फेसबुक के 'फ्री इंटरनेट' अभियान को तगड़ा झटका देते हुए टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने भारत में इंटरनेट डाटा के लिए अलग-अलग चार्ज को नामंजूर कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि इंटरनेट पर सभी तरह की सामग्री एक समान मूल्य पर उपलब्ध होगी। ट्राई के नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, इस नियम का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर 50,000 रुपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा।
फेसबुक ने पिछले दिनों फ्री बेसिक्स पर जो बहस चलाई, उसका निबटारा ट्राई ने कर दिया है। अब भारत में सर्विस प्रोवाइडर किसी भी कंपनी को नेट पर तरजीह नहीं दे पाएंगे। ये फेसबुक और उन कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका है जो सस्ती या मुफ्त सेवा के नाम पर तरह-तरह की स्कीम लाने की कोशिश में हैं।
टेलीकॉम नियामक ने कहा, 'यह (प्रतिबंध) ऐसे किसी भी कार्यक्रम या परियोजना पर रोक लगा देगा, जो कि (डेटा सर्विस के लिए) अलग-अलग मूल्य निर्धारण के ढांचे पर काम करता है।' हालांकि इसके साथ ही उसने कहा कि बाढ़ या भूकंप जैसी आपदा की घड़ी में डेटा की कीमतें घटाई जा सकती हैं।
ट्राई ने साथ ही बताया कि इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को सस्ती दरों पर कुछ सामग्रियां मुहैया करने वाले मौजूदा प्लान तत्काल बंद नहीं होंगे और ग्राहक अपने प्लान की अवधि खत्म होने तक उनका इस्तेमाल कर सकेंगे। ट्राई के मुताबिक, ग्राहकों की चिंताओं को देखते हुए उनकी 'सुविधा' के लिए यह छूट दी गई है।
ट्राई का यह फैसला फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के फ्री बेसिक्स स्कीम के लिए झटका है, जिसमें कहा गया था कि इस स्कीम के जरिये ग्रामीण भारत के लाखों लोगों को मुफ्त में इंटरनेट सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
फैसले के बाद पहली प्रतिक्रिया में फेसबुक ने कहा, "फ्री बेसिक के पीछे हमारी मंशा ज्यादा से ज़्यादा लोगों को इंटरनेट से जोड़ना है। इस फैसले से हम निराश हैं लेकिन हम बाधाओं को दूर करने के लिए हम कोशिश करते रहेंगे"।
फेसबुक की योजना भारत में रिलायंस टेलिकॉम के साथ साझीदार कर मोबाइल फोन पर सस्ती वेब सेवाएं मुहैया कराने थी, जिसमें फेसबुक के सोशल नेटवर्क और मैसेजिंग सेवाओं के उपयोग के लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाता।