भारतीय क्रिकेट में इन्वेस्टमेंट बहुत ज्यादा, रिटर्न बहुत कम

भारत क्रिकेट में वैल्युएशन को लेकर एक बबल बन गया है, क्रिकेटिंग एसेट्स की वैल्युएशन जरूरत से ज्यादा बढ़ गए हैं.

Source: BCCI X Handle

क्रिकेट वर्ल्ड कप (Cricket World Cup) खत्म हो चुका है. फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के लिए टूर्नामेंट में एकलौता बुरा दिन था. मगर क्या इससे भारतीय टीम और खिलाड़ियों के वैल्युएशन पर इसका असर पड़ेगा. शायद ऐसा नहीं है, एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारतीय क्रिकेट में बिजनेस रिटर्न या मुनाफा मैदान पर टीम के प्रदर्शन या निवेश (Investment) से सीधा जुड़ा नहीं है. Renaissance इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स प्राइवेट के फाउंडर और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर पंकज मुरारका ने एक नोट में कहा कि 'भारत ने ऑस्ट्रेलिया के मुकाबले कम वर्ल्ड कप जीते हैं. बावजूद इसके भारत क्रिकेट का फाइनेंशियल पावरहाउस है.'

खिलाड़ियों की फीस भी ज्यादा

भारत में क्रिकेट के वैल्युएशन को लेकर एक बबल बना हुआ है और वो बबल अब कभी भी टूट सकता है. मुरारका ने लिखा है कि 'भारत में क्रिकेटिंग एसेट्स की वैल्युएशन वाजिब से ज्यादा है. खिलाड़ियों की फीस ज्यादा है. गेम में जरूरत से ज्यादा पैसा लगा है.'

भारत ने अब तक 13 वर्ल्ड कप में से से सिर्फ दो ही जीते हैं. यानी 15% का स्ट्राइक रेट है. जबकि ऑस्ट्रेलिया का सक्सेस रेट 50% है. BCCI दुनिया में सबसे अमीर स्पोर्ट्स ऑर्गनाइजेशन है और भारत का क्रिकेट में निवेश किसी अन्य देश के मुकाबले कहीं ज्यादा है. लेकिन इस निवेश पर रिटर्न बहुत कम है. उनके मुताबिक इससे सवाल खड़ा होता है कि क्या क्रिकेट भारत के लिए कम रिटर्न ऑफ इंवेस्टमेंट वाला खेल है.

अन्य खेलों में निवेश करने की जरूरत

मुरारका ने लिखा कि 'बिजनेस की दुनिया में यही होता है जब किसी कंपनी में जरूरत से ज्यादा कैपिटल लगाया जाता है. उनके मुताबिक अगर भारत में किसी अन्य खेल में क्रिकेट में लगाए गए भावनात्मक, वित्तीय, इंफ्रास्ट्रक्चरल और नेशनल सपोर्ट का 10% भी मिलता तो भारत उस खेल में ग्लोबल चैंपियन बन जाता.'

मुरारका ने कहा कि 'भारत के क्रिकेट खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया प्लेयर्स के मुकाबले कई गुना ज्यादा अमीर हैं. लेकिन फिर भी क्रिकेट में भारत का दबदबा है. देश ने रिकॉर्ड छह वर्ल्ड कप जीते हैं. भारत की $2,600 प्रति व्यक्ति GDP ऑस्ट्रेलिया की $60,000 की 4% है.' उन्होंने खिलाड़ियों के प्रदर्शन और उसके रिवॉर्ड के बीच संबंध पर सवाल उठाया.

सिर्फ क्रिकेट में ये ट्रेंड

उन्होंने कहा कि 'फिर क्या ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों को कम सैलरी मिलती है. उन्होंने पूछा कि ऑस्ट्रेलिया जैसा अमीर देश अपने सबसे अच्छा खिलाड़ियों को जरूरत से कम पैसा क्यों देगा. और फिर भी देश से पीढ़ी दर पीढ़ी बेहतरीन टैलेंट निकलते रहेंगे. उनके मुताबिक किसी दूसरे पेशे में भारत के लोग ज्यादा आय वाले देश के मुकाबले अधिक नहीं कमाते. सिर्फ क्रिकेट में ये देखने को मिलता है. उन्होंने पूछा कि क्या भारत में क्रिकेटिंग एसेट्स की कीमत जरूरत से ज्यादा है.'

पंकज मुरारका ने कहा कि 'जो देश क्रिकेट खेल रहे हैं वो वर्ल्ड GDP का 10% से भी कम है. उन्होंने कहा कि भारत ने खराब रिटर्न ऑफ इंवेस्टमेंट वाले खेल में जरूरत से ज्यादा निवेश किया है. उन्होंने कहा कि हमें अपने कैपिटल आवंटन को सही करने और दूसरे खेलों में और पैसा निवेश करने की जरूरत है.'

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