नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च (Nuvama Alternative & Quantitaive Research) ने अपने फरवरी रिव्यू (February Review) में भारत को लेकर अनुमान जारी किए हैं, जो बाजार के लिए काफी पॉजिटिव संकेत देने वाले हैं.
फरवरी रिव्यू बताया गया है कि भारतीय बाजार में $800 मिलियन से $1 बिलियन का विदेशी निवेश आने का अनुमान है, इसमें कई PSUs को भी शामिल किया गया है.
MSCI के फरवरी में होने वाले बदलाव में मामाअर्थ की पेरेंट कंपनी होनासा कंज्यूमर, इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (IREDA) और सेलो वर्ल्ड जैसी कंपनियां इसके स्मॉल कैप इंडेक्स में शामिल हो सकती हैं, जिन्होंने बीते साल ही शेयर बाजार में एंट्री की है.
इनको मिल सकती है एंट्री
इसके साथ ही, जिंदल स्टेनलेस, पंजाब नेशनल बैंक, भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL), NMDC और ओबेरॉय रियल्टी को MSCI स्टैंडर्ड इंडेक्स में शामिल किया जा सकता है.
IREDA, होनासा कंज्यूमर और सेलो वर्ल्ड में $12 मिलियन, $5 मिलियन और $7 मिलियन का निवेश किया जा सकता है.
जयप्रकाश एसोसिएट्स और RR काबेल भी नुवामा के मुताबिक MSCI स्मॉलकैप इंडेक्स का हिस्सा बन सकते हैं.
ये शेयर हो सकते हैं बाहर
जो शेयर MSCI के इंडेक्स से बाहर हो सकते हैं, उनमें GMR एयरपोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स और रेल विकास निगम लिमिटेड शामिल हैं.
MSCI इमर्जिंग मार्केट्स इंडेक्स में भारत का मार्केट शेयर 17.8% है. भारत की मौजूदा स्थिति, मोमेंटम और आउटपरफॉर्मेंस के चलते नुवामा के मुताबिक, इमर्जिंग मार्केट्स में भारत का मार्केट शेयर 18.5% तक हो सकता है.
क्या हैं इस बढ़ोतरी की वजह?
मिडकैप सेगमेंट के साथ-साथ भारतीय इक्विटीज में शानदार मजबूती
इमर्जिंग मार्केट्स, खासकर चीन जैसे देशों की आउटपरफॉर्मेंस
नुवामा ने कहा कि 2023 में इस बढ़ोतरी में योगदान देने वाले फैक्टर्स में दूसरे इमर्जिंग मार्केट्स की तुलना में भारत में तेजी और शेयरों के जोड़ने या हटाने के लिए अर्द्धवार्षिक से तिमाही रीबैलेंसिंग में MSCI का बदलाव शामिल है.