SEBI ब्रोकर्स के लिए नियमों पर सख्ती की तैयारी में, ट्रेडिंग पर ज्ञान बांटने से पहले ये शर्तें जरूरी

SEBI सब-ब्रोकर्स के लिए नियम सख्त करेगा, वहीं ब्रोकर्स पर पहले की तुलना में ज्यादा जिम्मेदारी होगी.

शेयर मार्केट में होने वाले नुकसान से बचाने के लिए और निवेशकों को हर तरह के फ्रॉड से बचाने से लिए SEBI लंबे समय से काम कर रहा है. मार्केट रेगुलेटर ने लगातार एक के बाद एक कई नियमों में सख्ती भी की है. इसी कड़ी में SEBI अब ब्रोकर्स और सब-ब्रोकर्स पर सख्ती की तैयारी में है.

NDTV Profit को सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि SEBI सब-ब्रोकर्स के लिए नियम सख्त करेगा, वहीं ब्रोकर्स पर पहले की तुलना में ज्यादा जिम्मेदारी होगी.

ग्रेजुएट, 3 साल का अनुभव जरूरी

SEBI जल्द ही ब्रोकर्स की ओर से काम करने वाले अधिकृत व्यक्तियों (Authorised Persons) के लिए सख्त पात्रता नियम जारी करेगा. AP की चूक और गलतियों के लिए ब्रोकर्स को जिम्मेदारी उठानी होगी. APs के लिए जो नए मानदंड तय किए गए हैं, उनमें ये शर्तें जरूरी है:

  • कम से कम स्नातक होना जरूरी

  • मार्केट का तीन साल का अनुभव

  • योग्यता परीक्षा पास करना जरूरी

सूत्रों के मुताबिक, 2-3 महीने से इन नियमों को लेकर तैयारी चल रही है. नए नियमों को चार सप्ताह यानी करीब 1 महीने के भीतर लागू किया जा सकता है.

क्यों लिया गया फैसला?

पिछले कुछ वर्षों में जैसा कि देखा जा रहा है, निवेशकों को शेयर बाजार में होने वाले नुकसान से बचाने के लिए मार्केट रेगुलेटर SEBI कई नियमों में बदलाव और सख्ती कर रहा है. हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ती इकोनॉमी के बीच शेयर मार्केट पर लोगों का भरोसा बढ़ा है. इसका प्रमाण है- हाल के वर्षों में डीमैट खातों में उछाल.

इस बीच ब्रोकर्स, खासकर उनकी ओर से काम करने वाले अधिकृत व्यक्तियों (APs) के झूठे वादों से निवेशकों को घाटे और फ्रॉड की खबरें आती रहती हैं. SEBI का उद्देश्य इस पर लगाम लगाना और APs के झूठे वादों से निवेशकों की सुरक्षा करना है. साथ ही ये सुनिश्चित करना है कि ब्रोकर्स के पास अच्छे प्रतिनिधि हों, जो मार्केट रिसर्च के नॉलेज के साथ सही सलाह जारी कर सकें.

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