गुजरात प्लांट के लिए मारुति सुजुकी ने मंजूर किया शेयर स्वैप, करीब 4% घटेगी इक्विटी!

कंपनी ने अनुमान लगाया है कि पैरेंट कंपनी से सुजुकी मोटर गुजरात के अधिग्रहण के बाद वित्त वर्ष 2031 में मुनाफा 19,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाएगा.

Source: Reuters

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के बोर्ड ने सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड में हिस्सेदारी हासिल करने के लिए शेयर स्वैप विकल्प को मंजूरी दे दी है.

स्वैप रेश्यो वित्त वर्ष 2023 के अंत में सुजुकी मोटर गुजरात की नेट बुक वैल्यू 12,755 करोड़ रुपये और मारुति सुजुकी के 30 जून को 9,789.05 रुपये की क्लोजिंग पर आधारित होगा.

4.1% इक्विटी डायल्यूट होगी!

BQ Prime की कैलकुलेशन के मुताबिक मारुति को पैरेंट सुजुकी मोटर कॉर्प को 1.3 करोड़ शेयर जारी करने होंगे, जो फुली डायल्यूट बेसिस पर 4.1% हिस्सेदारी के बराबर है. सटीक शेयर EGM या पोस्टल बैलट की रिकॉर्ड डेट पर आई कीमत पर आधारित होंगे.

कंपनी ने अनुमान लगाया है कि पैरेंट कंपनी से सुजुकी मोटर गुजरात के अधिग्रहण के बाद वित्त वर्ष 2031 में मुनाफा 19,000 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा.

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शेयर स्वैप का विकल्प क्यों?

कंपनी ने कैश के बजाय शेयर स्वैप का विकल्प क्यों चुना, इसके पीछे की वजह का खुलासा करते हुए कंपनी ने बताया कि टैक्स के बाद उसका प्रॉफिट हर साल 12.5% ​​की दर से बढ़ेगा. कंपनी ने कहा कि PAT के आंकड़ों को MSIL के प्रॉफिट के अनुमान के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए, जबकि हिस्सेदारी के लिए पैरेंट कंपनी को कैश पेमेंट की तुलना में इसका असर EPS में अधिक बढ़ोतरी को दर्शाता है.

अगर कंपनी ने कैश पेमेंट का विकल्प चुना होता, तो ब्याज आय के नुकसान के कारण उसका कैश प्रॉफिट घट जाता. इसमें कहा गया है कि स्वैप और कैश PAT के बीच अंतर प्रॉफिट की अलग अलग ग्रोथ रेट्स के तहत होगा.

कंपनी ने स्वैप का विकल्प चुना क्योंकि ब्याज आय की निरंतर अतिरिक्त कमाई हो रही है और, इक्विटी में कटौती (equity dilution) बहुत कम है, ये कहते हुए कि ट्रांजैक्शन वित्त वर्ष 2024 में 7 रुपये से वित्त वर्ष 31 में 20 रुपये प्रति शेयर के बीच EPS बढ़ेगा. इसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2031 में मारुति का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) 1,400 करोड़ रुपये ज्यादा होगा.

कंपनी ने अनुमानित PAT पर 40% का डिविडेंड पेआउट रेश्यो माना है, जबकि ब्याज दर 7% मानी है. इस ट्रांजैक्शन को एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी जनरल मीटिंग में शेयरहोल्डर्स से मंजूरी मिलना बाकी है, जिसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है.

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