Air India-Vistara Merger: विलय का रास्ता साफ, सिंगापुर एयरलाइंस को सरकार से मिली FDI की मंजूरी

इस विलय का ऐलान नवंबर, 2022 में किया गया था, ये डील पूरी होने के बाद सिंगापुर एयरलाइंस की एयर इंडिया में 25.1% हिस्सेदारी होगी.

Source: Company website

टाटा ग्रुप की एयरलाइन एयर इंडिया (Air India) और सिंगापुर एयरलाइंस (SIA) के ज्वाइंट वेंचर से बनी एयरलाइन विस्तारा का प्रस्तावित मर्जर जल्द ही पूरा हो जाएगा. सिंगापुर एयरलाइंस ने शुक्रवार को ये बताया कि उसे इस प्रस्तावित मर्जर के हिस्से के रूप में एयर इंडिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के लिए भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है.

विलय पूरा होने की दिशा में बड़ा कदम: SIA

सिंगापुर एयरलाइंस ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है कि FDI की मंजूरी मिलना, एंटी-ट्रस्ट और विलय नियंत्रण मंजूरी के साथ-साथ अब तक हासिल दूसरी सरकारी और रेगुलेटरी मंजूरी, प्रस्तावित विलय के पूरा होने की दिशा में एक बड़ा कदम है. सिंगापुर एयरलाइंस (SIA) और टाटा ग्रुप इस डील को पूरा करने के लिए विलय की समयसीमा को 31 अक्टूबर, 2024 से बढ़ाने पर चर्चा कर रहे हैं.

इस विलय का ऐलान नवंबर, 2022 में किया गया था, ये डील पूरी होने के बाद सिंगापुर एयरलाइंस की एयर इंडिया में 25.1% हिस्सेदारी होगी. टाटा संस के पास 73.8% हिस्सेदारी होगी और SBICAP ट्रस्टी कंपनी के पास 1.52% हिस्सेदारी होगी.

इसी साल मार्च में, सिंगापुर की कंपटीशन एंड कंज्यूमर कमीशन ने प्रस्तावित डील के लिए सशर्त मंजूरी दी थी, जबकि जून में NCLT ने विलय को हरी झंडी दे दी थी. इससे पहले सितंबर 2023 में इस मर्जर को कुछ शर्तों के अधीन कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया से मंजूरी मिली थी.

आसमान में छिड़ेगी जंग

एयर इंडिया और विस्तारा मिलकर मौजूदा मार्केट लीडर इंडिगो, स्पाइसजेट और अकासा एयर जैसे घरेलू प्रतिद्वंद्वियों को टक्कर देंगी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में, भारतीय एयरलाइंस ने करीब 1.3 करोड़ यात्रियों को सेवाएं दीं, जो पिछले साल के मुकाबले 7.3% की ग्रोथ को दर्शाता है.

इंडिगो का भारतीय एविएशन मार्केट पर अब भी दबदबा है, उसकी बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 62% हो गई. इसके उलट एयर इंडिया की हिस्सेदारी घटकर 14.3% रह गई है. पिछले महीने विस्तारा की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 10% हो गई, जबकि AIX कनेक्ट और स्पाइसजेट के शेयरों में 4.5% और 3.1% की गिरावट देखी गई. अकासा एयर और अलायंस एयर की बाजार हिस्सेदारी में भी गिरावट आई और ये 4.7% और 0.9% तक गिर गई.