Rahul Yadav: फंडिंग के पैसे से ऐश, कंपनी डुबोई, अब कानूनी पचड़े में फंसे! राहुल यादव और इंफो एज के FIR की पूरी कहानी ये रही

राहुल यादव का नाम और भी कुछेक स्टार्टअप्स के लिए जाना जाता है, जिनमें housing.com भी शामिल है, जो कि अब इनकी नहीं रही.

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4B Networks' Rahul Yadav: देश में पिछले कुछ वर्षों में स्टार्टअप्स की एक लहर-सी देखने को मिली है, इनमें से ज्यादातर कामयाबी का स्वाद चखने में नाकाम रहे हैं तो कई सारे स्टार्टअप्स ने सफलता के झंडे भी गाड़े हैं, जबकि कुछ यूनिकॉर्न की लिस्ट में भी शामिल हुए हैं. स्टार्टअप्स की इसी भीड़ में एक नाम आया 4B नेटवर्क्स के बैनर तले ब्रोकर नेटवर्क कंपनी का. इसके फाउंडर हैं, राहुल यादव.

राहुल यादव का नाम और भी कुछेक स्टार्टअप्स के लिए जाना जाता है, जिनमें housing.com भी शामिल है, जो कि अब इनकी नहीं रही. इनके वेंचर्स जितने जोर-शोर से शुरू होते हैं, उनके डूबने की कहानी भी उतनी ही तेजी से लिखी जाती रही है.

राहुल के प्रॉपर्टी टेक स्टार्टअप 4B नेटवर्क्स के बारे में भी मिड 2023 से ही निगेटिव खबरें सामने आने लगी थीं. ताजा कहानी में आगे बढ़ने से पहले थोड़ा पीछे चलकर राहुल के बारे में जान लेते हैं.

पढ़ाई-लिखाई में अव्वल

राहुल यादव राजस्थान के अलवर के रहने वाले हैं. 10वीं क्लास तक दूसरे छात्रों से काफी पीछे रहने वाले राहुल ने 12वीं 75% नंबर लाकर सबको चौंका दिया था. वे राजस्थान में PCM यानी फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स स्ट्रीम में टॉपर रहे थे. इसके बाद उन्होंने IIT प्रवेश परीक्षा के लिए स्कॉलरशिप भी हासिल की. एंट्रेंस एग्जाम निकालने के बाद IIT-Bombay के लिए उनका सेलेक्शन हो गया.

स्टार्टअप्स के 'बैड ब्वॉय'

IIT में पढ़ाई के दौरान ही राहुल और उनके दोस्त आदित्य शर्मा का ध्यान इस ओर गया कि लोग मुंबई में घर खोजने के लिए परेशान हो रहे हैं. उन्हें भी ऐसी दिक्कत झेलनी पड़ी थी. इस परेशानी ने उन्‍हें घर खोजने के लिए ऑनलाइन स्टॉर्टअप का आइडिया दिया. 2012 में IIT से पास आउट होते ही उन्होंने हाउसिंग डॉट कॉम की ​नींव डाली.

देखते ही देखते ही ये बेहद मशहूर हो गया और इसकी सफलता देख सॉफ्टबैंक जैसे बड़े निवेशकों ने इसमें पैसे लगाए. दिसंबर 2014 में जापान के सॉफ्टबैंक के 550 करोड़ रुपये के निवेश के साथ हाउसिंग डॉट कॉम का मूल्यांकन 1,500 करोड़ रुपये हो गया था.

राहुल यादव का पहला वेंचर housing.com जब शुरू हुआ था, तब राहुल की गिनती देश के युवा स्टार्टअप मिलियनेयर्स में होती थी. लेकिन उनके काम करने के तरीकों से परेशान होकर निवेशकों ने उन्हें ही बाहर का रास्ता दिखा दिया. बाद में इस कंपनी का प्रॉपटाइगर के साथ विलय हो गया.

राहुल ने Exambaba.com की भी शुरुआत की थी, जो पुराने परीक्षा के प्रश्नपत्रों का एक ऑनलाइन क्‍वेश्‍चन बैंक था. हाला‍ंकि बाद में उन्हें ये साइट बंद करने को कहा गया. राहुल ने 4B नेटवर्क्स की शुरुआत की तो इसके साथ भी वही हश्र हुआ. काम में लापरवाही, फर्जी तरीके, फंडिंग के पैसे का बेजा इस्‍तेमाल जैसे कई कारण रहे, जिसकी वजह से ये कंपनी भी डूब गई.

फंडिंग के पैसे से राहुल यादव ने की ऐश!

