सिक्योरिटीज एंड अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) ने शुक्रवार को अंबानी परिवार पर 25 करोड़ रुपये के जुर्माना लगाने के आदेश को खारिज कर दिया है. उसने कहा कि क्योंकि अपीलेंट ने SEBI (सब्सटेंशियल एक्वेजिशन ऑफ शेयर्स एंड टेकओवर्स) रेगुलेशन्स के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं किया है, तो अपील करने वाले पर लगाया गया जुर्माना बिना किसी कानूनी अथॉरिटी के है.
अंबानी परिवार के 15 सदस्यों पर लगा था जुर्माना
SAT ने सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया को रेगुलेटर द्वारा लगाए गए आरोपों के विरोध के तहत डिपॉजिट की गई पेनल्टी को रिफंड करने का निर्देश दिया है. 2021 में, मार्केट रेगुलेटर ने अंबानी परिवार के 15 सदस्यों पर जुर्माना लगाया था, जिनमें मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी और नीता अंबानी शामिल थे. इन पर टेकओवर कोड के प्रावधानों का उल्लंघन के आरोप में पेनल्टी लगाई गई थी.
वो साल 2000 में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड में अपनी प्रमोटर शेयरहोल्डिंग को बढ़ाते समय ओपन ऑफर नहीं पेश कर पाए थे. सेबी के मुताबिक, अधिग्रहण 1994 में जारी किए गए शेयर वॉरेंट्स को इक्विटी शेयरों में बदलकर किया गया था.
क्या था पूरा मामला?
उस समय, टेकओवर कोड के तहत किसी भी अधिग्रहण के लिए ओपन ऑफर शेयरधारकों के लिए 5% को पार नहीं कर सकता है. सेबी ने कहा कि अंबानी ये ऑफर नहीं पेश कर सके थे, जब उनकी शेयरहोल्डिंग करीब 7% बढ़ गई थी. अंबानी 2010 में मामले का सेटलमेंट नहीं कर पाए थे, जिसके बाद जुर्माना लगाने के आदेश को पास किया गया था.
उसके बाद टेकओवर कोड में संशोधन किया गया है. अब ओपन ऑफर की जरूरत के बिना 10% तक अधिग्रहण की इजाजत दे दी गई है.