प्रॉपर्टी विवादों का 'आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस' से होगा निपटारा, UP RERA ने मंगवाए आवेदन

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML) जैसी नई टेक्नोलॉजी की जरूरत अब अदालतों तक पहुंच चुकी है. अदालतों में प्रॉपर्टी विवादों का निपटारा करने के लिए अब AI का इस्तेमाल किया जाएगा. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की मदद से ई-कोर्ट्स की अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए UP RERA ने आवेदन मंगाए हैं.

संपत्ति विवाद निस्तारण के लिए एआई का प्रयोग.

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML) जैसी नई टेक्नोलॉजी की जरूरत अब अदालतों तक पहुंच चुकी है. अदालतों में प्रॉपर्टी विवादों का निपटारा करने के लिए अब AI का इस्तेमाल किया जाएगा. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की मदद से ई-कोर्ट्स की अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए UP RERA ने आवेदन मंगाए हैं.

ई-कोर्ट को इंटेलीजेंट बनाएंगे AI, ML और NLP
UP RERA ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), मशीन लर्निंंग (ML) और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) की मदद से स्मार्ट कोर्ट के सिस्टम की डिजाइनिंग, डेवलपमेंट और इंप्लिमेंटेशन पर काम किया जाएगा. इससे बेहतरीन क्षमता वाला सुरक्षित और समझदार सिस्टम तैयार होगा जो लोगों की कंप्लेंट का जल्दी निपटारा कर सके.

क्यों पड़ी AI बेस्ड सिस्टम की जरूरत?
टेक्नोलॉजी आने वाली दुनिया का दरवाजा है. तेजी से बढ़ती आबादी के साथ हमें ऐसी ही किसी चीज की जरूरत है, जो हमारी दिक्कतों का जल्दी से जल्दी निपटारा कर सके. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) उसमें ही हमारी मदद कर रहा है. UP RERA ने कहा, चाहे बिग डेटा हो, मशीन लर्निंग, नेचुरल नेटवर्किंग, पैटर्न पहचानना, सेल्फ लर्निंग, अनुमान लगाना, डेटा साइंस और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) में इंसान से ज्यादा तेज और स्मार्ट कंप्यूटर सिस्टम हमारी मदद कर रहे हैं.

सुनवाई को शेड्यूल करने से लेकर केस की लिस्ट तैयार करने तक या फिर किसी डॉक्यूमेंट को खोजने से लेकर उसको तैयार करने तक, मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग एल्गोरिदम हमारी मदद कर सकते हैं.

अखबारों में दिए विज्ञापन
UP RERA ने जानकारी दी कि उसने हिंदी और अंग्रेजी के दैनिक अखबारों में इसके लिए आवेदन निकाले हैं. EOI डॉक्यूमेंट्स को UP-RERA की वेबसाइट http://www.up-rera.in से डाउनलोड किया जा सकता है. आवदेन देने की अंतिम तारीख 26 मई 2023, दोपहर 3 बजे तक है. कंसल्टेंट चाहें तो ऑनलाइन फॉर्म भी भरकर जमा कर सकते हैं. जो कि वेबसाइट पर उपलब्ध है.

लेखक NDTV Profit Desk