ये हैं सबसे ज्यादा डिविडेंड देने वाले लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप स्‍टॉक , क्यों फायदे का सौदा हैं ऐसे शेयर

हाई डिविडेंड वाले शेयर अगर पोर्टफोलियो में हैं तो इसका फायदा ये है कि निवेशकों को उतार-चढ़ाव वाले बाजार में कुछ सुरक्षा मिलती है.

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अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो क्‍या स्‍टॉक खरीदते समय इस बात पर गौर करते हैं कि किस शेयर में आपको कितना डिविडेंड मिलेगा? अगर नहीं करते तो इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको इसकी अहमियत समझ आने लगेगी. मुनाफा कमाने वाली बहुत सी कंपनियां अपने शेयरधारकों को समय-समय पर अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा डिविडेंड या लाभांश के रूप में देती रहती हैं. जो कंपनियां ऐसा नियमित रूप से करती हैं और अच्छा-खासा लाभांश देती हैं, उन्हें 'डिविडेंड यील्ड स्टॉक' भी कहते हैं. हालांकि मुनाफा कमाने के बावजूद डिविडेंड देने या नहीं देने का फैसला पूरी तरह से कंपनी की मर्जी पर होता है. उसके लिए ऐसा करना जरूरी नहीं है.

डिविडेंड से पोर्टफोलियो को कैसे मिलती है मजबूती

हाई डिविडेंड वाले शेयर अगर पोर्टफोलियो में हैं तो इसका फायदा ये है कि निवेशकों को उतार-चढ़ाव वाले बाजार में कुछ सुरक्षा मिलती है. खासतौर से जब ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता हो और महंगाई और जियोपॉलिटिकल टेंशन के चलते ये अस्थिरता लंबी खिंचने की आशंका हो. कई शेयर ऐसे हैं, जिनमें मिलने वाला डिविडेंड यील्ड FD या ऐसी किसी स्‍मॉल सेविंग्‍स स्‍कीम में मिल रहे ब्याज से भी ज्यादा होता है. इसके चलते अगर पोर्टफोलियो में कुछ गिरावट आए तो भी डिविडेंड उस गिरावट को बैलेंस करने का काम कर सकता है. हमने यहां टॉप डिविडेंड देने वाले स्टॉक की लिस्ट दी है.

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डिविडेंड शेयरों में कैसे होता है मुनाफा

मान लीजिए आपके पास किसी कंपनी के 5,000 शेयर हैं और उनमें आपने 12.50 लाख रुपये (प्रति शेयर 250 रु) का निवेश किया है. अगर इन शेयरों का सालाना रिटर्न 20 % है और कंपनी ने निवेशकों को 15 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड देने का फैसला किया है. ऐसे में आपको इस हिसाब से रिटर्न मिलेगा : 

कुल शेयर: 5,000

कुल निवेश: 12.50 लाख रुपये

बाजार में 1 साल का रिटर्न: 20%

निवेश पर रिटर्न: 2,50,000 रुपये

डिविडेंड: 15 रु प्रति शेयर

कुल डिविडेंड: 75,000 रुपये

कुल फायदा: 2,50,000 + 75,000 = 3,25,000 रुपये

क्यों डिविडेंड स्टॉक है सही विकल्प

शेयर बाजार ने नया रिकॉर्ड हाई बना लिया है. निफ्टी लंबे समय बाद 19,000 के स्तर को छू चुका है. लेकिन इस रैली के बाद बाजार के वैल्यूएशन को एक्‍सपर्ट महंगा बता रहे हैं. दूसरी ओर महंगाई, रेट हाइक, जियोपॉलिटिकल टेंशन और इनके चलते संभावित मंदी वाले फैक्‍टर अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं. ग्लोबल मार्केट में दबाव है. ऐसे में एक संभावित करेक्‍शन से इनकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में हाई डिविडेंड देने वाली और फंडामेंटली मजबूत कंपनियों के शेयर निवेशकों के पोर्टफोलियो को मजबूती दे सकते हैं.

निवेश के लिए डिविडेंड देने वाली उन कंपनियों का चुनाव किया जा सकता है, जिसमें कोई निगेटिव इश्यू न हो और आउटलुक आगे अच्छा दिख रहा हो. इनमें लंबी अवधि के लिहाज से निवेश करना ठीक रहता है.

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