HDFC का विलय IPO लाने वाली बजाज हाउसिंग फाइनेंस के लिए पॉजिटिव रहा है: संजीव बजाज

NDTV प्रॉफिट के साथ एक विशेष इंटरव्यू में बजाज ने कहा कि HDFC गोल्ड स्टैंडर्ड था. वे हमेशा बाजार से उधार लेने के लिए कतार में सबसे आगे रहते थे.

Source : Sanjiv Bajaj, Chairman of Bajaj Housing Finance. (NDTV Profit)

बजाज हाउसिंग फाइनेंस के चेयरमैन संजीव बजाज ने कहा कि पिछले साल हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन और HDFC बैंक का मर्जर उनकी फाइनेंशियल सर्विस कंपनी के लिए पॉजिटिव रहा है, क्योंकि कंपनी को HDFC के मर्जर से पैदा हुए खालीपन भरने का मौका मिला है.

NDTV प्रॉफिट के साथ एक विशेष इंटरव्यू में बजाज ने कहा कि HDFC गोल्ड स्टैंडर्ड था. वे हमेशा बाजार से उधार लेने के लिए कतार में सबसे आगे रहते थे. अब ये जगह हमारे लिए खुल गई है.

संजीव बजाज ने 9 सितंबर को लॉन्च होने वाले आगामी IPO के बारे में बात करते हुए कहा कि एक अच्छा ब्रांड एसोसिएशन और हेल्दी बिजनेस डेवलपमेंट बजाज हाउसिंग फाइनेंस को पूंजी जुटाने और प्रतिस्पर्धियों की तुलना में परिस्थितियों से फायदा उठाने में सक्षम बनाएगा.

कंपनी अगले सप्ताह IPO के माध्यम से 6,560 करोड़ रुपये तक जुटा रही है. आने वाले वर्षों में कंपनी हाउसिंग मार्केट में 12-14% की बढ़ोतरी का अनुमान लगा रही है और इसका लक्ष्य बड़े प्लेयर्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने के अवसर का लाभ उठाना है. कंपनी के चेयरमैन ने कहा, 'बजाज हाउसिंग फाइनेंस के लिए मुख्य अंतर यही है कि ये अपने ब्रांड नाम के साथ उधार लेने की क्षमता रखता है, जो बाजार को भरोसा दिलाता है. हमारे बड़े प्रतिस्पर्धियों का साइज सीमित होता जा रहा है, क्योंकि उनके पास उधार लेने के विकल्प खत्म हो रहे हैं.'

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संजीव बजाज सिर्फ 7 साल पुरानी कंपनी के लिए प्रस्तावित शेयर सेल को मिली प्रतिक्रिया से 'अभिभूत' है. लोन बुक के साइज और भारतीय बाजार में बढ़ोतरी को देखते हुए वित्त के सोर्सेज में विविधता लाना आवश्यक था. तीन दिवसीय इश्यू 11 सितंबर को बंद होगा और एंकर निवेशकों के लिए बोली शुक्रवार को शुरू होगी. इस इश्यू से प्राप्त आय का उपयोग भविष्य की व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने और आगे उधार देने के लिए कंपनी के पूंजी आधार को बढ़ाने की दिशा में किया जाएगा.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियम के मुताबिक, अपर लेयर की नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनी को सितंबर 2025 तक पब्लिक होना चाहिए. संजीव बजाज ने कहा कि फर्म लिस्ट होने के लिए इतने लंबे समय तक इंतजार नहीं करना चाहती थी और उसने अभी बाजार में उतरने का फैसला किया, ताकि उसे सभी नियमों का पालन करने के लिए एक साल मिल जाए.

उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में NBFC के लिए नियम सख्त हो गए हैं, ताकि उन्हें बैंकों के मानकों के करीब लाया जा सके. बजाज ने कहा, रेगुलेटर जांच केवल इकोसिस्टम को मजबूत करती है. हम इसे सक्रिय और पॉजिटिव रूप से देखते हैं.

'HDFC का इंटीग्रेशन फायदेमंद है'

संजीव बजाज ने कहा, 'हमारे पास आने वाले दशक में टॉप हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में से एक बनने का अवसर है. हम नेशनल प्लेयर हैं और होम लोन, डेवलपर फाइनेंसिंग और लीज रेंटल डिस्काउंटिंग सेगमेंट में कारोबार कर रहे हैं. हमने जोखिम को डायवर्सिफाई बनाना सीख लिया है.

उन्होंने बताया कि जून तिमाही में बजाज हाउसिंग फाइनेंस की AUM एक साल पहले की समान अवधि में 74,100 करोड़ रुपये से बढ़कर 97,000 करोड़ रुपये हो गईं. ये मुख्य रूप से भारत में अपर-एन्ड इंडिविजुअल घर खरीदारों के साथ-साथ बड़े पैमाने के डेवलपर्स को मॉर्गेज लोन देने पर ध्यान केंद्रित करता है.

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