BharatPe fraud case: अशनीर ग्रोवर की मुश्किल बढ़ी, भारतपे धोखाधड़ी मामले में ब्रदर-इन-लॉ हुए गिरफ्तार

भारतपे धोखाधड़ी मामले में अशनीर ग्रोवर के ब्रदर-इन-लॉ को गिरफ्तार कर लिया गया है. ये गिरफ्तारी भारतपे के फंड्स की कथित हेराफेरी के मामले में की गई है.

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भारतपे (BharatPe) के फाउंडर और पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर अशनीर ग्रोवर के परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. भारतपे मामले में अशनीर के एक रिश्तेदार उनके ब्रदर-इन-लॉ को गिरफ्तार कर लिया गया है. ये गिरफ्तारी भारतपे के फंड्स की कथित हेराफेरी के मामले में की गई है.

मई 2023 में अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी के खिलाफ विश्वासघात, धोखाधड़ी और जालसाजी सहित आरोपों के लिए दर्ज की गई FIR के बाद ये गिरफ्तारी हुई है.

दीपक गुप्ता, अशनीर ग्रोवर की बहन के पति हैं. ANI के मुताबिक, दीपक गुप्ता को फिलहाल EOW पुलिस स्टेशन में रखा गया है और शनिवार को साकेत कोर्ट में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) के सामने पेश किया जाएगा.

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दिसंबर 2022 में भारतपे ने को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी ग्रोवर, उनके भाई श्वेतांक जैन, उनके पिता सुरेश जैन और दीपक गुप्ता सहित पांच व्यक्तियों के खिलाफ EOW में शिकायत दर्ज की थी. शिकायत के बाद आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने मई 2023 में धोखाधड़ी के मामले में ग्रोवर, माधुरी और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर FIR दर्ज की गई थी.

81 करोड़ की हेराफेरी का है आरोप

भारतपे के पूर्व MD अशनीर ग्रोवर पर पिछले साल कंपनी के फंड में हेराफेरी का आरोप लगा था, जिसकी वैल्यू 81 करोड़ रुपये बताई गई थी. EOW ने अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी समेत 5 लोगों पर 8 अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया था. इसमे बैंकिंग, बिजनेस और एजेंट्स से धोखाधड़ी की गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ था.

क्या था भारतपे का आरोप?

BharatPe ने आरोप लगाया था कि ग्रोवर और उनके परिवार ने कंपनी को लगभग 81.3 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है. इसमें फर्जी ह्यूमन रिसोर्स कंसल्टेंट को उनकी सेवाएं देने के लिए 7.6 करोड़ रुपये का पेमेंट शामिल है. ये पेमेंट 86 फर्जी इनवॉइस के आधार पर लगाया गया है. इसे लेकर अशनीर की आरोपी से सांठगांठ भी थी.

भारतपे ने इनपुट टैक्स क्रेडिट, GST अथॉरिटीज को पेनल्टी की पेमेंट जो कि 1.66 करोड़ रुपये थी - फर्जी लेनदेन और 71.76 करोड़ रुपये का गबन का भी आरोप लगाया है. BharatPe ने ये भी आरोप लगाया था कि आरोपी व्यक्तियों से जुड़ी ट्रैवल एजेंसियों को गलत तरीके से पेमेंट की गई. इसके साथ नकली और जाली इनवॉइस का इस्तेमाल कर माधुरी जैन ने रीइंबर्समेंट किया है. माधुरी जैन ने सबूतों को भी खत्म कर दिया है.