जानकारी देने में देरी की, तो सेबी ने टाटा स्टील पर 10 लाख का जुर्माना लगा दिया

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आवश्यक खुलासे में देरी करने के लिये टाटा स्टील पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कंपनी ने अपने समूह की कंपनी टिनप्लेट कंपनी आफ इंडिया लि. में अपनी शेयरधारिता बढ़ाने के बारे में खुलासा करने में देरी की थी.

फाइल फोटो

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आवश्यक खुलासे में देरी करने के लिये टाटा स्टील पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कंपनी ने अपने समूह की कंपनी टिनप्लेट कंपनी आफ इंडिया लि. में अपनी शेयरधारिता बढ़ाने के बारे में खुलासा करने में देरी की थी.

टाटा स्टील के पास फिलहाल टिनप्लेट की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है. यह समूह की अलग से सूचीबद्ध कंपनी है. यह देश की सबसे बड़ी टिनप्लेट उत्पादक है और उसके उत्पादों का इस्तेमाल प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, पेंट, बेवरेज, डेयरी और अन्य उत्पादों की कैनिंग और पैकेजिंग में होता है. सेबी ने गुरुवार को जारी आदेश में कहा कि टिनप्लेट ने 12 अक्टूबर, 2009 को टाटा स्टील को 2,19,86,099 इक्विटी शेयरों का आवंटन किया.

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इससे कंपनी में टाटा स्टील की हिस्सेदारी 30.82 प्रतिशत से बढ़कर 42.88 प्रतिशत हो गई. टाटा स्टील को इस बारे में दो कार्यदिवसों में खुलासा करना था. कथित रूप से टाटा स्टील ने यह खुलासा दो जुलाई, 2012 को किया. इसके बाद एक अप्रैल, 2011 को टिनप्लेट ने टाटा स्टील को 3,13,58,123 इक्विटी शेयर आवंटित किए. इसके बाद टाटा स्टील की कंपनी में हिस्सेदारी 42.88 प्रतिशत से बढ़कर 59.44 प्रतिशत हो गई. इस बारे में भी टाटा स्टील ने खुलासे में देरी की.

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लेखक Bhasha