SEBI Board Meeting: मार्केट रेगुलेटर SEBI की 18 जून यानी अगले महीने बोर्ड बैठक हो सकती है. इस बोर्ड बैठक में कई अहम मुद्दों पर फैसला हो सकता है. जैसे- बाजार में मार्केट पार्टिसिपेंट्स के लिए चीजों को कैसे आसान बनाया जाए यानी 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' पर फोकस हो सकता है
SEBI की बैठक पर नजर रख रहे लोगों ने NDTV प्रॉफिट को जानकारी दी है कि SEBI ने बैठक से पहले FICCI और रिसर्च एनालिस्ट्स की अगुवाई करने वाले संगठनों और कई इंडस्ट्री बॉडीज के साथ विचार-विमर्श किया है, ताकि नियमों को और आसान बनाने और कंप्लांयस का बोझ कम करने के लिए उनके सुझाव लिए जा सकें.
इससे पहले सेबी की बोर्ड मीटिंग मार्च 2025 में हुई थी. जिसमें अनरजिस्टर्ड फाइनेंशियल एडवाइजर्स पर शिकंजा कसने पर काम किया गया था. साथ ही रेगुलेटरी मीजर्स के जरिए विदेशी निवेशकों को सहूलियत दी गई थी. इसके अलावा बाजार में हो रही धोखाधड़ी, जालसाजी को कम करने पर भी कई अहम फैसले लिए गए थे.
अगली बैठक में क्लियरिंग कॉरपोरेशनों की स्वतंत्रता को मामले पर भी बातचीत हो सकती है, ये मुद्दा पिछले साल नवंबर से ही चर्चा में है. पिछले साल, मार्केट रेगुलेटर SEBI के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने पहली बार क्लियरिंग कॉरपोरेशन की अपने पैरेंट एक्सचेंजों से स्वतंत्रता के मुद्दे पर बात की थी. बोर्ड की बैठक में इस पर चर्चा हो सकती है. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि हालांकि, इसकी भी संभावना है कि पूरा डीमर्जर होने की बजाय, क्लियरिंग संस्थाओं पर एक्सचेंजों के स्वामित्व प्रतिशत को सीमित कर दिया जाए.
पूरी दुनिया में कई बाजार क्लियरिंग कॉरपोरेशन को पब्लिक यूटिलिटीज के तौर पर मानते है, जो अक्सर स्वतंत्र रूप से स्वामित्व में होते हैं और सभी हितधारकों के सामूहिक हितों की सेवा के लिए चलते हैं. हालांकि, भारत में क्लियरिंग कॉरपोरेशन वर्तमान में अपने संबंधित पैरेंट एक्सचेंजों के पूर्ण स्वामित्व में हैं.
मार्के रेगुलेटर उन ब्रोकर्स के लिए सेटलमेंट स्कीम लाने पर भी चर्चा कर सकता है, जिन्हें एल्गो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से जुड़े होने के लिए नोटिस मिला है. पिछली बैठक में इस पर भी चर्चा होनी थी. इनके अलावा, पिछले कुछ महीनों में रेगुलेटर की ओर से जारी किए गए कंसल्टेशन पेपर्स पर भी चर्चा होने की संभावना है.
इंडसइंड बैंक में सामने आई धोखाधड़ी को देखते हुए कुछ कड़े नियम बनाने पर भी सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया का जोर रह सकता है. सेबी प्रमुख पहले ही कह चुके हैं कि इंडसइंड बैंक के अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोपों की जांच कराई जा रही है.