BUY SELL OR HOLD: HDFC बैंक में अब क्या करें निवेशक, एनालिस्ट्स की राय

एनालिस्ट्स का कहना है कि HDFC बैंक को तीसरी तिमाही में अपने मार्जिन को बनाए रखने के लिए सरकारी सिक्योरिटीज को बेचना पड़ा, जिससे उसके लिक्विडिटी कवरेज रेश्यों में गिरावट आई.

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तिमाही नतीजों के बाद HDFC बैंक के शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिल रही है. ऐसे में निवेशकों को अब क्या करना चाहिए?

कई एनालिस्ट्स ने देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक के टारगेट प्राइस और रेटिंग में बदलाव किया है. एनालिस्ट्स का कहना है कि HDFC बैंक में लिक्विडिटी की तंगी उसके नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर असर डाल सकती है.

HDFC बैंक में निवेशकों को क्या करना चाहिए?

एनालिस्ट्स का कहना है कि HDFC बैंक को तीसरी तिमाही में अपने मार्जिन को बनाए रखने के लिए सरकारी सिक्योरिटीज को बेचना पड़ा, जिससे उसके लिक्विडिटी कवरेज रेश्यों में गिरावट आई.

HDFC बैंक का दिसंबर तिमाही में मुनाफा तिमाही आधार पर 2.5% बढ़ा है. अक्टूबर-दिसंबर के बीच बैंक का मुनाफा 15,976 करोड़ से बढ़कर 16,373 करोड़ रुपये रहा है. वहीं ब्लूमबर्ग के एनालिस्ट पोल में बैंक को इस तिमाही में 15,763 करोड़ रुपये के मुनाफे का अनुमान था. ध्यान देने की बात ये है कि बैंक को इनकम टैक्स विभाग से 1500 करोड़ रुपये का टैक्स बैक मिला है.

बैंक की ब्याज आय में भी इस तिमाही में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिली. हालांकि कंपनी के NII में बढ़त बाजार के अनुमान से कम रही है. दिसंबर तिमाही में HDFC बैंक की NII 27,385 करोड़ से बढ़कर 28,471 करोड़ रुपये रही है. बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन 31 दिसंबर तक 3.4% था, और इंटरेस्ट अर्निंग एसेट बेस पर 3.6% था.

एक नजर एनालिस्ट की राय पर जो उन्होंने Q3 नतीजों के बाद HDFC बैंक के लिए दी है.

HDFC बैंक पर एनालिस्ट्स की राय 

बर्नस्टाइन रिसर्च (Bernstein Research)

  • 'OUTPERFORM' रेटिंग, टारगेट प्राइस 2,200 रुपये

  • EPS में सालाना 2% की गिरावट बैंक के लिए भयानक तिमाही का संकेत देती है.

  • एसेट्स पर 2% को बनाए रखने के लिए बैंक को टैक्स पर खर्च को कम रखना होगा

  • डिपॉजिट ग्रोथ कमजोर थी, जिससे 200% से ज्यादा का इंक्रिमेंटल लोन टू डिपॉजिट रेश्यो हुआ

मैक्वेरी कैपिटल (Macquarie Capital)

  • 'OUTPERFORM' रेटिंग, टारगेट प्राइस 2,075 रुपये

  • टैक्स में कमी की वजह से HDFC बैंक के मुनाफे को मदद मिली

  • HDFC बैंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज को बेचकर NIMs को बनाए रखने में कामयाब रहा

सिटीग्रुप (Citigroup)

  • 'BUY' की राय बरकरार, टारगेट प्राइस 2,100 से घटाकर 2,050 रुपये किया

  • डिपॉजिट ग्रोथ के लिए लोन ग्रोथ से आगे निकलना बहुत जरूरी है

  • FY24 में 800-1,000 शाखाएं जोड़ने का लक्ष्य चूक गया

  • बैंक ने 9 महीने में केवल 270 शाखाएं जोड़ी हैं

  • FY25 के लिए लोन ग्रोथ अनुमान को घटाकर 16% किया, NIMs 3.6% रहेगा

  • FY25 और FY26 के लिए PAT को 4-5% कम करके संशोधित किया

नुवामा इंस्टीट्यूशनल (Nuvama Institutional Equities)

  • 'BUY' से डाउनग्रेड करके रेटिंग को 'HOLD' किया

  • टारगेट प्राइस भी 1,770 रुपये से घटाकर 1,730 रुपये किया

  • FY25 और FY26 के लिए आय अनुमान में 5%-6% की कटौती

  • Motilal Oswal Financial Services

  • BUY रेटिंग, टारगेट प्राइस 1,950 रुपये प्रति शेयर

  • बैंक ने फ्लोटिंग और आकस्मिक प्रावधानों (contingent provisions) का 0.6% बफर बनाए रखा, जो अतिरिक्त सुविधा देता है.

  • FY24-26 के दौरान 19% CAGR की तेज डिपॉजिट ग्रोथ का अनुमान

  • FY24-26 के दौरान 17% CAGR की लोन ग्रोथ बनाए रखने की उम्मीद

  • FY26 में एसेट पर रिटर्न (RoE) 1.9% रहा, आय पर रिटर्न 16.7% रहने की उम्मीद

ICICI सिक्योरिटीज (ICICI Securities)

  • 'ADD' की रेटिंग, टारगेट प्राइस 1,750 रुपये से बढ़ाकर 1,850 रुपये किया

  • NIM में सुधार लोन मिक्स, CASA में बढ़ोतरी और फंडिंग मिक्स में बदलाव पर निर्भर है

  • FY25-26 के लिए सालाना 15-16% लोन ग्रोथ का अनुमान है