जून 2023 में न्यूज एजेंसी IANS ने खबर दी कि 4B नेटवर्क्स के कुल 280 करोड़ रुपये की फंडिंग कथित रूप से डूब गई है. खबर में एक ओर जहां कंपनी के कर्मचारियों को महीनों से सैलरी नहीं दिए जाने के आरोप थे, वहीं दूसरी ओर फाउंडर राहुल यादव की बेहद आलीशान जिंदगी की भी खूब चर्चा थी.

रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी को हो रहे भारी नुकसान के बीच राहुल यादव पर कंपनी के पैसे से ऐश करने के आरोप लगे. उनके पास मर्सिडीज-मेबैक जैसी शानदार गाड़ियों का कलेक्शन, ताज लैंड में 80,000 रुपये/दिन के हिसाब से किराये पर शानदार बोर्ड रूम वगैरह खूब चर्चा में रहा. दिक्कत इस बात की थी कि राहुल खुद के ऐश-ओ-आराम पर करोड़ों खर्च कर रहे थे, जबकि कंपनी के कर्मचारियों को महीनों से सैलरी नहीं दी गई थी.

280 करोड़ रुपये
का इस्तेमाल केवल डेढ़ साल में कर लिया गया.

खबरों के मुताबिक, ब्रोकर नेटवर्क ने 18 महीने की छोटी अवधि में 280 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर लिया, लेकिन अपने 150 से अधिक कर्मचारियों को नवंबर, 2022 से सैलरी देने में नाकाम रही. इस प्वाइंट पर भी विवाद सामने आया, जब राहुल यादव ने अपने पुराने कर्मियों को पर्सनल लोन लेकर सभी कर्मचारियों की सैलरी देने को कहा. एक उच्च अधिकारी के लोन लेने की भी खबर आई थी, जिसने लंबे समय तक पैसे न लौटाए जाने की स्थिति में क्रिमिनल कंप्लेन दर्ज कराई.

इंफो एज ने लगाए करोड़ों, डूब गए

नौकरी डॉट कॉम की पैरेंट कंपनी इंफो एज (Info Edge) ने 4B नेटवर्क्स में 57% हिस्सेदारी 276 करोड़ रुपये में खरीदी थी. बाद में इसने कंपनी को 12 करोड़ रुपये डेट फाइनेंसिंग के तौर पर भी दिया था. यानी कुल मिलाकर इंफोएज ने 288 करोड़ रुपये डाले.

4B नेटवर्क्स, जिसका मुख्य काम प्रॉपर्टी एजेंट्स और ब्रोकर्स को सर्विस देना था, राहुल यादव की लापरवाही के चलते ठीक से चल नहीं पाया और डूब गया. ऐसे में इंफो एज के भी सारे पैसे डूब गए. इंफो एज (Info Edge) ने 4B नेटवर्क्स का ऑडिट कराने का फैसला लिया. इसने 4B नेटवर्क्स में लगाए गए 276 करोड़ रुपये को राइट-ऑफ भी कर दिया, यानी इसे डूबा हुआ मान लिया है.

4B नेटवर्क्स और राहुल के खिलाफ केस

इंफो एज को काफी पहले से ही गड़बड़झालों के बारे में जानकारी थी. कंपनी ने पिछले साल 10 फरवरी, 1 जून और 26 जुलाई 2023 को एक्सचेंजेज को सार्वजनिक जानकारी देकर 4B नेटवर्क्स के संबंध में चिंताओं के बारे में बताया था. पिछले साल अगस्त में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एडवरटाइजिंग फर्म इंटरस्पेस कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड को धोखा देने के आरोप में 4B नेटवर्क्स, इसके फाउंडर राहुल यादव और अधिकारी संजय सैनी के खिलाफ FIR दर्ज की थी.

इंफो एज ने एक्सचेंजेज को दी गई सूचना में बताया है कि इसने अपनी इनडायरेक्ट सब्सिडियरी 4B नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिडेट के अधिकारियों के खिलाफ FIR करवाई है.

फंड से जुड़ी धोखाधड़ी के बाद इंफो एज की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी 'ऑलचेकडील्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Allcheckdeals India Private Limited (AIPL) ने ये मामला दर्ज कराया है.

मुंबई पुलिस के बांद्रा थाने में दर्ज FIR में राहुल यादव, देवेश सिंह, प्रतीक चौधरी और संजय सैनी सहित 4B नेटवर्क्स प्राइवेट के कई अधिकारियों का नाम शामिल है. इन लोगों पर कथित वित्तीय घोटाले में शामिल होने का आरोप है. इंफो एज ने एक्सचेंज फाइलिंग में ये भी बताया कि इस कानूनी कार्रवाई के बावजूद, उसके बिजनेस पर इसका कोई वित्तीय असर नहीं पड़ेगा.

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