दिसंबर आते-आते हम अपने पूरे साल का लेखा-जोखा टटोलना शुरू कर देते हैं. अब 2023 भी अपनी विदाई पर है. 2023 बिजनेस जगत के लिए खासा उथल-पुथल भरा रहा. कई बड़े मर्जर हुए, तो कई अहम डीमर्जर किए गए. कुछ ऐसे कोर्ट फैसले आए, जिनका असर पूरी इंडस्ट्री पर आने वाले सालों तक रहेगा. फिर कुछ कंपनियों को तगड़े झटके भी लगे. बनी-बनाई डील टूट गईं. यहां हम सालभर की ऐसी ही चुनिंदा सुर्खियों पर नजर डालने वाले हैं.
1- HDFC और HDFC बैंक का मर्जर
इस साल HDFC लिमिटेड और HDFC बैंक के मर्जर का डेवलपमेंट काफी चर्चा में रहा. जुलाई, से लागू हुए इस मर्जर के बाद HDFC बैंक दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में शामिल हो गया है. Q4FY23 नतीजों के मुताबिक, बैंक की लोन बुक अब 23.38 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुकी है. जबकि कुल डिपॉजिट 20.35 लाख करोड़ रुपये हो गया. 1,73,000 से ज्यादा कर्मचारियों के साथ HDFC बैंक की 8,300 से ज्यादा शाखाएं हैं.
2- JIO फाइनेंशियल सर्विसेज का डीमर्जर
इस साल RIL (रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड) और JIO फाइनेंशियल सर्विसेज का डीमर्जर हुआ. कंपनी 21 अगस्त को लिस्ट हुई. हालांकि कंपनी की लिस्टिंग बहुत अच्छी नहीं रही और 5% लोअर सर्किट लगा. प्रोमोटर्स की कंपनी में 46% हिस्सेदारी है. जबकि सरकारी कंपनी LIC की कंपनी में 7% हिस्सेदारी है.
3- वेदांता-फॉक्सकॉन का ज्वाइंट वेंचर खत्म
फॉक्सकॉन ने अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता के साथ पिछले साल 19.5 बिलियन डॉलर का करार किया था. इसके तहत दोनों कंपनियों को गुजरात में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले प्रोडक्शन प्लांट लगाना था.
लेकिन इस साल जुलाई में फॉक्सकॉन ने वेदांता से अलग होने का फैसला कर लिया. हालांकि फॉक्सकॉन का भारत में सेमीकंडक्टर बनाने का प्लान नहीं रुका है. कंपनी को बेंगलुरु प्लांट में 2.7 बिलियन डॉलर के निवेश की अनुमति मिल चुकी है.
4- वेदांता का डीमर्जर
इसके अलावा वेदांता का डीमर्जर भी काफी चर्चा में रहा. वेदांता ने सितंबर में अपने बिजनेस के डीमर्जर का ऐलान किया. पूरे बिजनेस को वेदांता ने 6 कंपनियों में बांटा है. ये कंपनियां हैं- वेदांता लिमिटेड, वेदांता ऑयल एंड गैस, वेदांता स्टील एंड फेरस, वेदांता बेस मेटल्स, वेदांता पावर और वेदांता एल्यूमीनियम.
वेदांता की पेरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज काफी वक्त से कर्ज के संकट से जूझ रही है. कंपनी को अगले वित्त वर्ष तक $2 बिलियन का कर्ज चुकाना है. इस डीमर्जर से अनिल अग्रवाल को उनके मेटल्स-टू-एनर्जी इंपायर के 'डेट लोड' यानी कर्ज के बोझ को कम करने में मदद मिल सकती है. ये फैसला कर्जग्रस्त वेदांता रिसोर्स ग्रुप के स्ट्रक्चर को सरल बना देगा. इससे कंपनी के लिए पूंजी जुटाना आसान हो जाएगा.
5- Jio Financial Services का डीमर्जर
रिलायंस इंडस्ट्रीज के फाइनेंशियल ऑर्म जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का इस साल जुलाई में डीमर्जर हो गया. डीमर्जर के बाद रिलायंस शेयरहोल्डर्स को नई एंटिटी में 1:1 में शेयर्स एलॉट हुए. 20 जुलाई को इसकी रिकॉर्ड डेट रखी गई थी.
6- ITC डीमर्जर
ITC ने अपने होटल बिजनेस के अलग होने के ऐलान के बाद अगस्त में डीमर्जर स्कीम की घोषणा कर दी. डीमर्ज हुई कंपनी में ITC का 40% हिस्सा होगा. जबकि शेयरधारकों के पास 60% हिस्सेदारी होगी. नई कंपनी ITC होटल्स में ITC के दस शेयर रखने वालों को 1 शेयर देने का ऐलान हुआ.
