SEBI Circular: दो दिन के भीतर अकाउंट में क्रेडिट होंगे बोनस शेयर, 1 अक्‍टूबर से लागू होगा सिस्‍टम; T+2 का पूरा प्रोसेस समझ लीजिए

नई व्‍यवस्‍था के तहत निवेशक रिकॉर्ड डेट के बाद 2 दिन में ही बोनस शेयरों की ट्रेडिंग कर सकेंगे.

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मार्केट रेगुलेटर SEBI ने बोनस शेयरों के क्रेडिट होने और उसकी ट्रेडिंग प्रोसेस में तेजी लाने के उद्देश्‍य से सोमवार को नया सर्कुलर जारी किया है. SEBI ने बोनस शेयरों के लिए T+2 ट्रेडिंग डे का प्रावधान किया है, जहां T का मतलब रिकॉर्ड डेट से है. रिकॉर्ड डेट वो तारीख होती है, जब कंपनी ये तय करती है कि कौन-कौन से शेयरहोल्‍डर्स बोनस इश्यू हासिल करने के योग्य हैं.

नई व्‍यवस्‍था के तहत निवेशक रिकॉर्ड डेट के बाद 2 दिन में ही बोनस शेयरों की ट्रेडिंग कर सकेंगे. अपने सर्कुलर में रेगुलेटर ने कहा कि ये व्‍यवस्‍था 1 अक्‍टूबर से शुरू होगी. यानी 1 अक्टूबर, 2024 या उसके बाद घोषित सभी बोनस शेयरों पर ये व्‍यवस्‍था लागू होगी.

अब तक क्‍या है व्‍यवस्‍था

वर्तमान में बोनस इश्यू के बाद मौजूदा शेयर उसी ISIN के तहत ट्रेडिंग करना जारी रखते हैं और फिर उसी में नए बोनस शेयर क्रेडिट किए जाते हैं. ये रिकॉर्ड डेट के बाद 2 से 7 दिनों के भीतर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होते हैं.

मौजूदा व्‍यवस्‍था में देखा जाए तो ऐसे मामलों में जहां कंपनियों को बोनस शेयर आवंटित करने के लिए केवल बोर्ड की मंजूरी जरूरी होती है, उन शेयरों को मंजूरी के 15 दिनों के भीतर लिस्‍टेड करना होता है.

वहीं, कंपनियों के लिए जहां शेयरहोल्‍डर्स की भी मंजूरी जरूरी होती है, वहां बोनस शेयरों की लिस्टिंग बोर्ड की मंजूरी के दो महीने के भीतर होनी होती है.

'...क्‍योंकि यूनिफॉर्मिटी जरूरी'

SEBI ने कहा था कि बोनस शेयरों के क्रेडिट और ट्रेडिंग के लिए समयसीमा में यूनिफॉर्मिटी यानी एकरूपता लाना जरूरी है. इसके लिए ये जरूरी है कि रिकॉर्ड डेट से बोनस शेयरों के क्रेडिट और ट्रेडिंग के लिए समयसीमा तय की जाए ताकि बोनस इश्यू जल्‍द निवेशकों के खाते में आ सके. अब SEBI ने जो नियम लागू किए हैं, उससे ये समयसीमा काफी कम हो गई है.

नई व्‍यवस्‍था में क्‍या है प्रोसेस?

  • बोनस शेयर इश्यू करने वाली कंपनी, SEBI के LODR रेगुलेशंस, 2015 के मुताबिक इश्यू की मंजूरी के लिए स्टॉक एक्सचेंज में अप्लाई करेगी. ये प्रक्रिया बोर्ड मीटिंग में बोनस इश्यू को मंजूरी मिलने के 5 वर्किंग डेज के भीतर जरूरी है.

  • कंपनी प्रस्तावित इश्यू के लिए रिकॉर्ड डेट (T Day) तय कर उसके बारे में स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित करेगी. साथ ही, रिकॉर्ड डेट के अगले वर्किंग डे को आवंटन के बारे में भी जानकारी देनी होगी.

  • कंपनी से जरूरी डॉक्‍युमेंट और रिकॉर्ड डेट (T Day) की सूचना मिलने पर स्टॉक एक्सचेंज रिकॉर्ड डेट और बोनस शेयरों की संख्या को लेकर नोटिफिकेशन जारी करेगा, जिसमें आवंटन की संभावित तारीख (T+1 डे) भी मौजूद रहेगी.

  • नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद बोनस इश्यू जारी करने वाली कंपनी रिकॉर्ड डेट के अगले दिन डिपॉजिटरीज को जरूरी डॉक्‍युमेंट सौंपेगी, ताकि बोनस शेयर डिपॉजिटरी सिस्टम में क्रेडिट हो जाएं.

  • बोनस इश्यू के तहत शेयरहोल्‍डर्स/इन्‍वेस्‍टर्स को आवंटित शेयर, आवंटन के अगले वर्किंग डे (T+2 day) को ट्रेडिंग के लिए क्रेडिट/एवलेबल कराए जाएंगे.

T+2 का पालन जरूरी, नहीं तो जुर्माना

SEBI के सर्कुलर में इस पूरी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है. T+2 टाइमलाइन का पालन जरूरी है. ऐसा नहीं हाेने पर जुर्माना भी लगेगा. ये जुर्माना 19 अगस्त 2019 को जारी SEBI के उस सर्कुलर के हिसाब से लगाया जाएगा, जिसमें ICDR रेगुलेशंस के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करने पर जुर्माने की बात कही गई है.

मार्केट रेगुलेटर ने इस संबंध में पिछले महीने कंसल्‍टेशन पेपर जारी किया था और लोगों से सलाह मांगी थी. इसके बाद इस संबंध में सर्कुलर जारी किया गया. SEBI के इस कदम से बोनस शेयर आवंटन और कारोबार के बीच समय अंतराल कम होगा, जिससे जारीकर्ता कंपनियों और निवेशकों, दोनों को सुविधा होने की उम्मीद है.

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