IMF की बैठक के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वॉशिंगटन में हैं. जहां वो देश और दुनिया की इकोनॉमी से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा कर रही हैं. इस बीच वित्त मंत्री ने भारत की इकोनॉमी से लेकर रोजगार, क्रिप्टो और अदाणी-हिंडनबर्ग मामले पर कई जरूरी बातें कहीं हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि अगर हाल ही में हुए OPEC+ प्रोडक्शन कट से पावर कॉस्टिंग में इजाफा होता है तो दक्षिण एशियाई देश रूसी कच्चे तेल को G-7 द्वारा लगाए गए प्राइस कैप के पास या उससे अधिक पर खरीद सकते हैं.
उन्होंने कहा कि हमें लगातार आकलन करते रहना होगा ताकि पता चल सके कि बेहतर डील कहां से मिल रही है क्योंकि कच्चा तेल इकोनॉमी के लिए एक अहम इनपुट है.
अदाणी-हिंडनबर्ग मामले पर बोलीं वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'भारत सरकार कंपनियों से दूरी बनाकर रखती है. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाला एक पैनल अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अदाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करेगा. जब न्यायपालिका इस मामले को देख रही है तो हमें लगता है कि इस पर टिप्पणी करना अनुचित होगा.'
रोजगार पर वित्तमंत्री का बयान
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, 'अब हमारा जोर रिक्त नौकरियों को भरने पर है जो पहले से ही स्वीकृत हैं या सरकार में उपलब्ध हैं. निजी क्षेत्र में काफी कौशल विकास हो रहा है.'
क्रिप्टोकरेंसी
सीतारमण ने कहा कि रिपोर्ट बताती है कि क्रिप्टोकरेंसी, मैक्रो-स्टेबिलिटी के पहलू से जुड़ी है. अगर G-20 सदस्यों के बीच आम सहमति है, तो हम एक कॉमन फ्रेमवर्क की तरफ ध्यान दे सकते हैं और प्रत्येक देश को खुद का कानूनी ढांचा अपनाने के लिए छोड़ सकते हैं.
ग्रोथ पर वित्तमंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम अर्थव्यवस्था में लगातार तेजी बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं. मौजूदा समय में आंतरिक मुद्दों की जगह OPEC+ प्रोडक्शन कट और यूक्रेन-रूस युद्ध जैसे बाहरी मुद्दे ज्यादा गंभीर हैं.