सोशल मीडिया और SMS से शेयर बाजार में करोड़ों की ठगी का पर्दाफाश, SEBI ने जारी की चेतावनी

5 स्मॉलकैप शेयरों में हेरफेर के जरिए की गई ठगी, 135 संस्थाओं (Entities) पर SEBI ने बैन लगाया.

Source: Reuters

शेयर बाजार में जैसे-जैसे आम लोगों का रुझान बढ़ रहा है, उसी के साथ बाजार में ठगी के नए मामले भी सामने आ रहे हैं. बुधवार को मार्केट रेगुलेटर SEBI ने एक ऐसे ही रैकेट का पर्दाफाश किया. SEBI ने अपनी जांच में पाया कि ठगों का एक समूह आम निवेशकों को बल्क मैसेज और सोशल मीडिया के जरिए झांसे में लेकर 5 स्मॉलकैप शेयरों में खरीदारी करने को कहता था और शेयर के प्राइस-वॉल्यूम में हेरफेर कर पैसे कमाता था.

SEBI ने इस मामले में 135 संस्थाओं (Entities) के सिक्योरिटीज मार्केट में ट्रेड करने पर बैन लगाया है और साथ ही आम निवेशकों को इस तरह की धोखाधड़ी से सतर्क रहने को भी कहा है. इसके साथ ही SEBI ने इन संस्थाओं से गलत तरीके से कमाए गए 126 करोड़ रुपये भी जब्त करने का आदेश दिया है. जांच में ये भी सामने आया है कि इस पूरे रैकेट के पीछे हनीफ शेख नाम का एक शख्स था जिसे SEBI ने अपनी जांच रिपोर्ट में इस गिरोह का मास्टरमाइंड बताया है.

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कैसे करते थे ऑपरेट?

ठगी करने वालों का ये गिरोह 3 हिस्सों में काम करता था. ये तीन हिस्से थे- PV इंफ्लुएंसर्स यानी प्राइस वॉल्यूम इंफ्लुएंसर्स, SMS भेजने वाले और ऑफ लोडर्स यानी आखिरी में शेयर बेचकर मुनाफा कमाने वाले. ये गिरोह 5 स्मॉलकैप शेयरों में हेरफेर के जरिए आम निवेशकों को ठगता था.

सबसे पहले प्राइस-वॉल्यूम इंफ्ल्युएंसर्स, शेयरों में फर्जी ट्रेड करके प्राइस और वॉल्यूम बढ़ाते थे. उसके बाद इस गिरोह का दूसरा हिस्सा यानी बल्क मैसेज भेजने वाले, आम निवेशकों को मैसेज या सोशल मीडिया के जरिए इन शेयरों में खरीदारी की सलाह देते थे.

आम निवेशकों की खरीदारी के बाद जब शेयरों की कीमत बढ़ जाती थी तो इस गिरोह का तीसरा हिस्सा यानी ऑफ लोडर्स, पहले से जमा किए गए शेयरों को इन बढ़ी हुई कीमतों पर बेचकर मुनाफा कमा लेते थे.

कैसे हुआ पर्दाफाश?

SEBI ने इस मामले की जांच के लिए कई कदम उठाए. डिजिटल फुटप्रिंट, CDRs और बैंक ट्रांजैक्शंस की जांच से SMS भेजने वाले और उससे जुड़े लोगों को पता चला. इसके बाद SEBI ने सोशल मीडिया और SMS के जरिए चल रहे इस तरह के फ्रॉड से सतर्क रहने को कहा है.

किन 5 स्मॉलकैप कंपनियों में होता था ट्रेड?

मौर्या उद्योग लिमिटेड, 7NR रिटेल लिमिटेड, दार्जीलिंग रोपवे कंपनी लिमिटेड, GBL इंडस्ट्रीज और विशाल फैब्रिक्स. ये वो 5 कंपनियां है जिनमें खरीदारी की सलाह देकर ये गिरोह, आम निवेशकों को ठग रहा था और मोटा मुनाफा कमा रहा था.

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