कच्चे तेल की घटती डिमांड और बढ़ती ग्लोबल सप्लाई के बीच गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs Group) ने कच्चे तेल की कीमतों का पूर्वानुमान (Price Forecast) एक बार फिर घटा दिया है.
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन ने अब दिसंबर के लिए अपने ब्रेंट पूर्वानुमान को घटाकर 86 डॉलर प्रति बैरल कर दिया है, जो कि 95 डॉलर प्रति बैरल के अपने पिछले अनुमान काफी से कम है.
तीसरी बार बदलाव
पिछले 6 महीनों में ये तीसरी बार है, जब गोल्डमैन ने अपना पूर्वानुमान कम किया है. इससे पहले गोल्डमैन 100 डॉलर प्रति बैरल की तेजी के पूर्वानुमान पर कायम था. ब्रेंट का अगस्त कॉन्ट्रैक्ट शुक्रवार को 74.79 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ.
गोल्डमैन के कमोडिटी रिसर्च प्रमुख जेफ करी ने पिछले हफ्ते ब्लूमबर्ग के इंटरव्यू में कहा था, 'हम साक्ष्यों को देखे बिना अपने विचारों में बदलावों को लेकर कभी भी इतने गलत नहीं रहे हैं.'
प्रतिबंधों के बावजूद सप्लाई रिकवरी
गोल्डमैन के अनुसार, प्रतिबंधों का सामना कर रहे देशों, रूस, ईरान और वेनेजुएला से सप्लाई में बढ़ोतरी एक बड़ी वजह है कि कीमतों के आउटलुक को कम करना पड़ा है. खास तौर पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद रूस का सप्लाई प्रोडक्शन 'लगभग पूरी तरह से ठीक' हो गया है.
नोट में कैलम ब्रूस और करी सहित गोल्डमैन के विश्लेषकों ने लिखा है कि मंदी की आशंका से कीमतों पर असर पड़ा है. तेल की की ऊंची कीमतों के लिए ऊंची ब्याज दरें एक सतत चुनौती बनी रह सकती हैं.