रतन टाटा की वसीयत, पालतू कुत्ते की देखभाल और सहयोगी शांतनु नायडू का भी जिक्र, जानें किसको क्या मिला

टाटा ने 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के एसेट्स का अपने फाउंडेशन, भाई जिम्मी टाटा, अपनी सौतेली बहनों शिरीन और डियना जीजीभॉय, हाउस स्टाफ और अन्य लोगों के बीच बांटा है.

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दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की वसीयत (Ratan Tata Will) के बारे में डिटेल्स सामने आईं हैं. उन्होंने अपनी वसीयत में अपने पालतू कुत्ते 'टीटो' के लिए पूरी देखभाल का जिक्र किया है. टाटा ने समान नाम वाले अपने पिछले डॉग की मौत के करीब छह साल बाद जर्मन शेफर्ड को गोद लिया था. टीटो को टाटा के लंबे समय से कुक यानी रसोइया रहे राजन शॉ देखेंगे.

टीटो के अलावा टाटा ने 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के एसेट्स का अपने फाउंडेशन, भाई जिम्मी टाटा, अपनी सौतेली बहनों शिरीन और डियना जीजीभॉय, हाउस स्टाफ और अन्य लोगों के बीच बांटा है. वसीयत में उनके एक्जीक्यूटिव शांतनु नायडू (Shantanu Naidu) और लंबे समय से रसोइये सुब्बया का भी जिक्र है.

टाटा ने नायडू के नेंचर गूडफेलोज में अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी है. ये स्टार्टअप वृद्ध लोगों को युवाओं के साथ जोड़ने का काम करता है. उन्होंने नायडू की विदेश में पड़ाई की फीस को भी छोड़ दिया है.

रतन टाटा की दौलत

रतन टाटा के एसेट्स में मुंबई के जूहू तारा रोड पर दो मंजिला मकान, एक 2,000 स्कॉयर फूट का बीच बंगला, 350 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट और टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 0.83% हिस्सेदारी है. टाटा संस में उद्योगपति की हिस्सेदारी अब रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन को ट्रांसफर की जाएगी.

टाटा की अन्य कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी भी इस ट्रस्ट के पास जाएगी. कोलाबा में स्थित Halekai हाउस जहां टाटा अपने निधन तक रहे टाटा संस की सब्सिडियरी एवार्ट इन्वेस्टमेंट्स के पास जाएगा. एवार्ट इन्वेस्टमेंट्स अभी इस पर फैसला लेगी कि प्रॉपर्टी का वो क्या करेगी.

रतन टाटा के कारों के कलेक्शन की नीलामी की जा सकती है या टाटा ग्रुप पुणे में अपने म्यूजियम के लिए उन्हें ले सकता है.

रतन टाटा का कुत्तों के लिए प्यार

मुंबई में टाटा ग्रुप के हेड ऑफिस बॉम्बे हाउस के ग्राउंड फ्लोर पर कुत्तों के लिए एक खास कोना था. ये एक बड़े कमरे में फैला हुआ था जिसमें कई सुविधाएं मौजूद थीं. इनमें एक खास एरिया था जहां कुत्तों को नहलाया जाता था.

बॉम्बे हाउस के स्टाफ को अवारा कुत्तों को फ्री एंट्री और एग्जिट की सुविधा देने का निर्देश दिया गया था.

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