टाटा के चेयरमैन ने चेताया- IT सेक्‍टर के सप्‍लाई चेन में आती रहेंगी बाधाएं! ऐसे करनी होगी तैयारी

चंद्रशेखरन ने IT सर्विस सेक्‍टर के लिए रुकावटों के मायने बताए और साथ ही ये भी बताया कि TCS उनके लिए कैसे तैयारी कर रही है.

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कोविड के चलते दुनियाभर के बाजारों को आर्थिक मंदी झेलनी पड़ी, जिससे सप्‍लाई चेन को झटका लगा है. इसको लेकर ग्‍लोबल स्‍तर पर बदलाव जारी हैं. इस बीच टाटा संस (Tata Sons) और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के चेयरमैन के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने चेताया है कि IT सेक्‍टर के लिए सप्‍लाई चेन में व्‍यवधान (Disruptions) जारी रहेगा.

उन्‍होंने कहा कि जैसे ही स्थिरता के शुरुआती संकेत दिखने लगे, वेस्‍ट एशिया में सैन्‍य संघर्ष शुरू हो गया. इन संघर्षों के और तेज होने से ग्‍लोबल सप्‍लाई चेन पर असर पड़ रहा है.

दो साल मंदी की आशंकाओं, लगातार बढ़ती महंगाई और अभूतपूर्व मॉनेटरी सख्‍ती के बाद, ग्‍लोबल मैक्रो आउटलुक अब पहले की तुलना में बेहतर दिख रहा है, जिसमें ग्रोथ इम्‍प्रूवमेंट, डिसइन्‍फलेशन और मॉनेटरी नरमी दिख रही है.
एन चंद्रशेखरन (एनुअल रिपोर्ट में)

बाधाओं से जूझने की तैयारी

चंद्रशेखरन ने एनुअल रिपोर्ट में कहा, ग्‍लोबल लेवल पर सभी इंडस्‍ट्री में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, न्‍यू एनर्जी, सप्‍लाई चेन और टैलेंट जैसे कई बड़े ट्रेंड्स नजर आए हैं, जो बिजनेस की प्राथमिकताओं को आकार दे रहे हैं.

चंद्रशेखरन ने IT सर्विस सेक्‍टर के लिए इन व्यवधानों या बाधाओं के मायने बताए और साथ ही ये भी बताया कि TCS उनके लिए कैसे तैयारी कर रही है.

उन्‍होंने कहा, 'जैसा कि ग्‍लोबल लेवल पर हम इन ट्रेंड्स का जवाब देने के लिए तैयार हैं, आपकी कंपनी के लिए हम कई अवसर देखते हैं. हर इंडस्‍ट्री इन रुझानों को अपना रही है और उनके बिजनेस को भविष्‍य के हिसाब से तैयार किया जा रहा है.'

जेनरेटिव AI और ग्‍लोबल एनर्जी ट्रांजीशन

जेनरेटिव AI टेक्‍नोलॉजी आगे चलकर लगभर हर सेक्‍टर को, हर देश को प्रभावित करेंगी. उद्यमों ने पहले ही क्‍लाउड, डेटा इंफ्रा और बड़ी प्रोसेसिंग पावर में निवेश किया है, जो AI/GenAI को मदद करेगा. उन्‍होंने कहा, 'GenAI ने केवल प्रोडक्टिविटी में सुधार करेगा, बल्कि ऐसा असर पैदा करेगा, जो न पहले देखा गया है, न ही जिसकी कल्‍पना की गई है.'

ग्‍लोबल एनर्जी ट्रांजीशन तेजी से हो रहा है. तेजी से बदलती हमारी दुनिया की एनर्जी रिक्‍वायरमेंट काफी ज्‍यादा है. मुख्‍य बात ये है कि एनर्जी कॉस्‍ट को कम करने के साथ-साथ रीन्‍यूएबल एनर्जी की ओर भी मुड़ा जाए और बदलाव किए जाएं.

चंद्रशेखरन के मुताबिक, इस बदलाव के लिए टेक्‍नोलॉजी, इलेक्ट्रिक मोबिलटी, रीन्‍यूएबल एनर्जी, हाइड्रोजन और सस्‍टेनेबल फ्यूल में बड़े निवेश की जरूरत है.

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