गाला प्रिसिजन की शेयर बाजार में धमाकेदार एंट्री हुई है. इसका शेयर BSE पर 41.8% प्रीमियम के साथ 750 रुपये पर लिस्ट हुआ है, जबकि NSE पर इसकी लिस्टिंग 36.3% प्रीमियम के साथ 721.1 रुपये पर हुई है. इसका इश्यू प्राइस 529 रुपये प्रति शेयर था.
167.93 करोड़ रुपये का ये IPO 201.41 गुना सब्सक्राइब हुआ था, सब्सक्रिप्शन के मामले में ये साल 2024 का दूसरा सबसे धमाकेदार इश्यू है. सब्सक्रिप्शन के मामले में विभोर स्टील ट्यूब्स का IPO सबसे आगे है, जो फरवरी में में आया था और इसे 298.86 गुना सब्सक्राइब किया गया था.
IPO में 25.5 लाख फ्रेश शेयर जारी किए गए थे, जिनकी वैल्यू 135 करोड़ रुपये थी, और 6.16 लाख शेयरों का OFS था, जिसकी वैल्यू 32.6 करोड़ रुपये थी.
कहां होगा फंड का इस्तेमाल
गाला प्रिसिजन इंजीनियरिंग के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बालकिशन जालान के मुताबिक, 'कंपनी चेन्नई में एक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने के लिए IPO से मिले पैसों का उपयोग करने की योजना बना रही है.'
जालान कहते हैं, 'हमें फ्रेश इश्यू से 135.34 करोड़ रुपये मिलेंगे. इसमें से 37 करोड़ रुपये चेन्नई प्रोजेक्ट, 11 करोड़ रुपये वाडा कैपेक्स और 46 करोड़ रुपये कर्ज चुकाने के लिए उपयोग किए जाएंगे. बचे हुए फंड का इस्तेमाल कॉरपोरेट खर्चों में किया जाएगा.'
DRHP के अनुसार, चेन्नई के पास श्रीपेरंबुदुर में कंपनी 'हाई-टेंसाइल फास्टनर' और 'हेक्स बोल्ट्स' बनाने वाली मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी लगाना चाहती है.
क्या करती है कंपनी?
गाला प्रिसिजन इंजीनियरिंग की स्थापना 2009 में हुई थी. कंपनी महाराष्ट्र के पालघर जिले में स्थित वाडा में 2 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स का संचालन करती है.
कंपनी डिस्क और स्ट्रिप स्पिंग्स (DSS), कॉइल और स्पाइरल स्प्रिंग्स (CSS) और स्पेशल फास्टनिंग सॉल्यूशन (SFS) बनाती है.
कंपनी के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल विंड टर्बाइन और हाइड्रो पावर प्लांट्स और रीन्युएबल एनर्जी जैसे सेक्टर्स में किया जाता है.
इसके अलावा इलेक्ट्रिक और ऑफ-हाइवे उपकरण; इंफ्रास्ट्रक्चर और जेनरल इंजीनियरिंग; मोटर व्हीकल्स और रेलवे जैसे सेगमेंट में भी प्रोडक्ट्स इस्तेमाल किए जाते हैं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को डेनमार्क, चीन, इटली, ब्राजील, अमेरिका, स्वीडन और स्विट्जरलैंड सहित 25 देशों में एक्सपोर्ट करती है. 31 मार्च 2024 तक कुल बिक्री में इसका योगदान 37.53% रहा.