सिर्फ 8 कर्मचारी, IPO में मांगे ₹12 करोड़, 418 गुना हुआ सब्सक्राइब, SME रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल के IPO को लेकर मची भगदड़ की कहानी

कैपिटलमाइंड के दीपक शेनॉय ने कहा कि रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल के IPO के लिए भगदड़ की हद की डिमांड लिए वास्तविक निवेशक उत्साह के बजाय छोटे IPO में ब्रॉडर ट्रेंड को दर्शाती है. इसमें कई IPOs में पीछे छूट जाने का मलाल भी शामिल है.

Source : Rishabh Bhatnagar/NDTVProfit

रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल के IPO का 400 गुना सब्सक्रिप्शन हैरान तो कर रहा है, मगर संदेह भी पैदा कर रहा है. सिर्फ 2 शोरूम और 8 कर्मचारियों के साथ यामाहा डीलरशिप वाली कंपनी ने निवेशकों से ₹12 करोड़ मांगे, मगर बोलियां मिलीं 5,022 करोड़ रुपये की.

रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल के सब्सक्रिप्शन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डिबेट छेड़ दी है. हर छोटा-बड़ा जानकार इस पर अपनी राय दे रहा है. कुल मिलाकर इस SME IPO ने सोशल मीडिया पर धूम मचा कर रखी है.

कैपिटलमाइंड फाइनेंशियल सर्विसेज के फाउंडर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर दीपक शेनॉय ने IPO के ओवरसब्सक्रिप्शन पर नाराजगी को खारिज करते हुए इसके लिए बाजार के मौजूदा माहौल को जिम्मेदार ठहराया है.

दीपक शेनॉय ने कहा कि रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल के IPO की डिमांड छोटे IPOs को लेकर ब्रॉडर ट्रेंड को दर्शाती है. पिछले कुछ एक-दो सालों में छोटे IPO ने जबरदस्त रिटर्न दिया है. लेकिन ज्यादातर IPOs में रिटेल और कई बार तो बड़े निवेशकों के साथ भी शेयर का एक लॉट भी नहीं मिलता. दीपक शेनॉय के मुताबिक इस IPO को लेकर इस उत्साह में पिछले कई IPOs में पीछे छूट जाने का मलाल भी शामिल है.

रिसोर्सफुल ऑटो IPO के लिए उतावलापन क्यों?

  • ₹12 करोड़ के IPO को मिली ₹5,022 करोड़ की बोली

  • 418 गुना से ज्यादा सब्सक्राइब

  • कंपनी के पास 'यामहा' की डीलरशिप

  • सिर्फ 2 शोरूम और 8 कर्मचारी

शेनॉय ने कहा कि आजकल ओवरसब्सक्रिप्शन पर ध्यान देना समझदारी नहीं है. उन्होंने बताया कि निवेशक अक्सर पर्याप्त धनराशि दिए बिना बोलियां लगाते हैं, जिससे उन्हें एलोकेशन की प्रतीक्षा करते समय अपने पैसे पर ब्याज कमाने का मौका मिलता है.

शेनॉय ने बताया कि ओवरसब्सक्रिप्शन एक लगातार समस्या रही है, तब भी जब इसमें संदिग्ध संभावनाओं वाली कंपनियां शामिल थीं. रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल के IPO को मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया इसके एक्चुअल वैल्यू का संकेत नहीं हो सकती है, बल्कि ये मौजूदा बाजार के डायनामिक्स को दिखा रही है.

सोशल मीडिया पर छाया IPO

  • जानकारों ने SMEs के IPOs की क्वालिटी पर उठाए सवाल

  • छोटे निवेशकों को SMEs के IPOs से दूर रहने की सलाह

शेनॉय ने कहा कि पिछले साल 1.5 करोड़ रुपये मुनाफा कमाने वाली रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल का 31 करोड़ रुपये का वैल्यूएशन बहुत ज्यादा लग सकता है, लेकिन IPO लैंडस्केप में ऐसे वैल्यूएशन अभूतपूर्व नहीं हैं. उन्होंने कहा कि SME एक्सचेंज छोटी कंपनियों को कैपिटल जुटाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं.

शेनॉय ने बताया कि छोटी कंपनियों को निजी निवेश हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और ऐसे व्यवसायों के लिए पब्लिक मार्केट ऑप्शन होना महत्वपूर्ण है. शेनॉय ने कहा कि IPO मार्केट उतार-चढ़ाव और स्पेक्यूलेटिव बिहेवियर के अधीन रहता है.

शेनॉय ने ये भी बताया कि कोई भी आपको इस या किसी भी IPO में खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर रहा है. आप चाहें तो इसे मार्केट में उत्साह के संकेत के रूप में ले सकते हैं. लेकिन ऐसी कंपनियों को IPO लाने से रोकने की कोशिश करना गलत है. अगर कुछ हो तो और प्रोत्साहित करें.

क्या करती है रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल?

साल 2018 में रिसोर्सफुल ऑटोमोबाइल शुरू की गई थी और कंपनी का शोरूम दिल्ली के द्वारका और पालम रोड पर है. शोरूम में बड़ी कंपनियों की बाइक्स, स्पोर्ट्स बाइक्स और स्कूटर की बिक्री की जाती हैं.

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