अप्रैल में लोगों ने जमकर भरी उड़ान, कौन सी एयरलाइन रही समय की पाबंद?

कोरोना महामारी के झटके के बाद एविएशन इंडस्ट्री तेजी से उबर रही है और इसमें तेजी से रिकवरी देखी जा रही है.

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देश की एविएशन इंडस्ट्री में तेजी से रिकवरी हो रही है. मार्च के बाद अप्रैल में भी देश में हवाई यात्री यातायात (Air Passenger Traffic) अपनी रफ्तार बनाए हुए है. मार्च में ये आंकड़ा 3 साल के उच्च स्तर पर था, जबकि अप्रैल में भी इसमें कोई अंतर नहीं आया है.

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल के अप्रैल की तुलना में हवाई यातायात 22% बढ़कर 1.29 करोड़ हो गया. ये आंकड़ा दिसंबर 2019 में अब तक के सबसे अधिक 1.30 करोड़ के मासिक ट्रैफिक के करीब है.

कोरोना महामारी के झटके के बाद एविएशन इंडस्ट्री तेजी से उबर रही है. कोविड कंट्रोल के लिए सरकार को हवाई यात्राओं पर पाबंदियां लगानी पड़ी थी, जिसका एविएशन इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ा. अब देश का घरेलू विमानन उद्योग तेजी से रिकवर हो रहा है.

इंडिगो फिर से टॉप पर

इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड की कंपनी इंडिगो ने 57.5% की बाजार हिस्सेदारी के साथ अपना शीर्ष स्थान बनाए रखा है. मार्च में ये आंकड़ा 56.8% था. इसने महीने-दर-महीने 70 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी के साथ सबसे ऊंचे पायदान पर जगह बनाए रखी है.

टाटा ग्रुप की भागीदारी

टाटा समूह की एयरलाइंस की बाजार में हिस्सेदारी 24.9% रही. पिछले महीने ये आंकड़ा 25.3% था. टाटा समूह की विस्तारा (Vistara Airlines) की बाजार हिस्सेदारी 8.7% रही. इसके बाद 8.6% बाजार हिस्सेदारी के साथ एयर इंडिया (Air India) रही.

दोनों एयरलाइंस ने 20 बेसिस पॉइंट्स की गिरावट देखी. वहीं, एयरएशिया इंडिया (AirAsia India) ने अप्रैल में बाजार हिस्सेदारी के अपने मार्च वाले आंकड़े (7.6%) को बरकरार रखा.

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बाकी एयरलाइंस का हाल

वाडिया ग्रुप की संकटग्रस्त एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) की बाजार हिस्सेदारी मार्च के 6.9% से और नीचे गिर कर अप्रैल में 6.4% पर आ गई. इसी महीने की शुरुआत में एयरलाइंस ने दिवालियापन संरक्षण (Bankruptcy Protection) के लिए याचिका दायर की थी.

अल्ट्रा-लो-कॉस्ट कैरियर स्पाइसजेट लिमिटेड (SpiceJet Ltd) ने भी अपनी बाजार हिस्सेदारी में मार्च की तुलना में 60 बेसिस पॉइंट्स की गिरावट देखी और इसकी बाजार हिस्सेदारी 5.8% रही.

एविएशन सेक्टर की नई खिलाड़ी आकासा एयर (Akasa Air) की बाजार हिस्सेदारी मार्च के 3.3% से बढ़कर अप्रैल में 4% हो गई.

समय के कितने पाबंद?

अप्रैल में 94% ऑन-टाइम प्रदर्शन के साथ आकासा एयर समय की सबसे ज्यादा पाबंद रही. वहीं, एयर इंडिया ने इंडिगो से आगे बढ़कर दूसरा स्थान हासिल किया. एयर इंडिया की 91.1% उड़ानें समय पर रहीं, जबकि इंडिगो की 89.6% उड़ाने ऑन-टाइम रहीं.

Go First का ऑन-टाइम प्रदर्शन मार्च के 49.2% से घटकर अप्रैल में 41.7% हो गया. वहीं स्पाइसजेट के लिए समयबद्धता का आंकड़ा मार्च के 63.6% से बढ़कर अप्रैल में 69.2% तक गया.

पैसेंजर लोड फैक्टर की बात करें तो स्पाइसजेट (SpiceJet) टॉप पर रहा. स्पाइसजेट का लोड फैक्टर 92.2% रहा. यानी औसतन हर उड़ान पर स्पाइसजेट फ्लाइट की 100 में से महज 8 (7.8) सीटें खाली रहीं. इसके बाद विस्तारा 92.1% और गो फर्स्ट 91.2% पर रहा.

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