मेटल किंग अनिल अग्रवाल का बड़ा दांव; सऊदी अरब में 2 बिलियन डॉलर के निवेश से कॉपर स्मेलटर लगाएगा वेदांता ग्रुप

मंगलवार को जारी स्टेटमेंट के मुताबिक, वेदांता मेटल्स 2 बिलियन डॉलर के इन्वेस्टमेंट से 4 लाख मीट्रिक टन/साल की क्षमता वाली नई रिफाइनरी और स्मेलटर का निर्माण करेगी.

प्रतीकात्मक फोटो

भारतीय उद्योगपति और मेटल किंग अनिल अग्रवाल की मेटल एंटरप्रेन्योरशिप की झलक देखने के लिए सऊदी अरब तैयार है. दरअसल उनकी कंपनी वेदांता बेस मेटल्स सऊदी अरब में 2 बिलियन डॉलर का बड़ा निवेश कर कॉपर स्मेलटर लगाने जा रही है. साथ में कॉपर रॉड्स फैसिलिटी भी सेटअप की जाएगी.

मंगलवार को जारी स्टेटमेंट के मुताबिक वेदांता मेटल्स 4 लाख मीट्रिक टन/साल की क्षमता वाली नई रिफाइनरी और स्मेलटर का निर्माण करेगी. वेदांता कॉपर रॉड्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए 3 लाख टन/साल की क्षमता वाली एक फैसिलिटी का निर्माण भी करेगी. ये कॉपर रॉड्स इलेक्ट्रिक केबल्स के लिए अहम कच्चा माल होती हैं.

क्राउन प्रिंस की प्लानिंग को मिलेगा बल

कुलमिलाकर इस कवायद से सऊदी अरब की मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में खुद को मजबूत माइनिंग हब बनाने की कोशिशों को भी बल मिलेगा. साथ ही क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की तेल केंद्रित अर्थव्यवस्था में विविधता लाने की कवायद भी तेज होगी.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में वेदांता बेस मेटल्स के CEO क्रिस ग्रिफिथ के हवाले से कहा गया है, 'कॉपर की मांग को नजरअंदाज करना नामुमकिन है. ये प्रोजेक्ट कंपनी की भारत और मिडिल ईस्ट में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने की स्ट्रैटेजी के साथ-साथ सऊदी अरब की अपनी कॉपर सप्लाई चेन बनाने की इंडस्ट्रियल ग्रोथ स्ट्रैटेजी से भी मेल खाता है.'

हालांकि चीन, भारत और इंडोनेशिया में खुले नए स्मेलटर्स के चलते सऊदी अरब की राह आसान नहीं होने वाली है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक कच्चे माल को रिफाइंड प्रोडक्ट में बदलने के लिए लगने वाली प्रोसेसिंग फीस अगले साल रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच सकती है. सऊदी अरब का मानना है कि देश में करीब 2.5 ट्रिलियन डॉलर का फॉस्फेट, कॉपर, गोल्ड और बॉक्साइट भंडार है.