Cabinet Decisions: सरकार का ऐलान, फिल्मों की पायरेसी के खिलाफ बनेगा सख्त कानून

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिल्मों को दिए जाने वाले U/A स​र्टिफिकेशन में उम्र के अनुसार, 'सब कैटेगरी' बनाई जाएगी.

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फिल्मों में पायरेसी को रोकने के लिए सरकार ने आज कैबिनेट मीटिंग में बड़ा फैसला किया है. लंबे समय से चले आ रहे पर सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 (Cinematograph Act 1952) में संशोधन के बाद सिनेमैटोग्राफ एक्ट 2023 लागू किया जाएगा.

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कैबिनेट मीटिंग के बाद प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि 'पायरेसी के चलते फिल्म और एंटरटेनमेंट जगत को हजारों करोड़ों रुपये का नुकसान होता था और इस पर रोक लगाने के लिए लंबे समय से मांग की जा रही थी. इसे देखते हुए सरकार ने सिनेमैटोग्राफ एक्ट में बदलाव का फैसला लिया है.'

फिल्मों के सर्टिफिकेशन कैटगरी को लेकर भी उन्होंने बदलाव की बात कही. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 'फिल्मों को दिए जाने वाले U/A स​र्टिफिकेशन में उम्र के अनुसार, सब कैटेगरी बनाई जाएगी.'

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संसद के आगामी सत्र में होगी चर्चा

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'संसद के आने वाले सत्र में सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) बिल 2023 लाया जाएगा. सदन में चर्चा और पास होने के बाद यह एक्ट का रूप लेगा. 2019 में सिनेमैटोग्राफ एक्ट (अमेंडमेंट) बिल, 2019 नाम से इसे राज्यसभा में पेश किया गया था. इसके बाद स्टैंडिंग कमेटी के सुझाव आए. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पब्लिक और स्टेकहोल्डर्स से इस पर सुझाव मांगे थे, जिन पर विचार किया गया है.'

उन्होंने कहा कि पायरेसी रोकने की दिशा में हमने दुनियाभर के फिल्म जगत में हो रहे 'बेस्ट प्रैक्टिस' को नए बिल में शामिल किया है. इस एक्ट के लागू होने के बाद फिल्मों की पायरेसी पर रोक लगेगी.

3 साल तक की कैद और 10 लाख तक जुर्माना!

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 'फिल्म जगत एक ऐसा सेक्टर है, जो भारत को दुनियाभर में पहचान दिलाता है. पायरेसी से इस इंडस्ट्री को भारी नुकसान झेलना पड़ा है. फिल्म जगत को होने वाले नुकसान को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है.'

उन्होंने कहा कि 'अच्छा कंटेंट क्रिएट करने के लिए बड़ी मेहनत लगती है. किसी फिल्म को बनाने में बहुत सारे कलाकार मेहनत करते हैं. ये मेहनत बेकार न जाए, इसके लिए पायरेसी के खिलाफ सख्त कानून की जरूरत थी.'

नए प्रस्तावित सिनेमैटोग्राफ एक्ट में पायरेसी करने पर सख्त प्रावधान किए गए हैं. इसके लिए 3 साल तक की कैद या 10 लाख तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है.

U/A में हो सकती है 3 सब कैटगरी!

Cinematograph Act में नए प्रावधानों के मुताबिक, उम्र के आधार पर फिल्म की कैटेगरी U/A में तीन सब कैटेगरी बनाई जा सकती है. बता दें कि साल 1952 में सिनेमैटोग्राफ एक्ट के तहत फिल्मों के प्रमाणन (Certification) के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेट (CBFC) का गठन किया गया था, जिसे हम सेंसर बोर्ड के नाम से भी जानते हैं. यह सरकार की एक रेगुलेटरी बॉडी है.

किसी भी फिल्म के रिलीज होने से पहले बोर्ड के मेंबर इसकी जांच करते हैं कि फिल्म के दृश्य उसकी कैटगरी के हिसाब से आपत्तिजनक तो नहीं! जांच के बाद फिल्मों को यूनिवर्सल (U), एडल्ट (A) या यूनिवर्सल/एडल्ट (U/A) सर्टिफिकेट जारी किया जाता है. सिनेमैटोग्राफ एक्ट में बदलाव के लिए U/A कैटेगरी में 3 सब कैटेगरी (UA 7+, UA 13+, UA 16+) बनाने का प्रस्ताव दिया गया था.