किंगफिशर : प्रबंधन और हड़ताली कर्मियों में वार्ता विफल

किंगफिशर एयरलाइन्स में संकट बुधवार को और गहरा गया। प्रबंधन और हड़ताली इंजीनियरों व पायलटों के बीच सात महीने से बकाया वेतन के भुगतान के संबंध में बातचीत असफल रही।

किंगफिशर एयरलाइन्स में संकट बुधवार को और गहरा गया। प्रबंधन और हड़ताली इंजीनियरों व पायलटों के बीच सात महीने से बकाया वेतन के भुगतान के संबंध में बातचीत असफल रही। प्रदर्शनकारियों ने आंशिक भुगतान की पेशकश खारिज कर दी और अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला किया।

गतिरोध खत्म न होने के मद्देनजर विमानन कंपनी की शुक्रवार से परिचालन शुरू करने की योजना पर सवालिया निशान लग गया है। उल्लेखनीय है कि चार दिन से आंशिक तालाबंदी की स्थिति है और सोमवार रात से पूरी तरह उड़ानें बंद हैं।

किंगफिशर के हड़ताली इंजीनियरों और पायलटों के प्रतिनिधि कैप्टन विक्रांत पाटकर ने मुंबई में कहा ‘‘हमारी हड़ताल जारी रहेगी क्योंकि प्रबंधन वेतन भुगतान के संबंध में कोई वादा नहीं कर सका।’’ विमानन कंपनी के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि प्रबंधन ने अपनी ओर से जल्दी ही एक महीने के वेतन का भुगतान करने की पेशकश की और शेष छह महीने का वेतन कंपनी के पुनर्पूंजीकरण के बाद करने की बात कही। लेकिन कर्मचारियों ने इस पेशकश को ठुकरा दिया।

पाटकर ने कहा ‘‘पैसा नहीं है और कंपनी कोई वायदा भी नहीं कर सकती। इंजीनियर और पायलट अपना आंदोलन जारी रखेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रबंधन ने हमें एक महीने के वेतन की पेशकश की और वह भी 10-15 दिन बाद। जब तक हमें सात महीने का वेतन नहीं मिलता हम काम नहीं करेंगे। इसलिए हमने उनकी पेशकश ठुकरा दिया।’’ किंगफिशर के शीर्ष अधिकारियों ने विमानन नियामक डीजीसीए से वादा किया था कि वे कर्मचारियों के विभिन्न वर्गों के साथ बैठक करेंगे ताकि हड़ताल खत्म की जा सके और आज यह प्रक्रिया शुरू की गई।

किंगफिशर के मुख्य कार्यकारी संजय अग्रवाल और यूबी समूह के मुख्य वित्त अधिकारी रवि नेदुंगडी ने मुंबई में इंजीनियरों और पायलटों समेत वाणिज्यिक कर्मचारियों के साथ बैठक की। गुरुवार को उनकी मुलाकात दिल्ली में कर्मचारियों के साथ होने की उम्मीद है। इससे पहले दिन में नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने कहा कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) किंगफिशर के हालात पर अंतरिम रपट सौंपेगा जिसमें सुरक्षा का मामला भी शामिल होगा क्योंकि विमान इंजीनियर हड़ताल पर हैं।

किंगफिशर 8,000 करोड़ रुपये के नुकसान से जूझ रही है और उस पर 7,000 करोड़ रुपये का ऋण है। कंपनी के कई विमान या तो पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने वापस ले लिया है या फिर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकार ने पिछले कुछ महीने से बकाए का भुगतान न करने के कारण उनकी उड़ान बंद कर रखी है।

मंत्री ने कहा कि किंगफिशर को परिचालन शुरू करने के लिए डीजीसीए की सहमति की जरूरत है जिसने कंपनी को कहा है कि वह एक रपट सौंपे जिसमें अन्य चीजों अलावा इस बात का जिक्र हो कि उसके विमान उड़ने लायक हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि विजय माल्या के स्वामित्व वाली विमानन कंपनी गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही है और डीजीसीए उड़ान शुरू करने की अनुमति देने से पहले परिचालन सुरक्षा से जुड़े सभी आयामों के संबंध में संतुष्ट होना चाहेगी।

विमानन कंपनी से प्राप्त सूचना और अपने निष्कर्ष के आधार डीजीसीए अगले कुछ दिनों में सुरक्षा मानकों के आधार पर अंतरिम रपट सौंपेगा। मंत्री ने कहा ‘‘हम तभी विमानन कंपनी के परिचालन पर फैसला लेंगे।’’

इंजीनियरों और पायलटों की हड़ताल के मद्देनजर 4 अक्तूबर तक आंशिक तालाबंदी की घोषणा के बाद विमानन कंपनी के मुख्य कार्यकारी अग्रवाल ने भरोसा जताया था कि अगले कुछ दिनों में हालात सुधर जाएंगे। उन्होंने कहा ‘‘हम 4 अक्तूबर को अपना परिचालन फिर से शुरू करने के बारे में विचार करेंगे।’’

लेखक NDTV Profit Desk
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