NDTV ग्रुप ने अपना बिजनेस चैनल NDTV Profit लॉन्च कर दिया है. इस मौके पर बाजार और वित्त से जुड़े कई दिग्गजों ने अपनी बात रखी. India Unlimited शो के एक पैनल में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल, कोटक महिंद्रा AMC के MD नीलेश शाह और MK वेंचर्स के फाउंडर और दिग्गज निवेशक मधुसूदन केला मौजूद रहे.
तीनों दिग्गजों ने सहमति जताई कि आने वाला दशक भारत का है. इन्होंने बाजार, एंटरप्रेन्योरशिप, चुनाव जैसे कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. जानते हैं तीनों दिग्गजों ने क्या कहा.
अगले कुछ सालों में 50,000 पहुंचेगा निफ्टी: रामदेव अग्रवाल
रामदेव अग्रवाल ने उम्मीद जताई कि अगले 5-6 साल में निफ्टी 50,000 अंकों के आंकड़े को छू जाएगा. उन्होंने कहा, 'इस विश्वास की वजह ये है कि अगर हम पिछले 40 साल का रिकॉर्ड देखें, तो पाएंगे कि 12-14% की सालाना ग्रोथ से बाजार बढ़ा है. अगर हम 12% भी भविष्य के लिए मानें, तो हम 6 साल में हम 40,000-42,000 पर पहुंच जाएंगे. ये मेरा अनुमान और उम्मीद है कि इस दशक में निफ्टी 50,000 पहुंच जाएगा.'
वहीं आज के भारत में एंटरप्रेन्योरशिप पर रामदेव अग्रवाल ने कहा कि 'तमाम चुनौतियों के बावजूद युवा एंटरप्रेन्योर्स का उत्साह काफी जबरदस्त है. आज वक्त बदल चुका है और युवा भारत में ही अपना स्टार्टअप, यहां तक कि अपनी नौकरी भी करना चाहते हैं. IIM अहमदाबाद जैसे संस्थान में छात्र विदेशी कंपनियों में एप्लाई नहीं कर रहे हैं.
अगले 5 साल इक्विटी इन्वेस्टर्स के लिए अमृतकाल, भारत के लिए परिस्थितियां अच्छी: मधुसूदन केला
30 ट्रिलियन डॉलर के सपने पर बात करते हुए केला ने कहा कि वे इंडिया स्टोरी में पूरा विश्वास रखते हैं. उन्होंने कहा, 'भारत के लिए सब चीज सही हो रही है. हमारे पास बहुत स्थिर और प्रगतिशील सरकार है. राज्य चुनाव से अच्छा मैंडेट है. हमारा 4 ट्रिलियन डॉलर का मार्केट कैप है, GDP भी 4 ट्रिलियन डॉलर पहुंच चुकी है. आज दुनिया में भारत का जो स्थान बना है, जिस हिसाब से दुनिया भारत की तरफ देख रही है, वो सबसे अहम है. इक्विटी इन्वेस्टर्स के लिए अगले 5 साल अमृतकाल होंगे.'
केला ने माना कि भारत में अभी बहुत संभावनाएं बाकी हैं. उन्होंने कहा, 'आज अमेरिका जैसे देश की बड़ी कंपनियां तो भारत आना चाहती हैं.' मतलब अभी भारत में बहुत ज्यादा संभावना है.'
वहीं एंटरप्रेन्योर्स पर बोलते हुए मधुसूदन केला ने कहा 'पहले केवल कुछ ही लोग पैसा बना पाते थे. कुछ ही लोग इंडस्ट्री लगा पाते थे. आज मैं ये देख रहा हूं कि कई कंपनियों के बड़े अधिकारी इस्तीफा देकर अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं. क्योंकि ये बहुत बड़ा वैल्यू क्रिएशन है.'
विदेशी कंपनियों से बने मौकों को भुनाना होगा: नीलेश शाह
नीलेश शाह ने कहा कि चाइना+1 का शिफ्ट भारत तो हो रहा है, लेकिन देश को इन मौकों को अच्छी तरह भुनाना होगा. इसके लिए उन्होंने सैमसंग और सुजुकी के उदाहरण दिए.
उन्होंने कहा, 'सैमसंग दूसरे देशों से पहले भारत में आई. लेकिन इसके बावजूद भारत में उनका टर्नओवर 1 लाख करोड़ का ही हो पाया है. जबकि विएतनाम में वे बहुत बाद में गए और वहां 5 लाख करोड़ का टर्नओवर है. आज वे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट के लिए वहां प्रोडक्ट बनाते हैं. मतलब हमें मौका मिला, पर हमने विएतनाम की तरह रेड कॉर्पेट नहीं बिछाया.'
उन्होंने आगे कहा, 'दरअसल हमें हर अंतरराष्ट्रीय कंपनी के साथ वो करना होगा, जो हमने सुजुकी के साथ किया. मारुति सुजुकी आज भारत की सबसे बड़ी व्हीकल मैन्युफैक्चर्र और एक्सपोर्टर है. वे 80 के दशक में भारत आए थे. आज मारुति सुजुकी का मार्केट कैप (40 बिलियन डॉलर) पेरेंट कंपनी सुजुकी से दोगुना है.' वहीं लीडरशिप पर बोलते हुए नीलेश शाह ने कहा कि नेतृत्व से काफी अंतर आता है.
दुनिया में दिख रहा है भारतीय कंपनियों का डोमिनेशन: नीलेश शाह
स्टार्टअप इंडिया में विश्वास से जुड़े सवाल पर नीलेश शाह ने कहा, 'स्टार्टअप में सफलता और असफलता बनी रहेगी. मैं इतना कहूंगा कि 80 और 90 के दशक में भारत के टैलेंट को बाहर जाना पड़ा. यही लोग आज फॉर्च्यून 500 रन कर रहे हैं. अब ये टैलेंट भारत से बाहर नहीं जा रहा है. हो सकता है आने वाली फॉर्च्यून 500 कंपनी भारत से चलें. अमेरिका में तमाम चीजों में भारतीय कंपनियां लीड कर रही हैं. मतलब स्टार्टअप्स और नॉन स्टार्टअप में हमें भारतीय कंपनियों का डोमिनेशन तो दिख रहा है.'