Apple, Google में हो सकती है बड़ी डील, AI को लेकर दोनों कंपनियों के बीच बातचीत

गूगल और एप्पल दोनों को इस समय एक-दूसरे के सपोर्ट की जरूरत है. ये दोनों मोबाइल प्लेटफॉर्म्स के तौर पर लंबे समय से मुकाबला करते रहे हैं.

ऐसी कई वजहें हैं जिसकी वजह से एप्पल (Apple) के शेयर की स्थिति अच्छी नहीं है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इसकी बड़ी वजह ये है कि निवेशकों को लगता है कि कंपनी के पास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) पर कोई सही कहानी नहीं है. इससे उनका मतलब है कि चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर टिम कुक के पास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर कोई प्लान नहीं है.

गूगल के पास AI को लेकर प्लान

वहीं गूगल (Google) के पास AI को लेकर प्लान है. उसका जेमिनी मॉडल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से ज्यादा जॉर्ज वॉशिंगटन की ब्लैक मैन और पोप की एशियन वुमेन के तौर पर अपनी व्याख्या के लिए जाना जाता है. हालांकि गूगल इस गलती के बाद जेमिनी की खामियों को दूर करने पर काम कर रहा है.

कुल मिलाकर गूगल और एप्पल दोनों को इस समय एक-दूसरे के सपोर्ट की जरूरत है. ये दोनों मोबाइल प्लेटफॉर्म्स के तौर पर लंबे समय से मुकाबला करते रहे हैं. लेकिन अब दोनों के बीच समझौते की खबरें हैं. इसके तहत एप्पल के आईफोन पर गूगल के जेमिनी AI उपलब्ध कराया जाएगा. इससे दोनों कंपनियों के लिए छोटी अवधि में दिक्कतों का समाधान हो सकता है.

जेमिनीफोन हो सकता है नाम

इसका नाम जेमिनीफोन रखा जा सकता है. एप्पल के ग्राहकों को ये नाम पसंद आएगा. इससे एप्पल के ग्राहकों को अच्छी AI टेक्नोलॉजी का अनुभव मिलेगा. हालांकि एप्पल चाहता था कि वो ऐसी टेक्नोलॉजी को खुद डेवलप करे. लेकिन अभी वो इस दौड़ में पीछे छूट गया है.

गूगल बेहतर AI कैपिबिलिटी उपलब्ध कराता है. हालांकि समझौते की डिटेल्स को अभी तय नहीं किया गया है. इस पर अभी पूरी तरह से सहमति नहीं बन सकी है. लेकिन ये एप्पल और गूगल की सर्च को लेकर डील के समान है. इसमें गूगल iOS डिवाइसेज पर डिफॉल्ट सर्च इंजन के लिए बड़ा भुगतान करता है.

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