इस डीमर्जर के पीछे का विचार बताते हुए कंपनी ने कहा कि बीते सालों में होटल बिजनेस काफी मैच्योर हो चुका है और अब ये अलग से अपना रास्ता बनाने में सक्षम है.
7- सुप्रीम कोर्ट का AGR फैसला
इस साल अक्टूबर में देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा था. कोर्ट ने साफ कहा कि 1999 के बाद से इन कंपनियों ने जो लाइसेंस फीस चुकाई है, उसे सिर्फ कैपिटल एक्सपेंडिचर माना जाएगा, ना कि रेवेन्यू एक्सपेंडिचर.
सुप्रीम कोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग की इस बात को माना कि एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू पर आधारित सालाना पेमेंट फिर से सिर्फ लाइसेंस फीस के लिए है, और केवल इसलिए कि इसका पेमेंट AGR के आधार पर किया जाता है, पेमेंट को रेवेन्यू एक्सपेंडिचर नहीं माना जा सकता है.
इस फैसले का मतलब ये हुआ कि एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया जैसी कंपनियों को टेलीकॉम डिपार्टमेंट को 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया चुकाने में कोई राहत नहीं मिलेगी.
8- गूगल पर 1,337 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना
गूगल पर अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस करने के आरोप में CCI ने 21 अक्टूबर को 1,337 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया. दरअसल गूगल ने अपने प्ले स्टोर पर मौजूद ऐप्स पर किसी भी भुगतान को गूगल पेमेंट से ही प्रोसेस करने का दबाव बनाया.
ऐप पब्लिशर्स ने गूगल के इस दबाव के खिलाफ शिकायत की. इसके अलावा, गूगल ने फोन बनाने वाली कंपनियों पर भी दबाव बनाया था कि वो हर नए फोन में गूगल के ऐप्स को डिफॉल्ट रूप में रखें. CCI ने अपनी जांच में पाया कि गूगल अपनी मार्केट लीडरशिप का गलत फायदा उठा रहा है और अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस का दोषी मानते हुए उस पर जुर्माना लगाया.
गूगल फैसले के खिलाफ NCLT भी पहुंची, लेकिन वहां भी अंतरिम राहत देने से ट्रिब्यूनल ने इनकार कर दिया. हालांकि ट्रिब्यूनल ने गूगल की याचिका पर सुनवाई के लिए हामी भर दी लेकिन पहले CCI के जुर्माने का 10% जमा करने का आदेश भी दिया.
9- ज्यूरिख इंश्योरेंस की भारत में एंट्री
ज्यूरिख इंश्योरेंस अब भारत में अपना बीमा कारोबार शुरू करेगी, कंपनी ने कोटक महिंद्रा जनरल इंश्योरेंस में 51% हिस्सा 4,000 करोड़ रुपये में खरीदा है.
कोटक महिंद्रा बैंक की ओर से एक्सचेंज फाइलिंग में बताया गया है कि दोनों पार्टियों के बीच एक स्ट्रैटेजिक अलायंस पर हस्ताक्षर हुए हैं. ज्यूरिख करीब 4,051 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिसमें शेयरों की खरीद और नया पूंजी निवेश शामिल है.
शुरुआती अधिग्रहण के बाद, ज्यूरिख इंटरनेशनल तीन साल के भीतर कोटक महिंद्रा बैंक की सब्सिडियरी कंपनी में अतिरिक्त 19% हिस्सेदारी भी हासिल कर लेगी.
10- रेमंड ने गोदरेज को बेचा कंज्यूमर बिजनेस
अप्रैल में रेमंड ने अपना कंज्यूमर बिजनेस गोदरेज को बेचने का ऐलान किया. रेमंड कंज्यूमर केयर को बेचने की ये डील 2,825 करोड़ रुपये में हुई, जिसमें गोदरेज को 100 करोड़ रुपये की कैश बुक भी मिली.
इस डील के बाद रेमंड कंज्यूमर के बड़े ब्रैंड्स जैसे - पार्क एवेन्यू परफ्यूम्स, कामसूत्र कॉन्डोम, KS डिओडेरेंट्स, ये सबकुछ अब गोदरेज के पास चला जाएगा. इसका सीधा मतलब ये है कि गोदरेज अब दो सबसे पॉपुलर कैटेगरीज - मेंस पर्सनल केयर और सेक्सुअल वेलनेस में एंट्री करेगा.
11- IDFC और IDFC बैंक का मर्जर
जुलाई में ही IDFC और IDFC फर्स्ट बैंक के मर्जर को शेयरधारकों की मंजूरी मिली. इस मर्जर का मकसद कॉरपोरेट स्ट्रक्चर को आसान बनाना था. मर्जर के बाद IDFC, IDFC फर्स्ट बैंक और IDFC फर्स्ट फाइनेंशियल होल्डिंग को मिलाकर एक कंपनी बनाई गई.