डिज्नी और रिलायंस के मर्जर पर जांच की तलवार, CCI ने जारी की चेतावनी: सूत्र

CCI के सवालों का नहीं दिया तुरंत जवाब, जांच के घेरे में फंस सकता है रिलायंस और डिज्नी का मर्जर.

भारत की एंटीट्रस्ट बॉडी कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) इस नतीजे पर पहुंच गया है कि $8.5 बिलियन डॉलर के रिलायंस और वॉल्ट डिज्नी के मर्जर से प्रतिद्वंद्वियों को नुकसान पहुंचेगा. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने चार सूत्रों के हवाले से ये खबर छापी है. जिनके मुताबिक CCI को लगता है कि कंपनियों के पास क्रिकेट ब्रॉडकास्टिंग राइट्स होने की वजह से ये कंपटीशन बढ़ने की संभावना है.  

दोनों कंपनियों के मर्जर के लिए ये एक बड़ा झटका साबित हो सकता है. रॉयटर्स के एक सूत्र के मुताबिक CCI ने रिलायंस और डिज्नी को निजी तौर पर पूछा है कि उनके मर्जर की जांच क्यों न की जाए?

एक सूत्र ने तो यहां तक कह दिया कि ‘ क्रिकेट CCI के लिए सबसे तकलीफदेह मुद्दा है’.

क्या है माजरा?

CCI को लगता है कि दोनों कंपनियों के मर्जर के बाद जो कंपनी बनेगी उसके ज्यादतार अधिकार मुकेश अंबानी की रिलायंस के पास होंगे, जिससे कई बिलियन डॉलर के क्रिकेट ब्रॉडकास्टिंग पर उनका एकाधिकार बनने का डर है, जिससे एडवरटाइजर्स और प्राइसिंग पावर पर खतरा खड़ा हो सकता है.

सूत्रों के मुताबिक CCI ने जो सवाल दोनों कंपनियों से पूछे हैं उनका जवाब कंपनियों ने तुरंत नहीं दिया है.  

फरवरी में घोषित ये मर्जर भारत का सबसे बड़ा एंटरटेनमेंट प्लेयर बनने जा रहा है. जिसपर CCI ने दोनों कंपनियों को चेतावनी दी है कि इन्हें कड़ी जांच का सामना करना पड़ सकता है. मर्जर के बाद ये एंटरटेनमेंट प्लेयर सोनी, जी एंटरटेनमेंट, नेटफ्लिक्स और अमेजन को 120 TV चैनल्स और 2 स्ट्रीमिंग सर्विसेस के साथ सीधे टक्कर देगा.

CCI ने पूछे थे 100 सवाल!

रॉयटर्स के सूत्रों के मुताबिक, CCI ने इस मर्जर पर पहले भी रिलायंस और डिज्नी से करीब 100 सवाल पूछे थे, जिसके जवाब में कंपनियों ने CCI को बताया कि बाजार में चिंता कम करने और जल्दी अप्रूवल के लिए वे 10 TV चैनल बेचने को भी तैयार हैं. पर दोनों ही क्रिकेट छोड़ने के पक्ष में नहीं हैं. वैसे भी इस प्रोसेस में क्रिकेट बोर्ड की मंजूरी लेनी पड़ेगी, जिसमें काफी समय लग सकता है.

एक दूसरे सूत्र ने बताया कि CCI का नोटिस भले ही मर्जर के अप्रूवल में देरी करवा सकता है, लेकिन कंपनियां और ज्यादा रियायतें देकर इसका हल कर सकती हैं.

वहीं एक सूत्र ने बताया कि ‘ ये नोटिस चीजें मुश्किल होने की एक निशानी है, CCI को लगता है कि इस मर्जर से प्रतिद्वंद्वियों को नुकसान पहुंचेगा और जो रियायतें दी जा रही हैं, वो भी काफी नहीं हैं’.

रॉयटर्स के सूत्र ने ये भी बताया कि CCI  ने कंपनियों को 30 दिनों में जवाब देने को कहा है. जिसमें एडवरटाइजर्स के प्राइसिंग पावर की चुनौतियों पर कंपनी को जवाब देना है. साथ ही एक सूत्र ने कही कि CCI की चिंता है कि इस मर्जर से लाइव इंवेट्स में एडवरटाइजर्स के लिए रेट्स में बढ़ोतरी हो सकती है.

जेफरीज ने कही कि रिलायंस और डिज्नी के मर्जर से बनी कंपनी एडवरटाइजिंग मार्केट और स्ट्रीमिंग सेगमेंट का 40% शेयर रखेगी.

क्रिकेट की दीवानगी भारत में अलग ही स्तर पर है, जो एडवरटाइजर्स भी बखूबी जानते हैं. रिलायंस और डिज्नी के मर्जर से बनी कंपनी डिजीटल और TV क्रिकेट राइट्स पर एकाधिकार रखेगी. दुनिया की सबस बड़ी लीग्स जिसमें IPL भी शामिल हैं उनका अधिकार इस कंपनी के पास होगा, जिससे CCI की चिंता बढ़ती है.

CCI में मर्जर के पूर्व प्रमुख के के शर्मा ने कहा हो सकता है कि इस मर्जर से करीब पूरे क्रिकेट ब्रॉडकास्टिंग पर एकाधिकार हो जाए.

साल 2022 में जी और सोनी के $10 बिलियन के मर्जर को भी ऐसा ही नोटिस मिला था. बाद में तीन TV चैनल बेचने पर कंपनियों को CCI का अप्रूवल तो मिल गया, पर मर्जर नहीं हो पाया था.

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