सरकार ने क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्‍स बढ़ाया, डीजल और ATF पर घटा निर्यात शुल्‍क

सरकार हर 15 दिन पर विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है.

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केंद्र सरकार ने घरेलू स्‍तर पर प्रोड्यूस होने वाले क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्‍स बढ़ा दिया है, जबकि डीजल के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स (Levy) घटा दिया गया है. इसके साथ ही सरकार ने ATF (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) पर भी विंडफॉल टैक्स घटा दिया है. सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार, पेट्रोल के निर्यात को विंडफॉल टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है.

बता दें कि सरकार हर 15 दिन पर विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है. बाजार में चल रही तेल की कीमतों के आधार पर ही विंडफॉल टैक्स की समीक्षा की जाती है.

किस पर कितना लगेगा विंडफॉल टैक्‍स?

  • सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये प्रति टन कर दिया है.

  • डीजल के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स को 5.50 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है.

  • वहीं, ATF एक्सपोर्ट पर विंडफॉल टैक्स 3.50 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 2.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है.

आज से ही लागू हुई नई दरें

सरकार द्वारा घोषित की गई विंडफॉल टैक्स की नई दरें 30 सितंबर यानी आज से ही लागू हो गई हैं. वित्त मंत्रालय ने कहा कि पेट्रोल के निर्यात को विंडफॉल टैक्स के दायरे से बाहर बना हुआ है. इससे पहले 15 सितंबर को अपने अंतिम बदलाव में केंद्र सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को पहले के 6,700 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति टन कर दिया था. इसी तरह डीजल पर निर्यात शुल्क पहले के 6 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 5.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था और ATF पर शुल्क पहले के 4 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 3.50 रुपये प्रति लीटर किया गया था.

क्‍या होता है विंडफॉल टैक्‍स?

सरकार द्वारा अप्रत्याशित और औसत से ज्यादा लाभ कमाने वाली ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर लगाए गए टैक्स को विंडफॉल टैक्स कहा जाता है. विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाया जाता है जिन्हें किसी खास तरह के हालात से तत्काल काफी फायदा होता है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि जब सरकार किसी उद्योग के राजस्व में अचानक वृद्धि देखती है, तो वो प्रॉफिट का कुछ हिस्सा अपने हिस्से में रखती है. यही विंडफॉल टैक्‍स है.

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