन की कार्रवाई को अमेरिकन इंडियंस और अश्वेतों से जोड़कर जस्टिफाई करने की भी कोशिश की. यहां तक कि वॉकर ने हॉन्ग कॉन्ग के मुद्दे पर भी चीन का समर्थन किया और कहा कि अमेरिकी कांग्रेस इस विषय में कुछ नहीं जानती.

वैन सैंट लिखती हैं कि 'एनेला चेंग ने मुझसे वॉकर की किताब को प्रोमोट करने के लिए कहा. लेकिन जब मैंने वॉकर की टिप्पणियों पर रिसर्च की, तो मैंने चेंग से कहा कि मैं वॉकर के नजरिए को सही नहीं मानती और उनके साथ इंटरव्यू करने से सिर्फ विवाद होंगे.'

मुझे याद है कि चेंग ने मुझसे कहा, 'वॉकर हमें बहुत पैसा देने वाले हैं. तुम्हें इंटरव्यू करना ही होगा. गोल्डकॉर्न ने इसका एप्रूवल भी दे दिया है. मैं इस पूरी बातचीत से असहज हो गई. क्योंकि कभी किसी न्यूज ऑर्गेनाइजेशन ने मुझसे किसी व्यक्ति के काम को प्रोमोट करने के लिए नहीं कहा था.'

हॉन्ग कॉन्ग के लोकतंत्र समर्थक कारोबारी के इंटरव्यू पर नाराजगी

29 मई 2020 को राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वे हॉन्ग कॉन्ग का विशेष दर्जा और प्रिफरेंशियल इकोनॉमिक ट्रीटमेंट का स्टेटस खत्म करने जा रहे हैं. इसके बाद वैन सैंट ने हॉन्ग कॉन्ग के बिजनेस टायकून और लोकतंत्र समर्थक एक्टिविस्ट जिमी लाई का इंटरव्यू किया.

गोल्डकॉर्न ने इस इंटरव्यू आइडिया को एप्रूव भी किया था. लाई का मानना था कि हॉन्ग कॉन्ग के लिए भविष्य का एकमात्र रास्ता लोकतंत्र है. उन्होंने कहा कि चीन के कम्युनिस्ट शासन में किसी और शहर का अंतरराष्ट्रीय व्यापार की दुनिया में बड़ा खिलाड़ी बनना नामुमकिन है. इंटरव्यू के बाद गोल्डकॉर्न ने एक वीडियो मीटिंग में मेरे इंटरव्यू का जिक्र किया और कहा कि ये बेहद खराब बिजनेस स्टोरी थी. पता नहीं क्यों लाई का इंटरव्यू किया गया: वैन शैंट

'इसके बाद मैंने 15 जून की सुबह मैंने हफ्ते के लिए अपनी प्लांड स्टोरीज की लिस्ट सब्मिट की. मुझे उस हफ्ते एक पॉडकास्ट भी करना था. लेकिन मुझसे कहा गया कि इस तरह की तैयारियां करने की जरूरत नहीं है. मेरे वरिष्ठ ने मुझसे कहा कि उन्होंने मेरे लिए सवाल तैयार कर लिए हैं.'

जासूसी के आरोपों का सामना कर रहे वैज्ञानिक की मदद

इस बीच एनला चैंग ने SupChina के स्टाफ से कहा कि उन्होंने बीजिंग में एक एंटिटी से बात की है. उन्होंने इस ऑर्गेनाइजेशन का नाम CAST (चाइना एसोसिएशन फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी). चेंग ने बताया कि ये संस्थान कम्युनिस्ट पार्टी और चीन सरकार का देश की साइंट-टेक्नोलॉजी कम्युनिटी के साथ 'समन्वय' बनाता है और इनके बीच 'पुल' का काम करता है.

दरअसल CAST ने चेंग से कहा था कि एक चाइनीज साइंटिस्ट पर अमेरिका में जासूसी का झूठा आरोप लगाकर जांच की जा रही है. चेंग ने कहा, 'हमें उनकी मदद करनी होगी. हमें उनका बचाव करना होगा.

चेंग ने कुछ वक्त में ये भी बताया कि VIPkid, SupChina नेटवर्क्स का हिस्सा बनने जा रहा है. ये एक चाइनीज ऑनलाइन एजुकेशनल प्लेटफॉर्म है. 2019 में इस नेटवर्क ने दो अमेरिकी शिक्षकों को सिर्फ इस बात पर निकाल दिया था कि वे चीनी सरकार के मत से उलट ताइवान और तियानमेन स्क्वायर की घटनाओं पर विमर्श करवा रहे थे. तब भी चेंग ने VIPkid की मदद करने की बात कही थी.

'एकमत' ना होने पर वैन सैंट को निकाला

VIPkid से जुड़ी घोषणा के कुछ देर बाद चेंग ने वैन सैंट से कहा कि उन्हें संस्थान से निकाला जा रहा है. ऐसा 'Alignment' या वैचारिक एकमत ना होने के चलते उनके वरिष्ठों की सलाह पर किया जा रहा है.

जब चेंग ने इस संबंध में गोल्डकॉर्न से बात की, तो उन्होंने कहा कि 'आप 'Alignment' में नहीं हैं, इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं बोल सकता.' जबकि COO गुटेर्मा ने उन्हें जिमी लाई का इंटरव्यू का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे काम करने के चलते वे SupChina से कवर किए जाने वाले नैरेटिव पर एकमत नहीं हैं. गुटेर्मा ने ये भी कहा कि 'तुम्हारे इंटरव्यू से नैरेटिव आगे नहीं बढ़ा.'

कहा जा सकता है कि चेंग के कुख्यात चाइना कनेक्शन के मजबूत सबूत मौजूद हैं. ऐसे में इस मामले में आगे जांच में कई परतें खुलने की संभावना है.

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