सुप्रीम कोर्ट से स्पाइसजेट को झटका, इंजनों को 'ग्राउंडेड' करने के फैसले को रखा बरकरार

मामला लेसर्स को बकाये का भुगतान नहीं करने से जुड़ा हुआ है. ये लेसर्स टीम फ्रांस 01 SAS और सनबर्ड फ्रांस 02 SAS हैं, जिन्होंने स्पाइसजेट को इंजन लीज पर दिए थे.

Source: Reuters

सुप्रीम कोर्ट (Delhi HC) से स्पाइसजेट (Spicejet) को बड़ा झटका लगा है. शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया, जिसमें एयरलाइन से फ्रांस बेस्ड लेसर्स (Lessors) की ओर से लीज पर दिए गए तीन इंजनों को ग्राउंडेड करने के लिए कहा गया था.

मामला लेसर्स को बकाये का भुगतान नहीं करने से जुड़ा हुआ है. ये लेसर्स टीम फ्रांस 01 SAS और सनबर्ड फ्रांस 02 SAS हैं, जिन्होंने स्पाइसजेट को इंजन लीज पर दिए थे. कंपनियों ने दावा किया है कि स्पाइसजेट के पास 20 मिलियन डॉलर से ज्यादा का बकाया है, जो दो साल से ज्यादा अवधि के दौरान इकट्ठा हुआ है. 

SC में एयरलाइन ने क्या कहा?

कोर्ट के सामने स्पाइसजेट ने कहा कि वो लेसर्स के साथ बातचीत कर रही है और भुगतान करने के लिए तैयार है. एयरलाइन ने कहा कि 'सिंगापुर में पार्टियों की मुलाकात हो चुकी है, वो बातचीत कर रहीं हैं, उन्होंने (लेसर्स ने) सिंगापुर में सेंटलमेंट की बातचीत के लिए आमंत्रित किया था.'

एयरलाइन ने कोर्ट को जानकारी दी कि लीज पर दिए गए तीन इंजनों में से दो इंजन को पहले ही ग्राउंडेड किया जा चुका है और वो उड़ान नहीं भर रहे हैं.

हालांकि उन्हें लेसर्स को वापस सौंपने के लिए स्पेशलाइज्ड स्टैंड की जरूरत है और उसका इंतजाम करने के लिए कम से कम एक महीने का समय लगेगा. शीर्ष अदालत ने कहा कि पार्टियां वीकेंड के दौरान चर्चा जारी रख सकती हैं और उसके बाद अपडेट दें.

दिल्ली HC ने क्या कहा था?

दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल जज के आदेश को खारिज करने से इनकार कर दिया है जिसमें उसे फ्रांस बेस्ड लेसर्स की ओर से लीज पर दिए गए तीन इंजनों को ग्राउंडेड करने के लिए कहा गया था.

इस महीने की शुरुआत में दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सिंगल जज के आदेश को खारिज करने से इनकार कर दिया था, जिसमें उसे फ्रांस बेस्ड लेसर्स की ओर से लीज पर दिए गए तीन इंजनों को ग्राउंडेड करने के लिए कहा गया था.

क्या है पूरा मामला?

लेसर्स ने दिसंबर में एयरलाइन के खिलाफ मामला दर्ज किया. लेसर्स ने दिसंबर में एयरलाइन के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें भुगतान और लीज पर दिए गए इंजनों को दोबारा जब्त करने की मांग थी.

दिल्ली हाई कोर्ट ने सुझाव दिया था कि स्पाइसजेट लेसर्स के साथ मामले का निपटारा करने पर विचार करे. हालांकि उसने ये साफ किया था कि वो सिंगल जज के इससे पहले के आदेश में दखल नहीं देगा जिसमें इंजनों को ग्राउंड करने को कहा गया था.

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