RIP Ratan Tata: स्टार्टअप फाउंडर्स ने रतन टाटा के साथ अपने रिश्तों को याद किया

अर्बन कंपनी के सह-संस्थापक अभिराज सिंह भाल ने गुरुवार को लिखा '2015 में उनके साथ हमारी पहली मुलाकात में उन्होंने हमसे कहा था, भारत को आप जो बना रहे हैं उसकी जरूरत है

(From left) Urban Company founders Varun Khaitan, Raghav Chandra and Abhiraj Singh Bhal with Ratan Tata. (Source: Abhiraj Singh Bhal/X)

रतन टाटा के निधन ने स्टार्टअप्स की दुनिया भी गमगीन है. स्टार्टअप की दुनिया में रतन टाटा से जुड़े किस्सों की जैसे भरमार आ गई है. स्टार्टअप का दामन रतन टाटा ने हमेशा थामे रखा, उनके साथ काम किया और सराहना भी की.

रतन टाटा, जिन्होंने टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, उन्होंने कई स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा दिया जब वे सेक्टर लीडर नहीं थे, जैसे कि अर्बन कंपनी, कैशकरो, ब्लूस्टोन, कारदेखो और Tracxn.

उनके मूल्यों से हमें प्रेरणा मिली: अभिराज सिंह

अर्बन कंपनी के सह-संस्थापक अभिराज सिंह भाल ने गुरुवार को लिखा '2015 में उनके साथ हमारी पहली मुलाकात में उन्होंने हमसे कहा था, भारत को आप जो बना रहे हैं उसकी जरूरत है, गुणवत्ता ऊंची रखें और बाकी सब अपने आप हो जाएगा, अर्बन कंपनी में हम भाग्यशाली थे कि वो बाद में एक शेयरधारक के रूप में हमारे साथ जुड़े. उनके शब्दों और जिन मूल्यों के लिए वे खड़े रहे, उनसे बहुत प्रेरणा मिलती है.

वो सिर्फ एक गुरु से कहीं बढ़कर थे: अमित जैन

CarDekho के संस्थापक अमित जैन, जो शार्क टैंक के निवेशक भी हैं, उन्होंने भी रतन टाटा को याद किया. अमित जैन लिखते हैं कि - मेरे और अनुराग के लिए, वो सिर्फ एक गुरु से कहीं बढ़कर थे. वो एक मार्गदर्शक और एक मित्र थे. उनकी धैर्यशीलता, विनम्रता और विशाल ज्ञान, सुनने की उनकी इच्छा और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में दशकों से उनकी अविश्वसनीय अंतर्दृष्टि ने मुझ पर और हमारी कारदेखो की यात्रा पर गहरा असर छोड़ा है.

CarDekho's Amit Jain and Anurag Jain with Ratan Tata. (Source: Company)

एक किस्सा याद करते हुए जैन कहते हैं कि उन्हें कभी नहीं भूल सकते, जब वे कारदेखो को आगे बढ़ाने के बारे में सलाह के लिए उनके पास पहुंचे थे. उन्होंने अपना ज्ञान और अनुभव उदारतापूर्वक साझा किया और हमारे विजन पर भरोसा किया जब हमें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. उनके समर्थन ने हमें कठिन समय से आगे बढ़ने और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रयास करने का साहस दिया. रतन टाटा जी ने हममें क्षमता देखी और कारदेखो को बदलने में उनका मार्गदर्शन अमूल्य था.

वो मेरे लिए हीरो थे: भाविश अग्रवाल

ओला के फाउंडर भाविश अग्रवाल ने भी रतन टाटा की उनके साथ हुई मुलाकातों को याद किया. "जब मैं बड़ा हो रहा था तो वो मेरे और मेरे जैसे कई लोगों के हीरो थे, मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे पिछले दशक में अपने निजी हीरो को गहराई से जानने का मौका मिला. उनसे कई बार मिलना और बातचीत करना और हर बार जीवन के लिए सबक सीखने जैसा था.

भाविश याद करते हैं कि कैसे टाटा 2008 में IIT बॉम्बे में उनके दीक्षांत समारोह में गेस्ट स्पीकर थे. "मैं एक छोटा बच्चा था, लेकिन उस दिन उनके शब्द मेरे साथ रहे - अपने देश की सेवा करने के लिए. 2015 में, मुझे रतन टाटा से मिलने का मौका मिला. उन्होंने ओला में निवेश करने का फैसला किया.

भाविश अग्रवाल ने कहा कि ओला इलेक्ट्रिक की स्थापना में टाटा की अहम भूमिका थी. 2017 में एक दिन मुझे उनका फोन आया और उन्होंने मुझसे मुंबई आने के लिए कहा. उन्होंने बस इतना कहा- 'भाविश मैं तुम्हें कहीं ले जाना चाहता हूं और कुछ रोमांचक दिखाना चाहता हूं' हम टाटा नैनो से इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के उनके निजी प्रोजेक्ट को देखने के लिए उनके विमान से कोयंबटूर गए! वो इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लेकर बहुत भावुक और उत्साहित थे.

अग्रवाल ने कहा, उन्होंने मुझे एक टेस्ट ट्रैक पर चलाया और फिर इंजीनियरों को विस्तृत सुधार के बारे में बताया. वही दिन था जब ओला इलेक्ट्रिक वास्तव में शुरू हुई थी - क्योंकि उसने मुझमें EV और कारों के लिए जुनून जगाया था! उसके बाद, लगभग हर प्रोडक्ट जिसे हमने सोचा और डिजाइन किया था (जिनमें से कुछ अभी तक जारी नहीं हुए हैं) मैं जाऊंगा और उन्हें दिखाऊंगा, वो बहुत धैर्यपूर्वक मेरे साथ बैठते थे और विचार करते थे और अपनी प्रतिक्रिया देते थे.

भाविश आगे लिखते हैं कि 'आखिरी बार जब मैं उनसे एक साल पहले ओला इलेक्ट्रिक के IPO की खबर साझा करने के लिए मिला था और वो हमेशा की तरह दयालु और जिज्ञासु थे. वो कमजोर थे लेकिन कारों के प्रति उनका उत्साह हमेशा की तरह ऊंचा था, और हमेशा की तरह मेरे लिए उनका प्रोत्साहन उतना ही मजबूत था