टाटा संस का NBFC का दर्जा बरकरार रहेगा, RBI ने कहा- रजिस्ट्रेशन रद्द करने के आवेदन से लेना-देना नहीं

RBI ने एक प्रेस रिलीज में कहा, 'टाटा संस का RBI की अपर लेयर NBFC लिस्ट में शामिल किए जाने का कंपनी की डी-रजिस्ट्रेशन की एप्लीकेशन से कोई लेना-देना नहीं है.'

Pic: Twitter @Tatacompanies

टाटा संस का 'अपर नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल' कंपनी का दर्जा बरकरार रहेगा. RBI ने ये घोषणा की है. बता दें टाटा संस इस साल अपने कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी रजिस्ट्रेशन को रद्द करने के लिए आवेदन कर चुका है. 28 मार्च को ही टाटा संस ने सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन के सरेंडर के लिए आवेदन दिया था.

RBI ने एक प्रेस रिलीज में कहा, 'टाटा संस का RBI की अपर लेयर NBFC लिस्ट में शामिल किए जाने का कंपनी की डी-रजिस्ट्रेशन की एप्लीकेशन से कोई लेना-देना नहीं है.'

RBI के स्केल बेस्ड रेगुलेशन के तौर पर CIC के तौर पर क्लासिफाई टाटा संस के 30 सितंबर 2025 को लिस्ट होने का अनुमान है. रेगुलेटर द्वारा बनाए गए नियमों के मुताबिक अपर लेयर NBFCs को तीन साल के भीतर लिस्ट करना होता है.

दरअसल माना जा रहा है कि इस दर्जे को रद्द कराने के पीछे टाटा संस का उद्देश्य RBI नियमों को बायपास करना है, ताकि कंपनी की पब्लिक लिस्टिंग ना हो और ये प्राइवेट कंपनी बनी रहे.

RBI ने बताया कि अपर लेवल NBFC के तौर पर क्वालिफाई होने के बावजूद पीरामल एंटरप्राइजेज को लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि पीरामल ग्रुप में फिलहाल पुनर्गठन चल रहा है. बीते साल ही बजाज हाउसिंग फाइनेंस को एक्सचेंज में लिस्ट किया गया था. जबकि HDB फाइनेंशियल सर्विसेज भी लिस्ट होने के क्रम में है.

दरअसल 2022 में RBI ने स्केल बेस्ड रेगुलेशन फ्रेमवर्क में संशोधन किया था, जिसके तहत अहम NBFCs पर कठोर प्रशासनिक और पारदर्शी नियमों को लागू किया गया था. इसके तहत NBFCs को टॉप, अपर, मिडिल और बेस लेयर NBFCs में वर्गीकृत किया गया है.

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