CBI द्वारा उठाए गए कदम के बीच सुबह केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई SLP याचिका को वापस ले लिया था. दरअसल CBI द्वारा गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल ने नए तथ्य आने की पृष्ठभूमि में नई याचिका दाखिल करने की अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी अनुमति दे दी है.
इससे पहले राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत देने का फैसला किया था, जिसे बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
हाई कोर्ट द्वारा राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा दी गई जमानत को रद्द करने के बाद SC में केजरीवाल ने ये याचिका लगाई थी. केजरीवाल के वकीलों ने मामले में नए डेवलपमेंट्स को आधार बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस लेने का फैसला किया. कोर्ट ने उन्हें नई याचिका दायर करने की अनुमति भी दे दी है.
याचिका वापस लेने पर ED की तरफ से भी कोई आपत्ति नहीं जताई गई. इससे पहले आज राउज एवेन्यू कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की पेशी हुई थी.
राउज एवेन्यू कोर्ट में क्या हुआ?
राउज एवेन्यू कोर्ट में सीनियर एडवोकेट विक्रम चौधरी ने कहा कि ED पिछले साल अप्रैल में ही अरविंद केजरीवाल से 9 घंटे तक पूछताछ कर चुकी थी. ऐसे में उनकी गिरफ्तारी पूर्वाग्रह से प्रेरित थी.
उन्होंने कहा, 'ये एक कमजोर आदमी की राज्य की ताकत से मुकाबला है. ये केस अगस्त 2022 से पेंडिंग है. केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया गया, वे हाजिर हुए और 9 घंटे तक उनसे पूछताछ हुई. मतलब मैंने सहयोग किया. इसके बाद एक भी नोटिस नहीं भेजा गया. उन्होंने एक गवाह को आरोपी कैसे बनाया?'
राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश पर हाई कोर्ट ने लगाई थी रोक
शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने बीते हफ्ते बेल देने की घोषणा की थी. शनिवार को उनके रिहा होने से कुछ पहले ED हाई कोर्ट पहुंच गई और अपील में कहा कि लोअर कोर्ट का जमानत आदेश त्रुटिपूर्ण है और ये वैध नहीं है.
हाई कोर्ट ने उसी दिन जमानत पर तात्कालिक रोक लगाने का आदेश दिया और मामले में फैसले को सुरक्षित कर लिया. मंगलवार को हाई कोर्ट ने आदेश सुनाया, जिसमें जमानत को खारिज कर दिया गया.
हाई कोर्ट ने कहा कि लोअर कोर्ट ने जमानत देने में पूरा दिमाग नहीं लगाया और फैसले में कई सारी खामियां हैं.
कोर्ट ने कहा कि प्रोसेक्यूशन पार्टी को जमानत याचिका पर तर्क करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया, ऐसे में PMLA में उल्लेखित जमानत की शर्तों पर पर्याप्त बहस नहीं हो पाई.
सुप्रीम कोर्ट में अब तक क्या हुआ?
इस बीच केजरीवाल ने लोअर कोर्ट के जमानत आदेश को रद्द करने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. पहली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश आने तक मामले में हस्तक्षेप करना सही नहीं होगा.
इसके बाद मंगलवार को हाई कोर्ट का आदेश आ गया. जिसके खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट में SLA पेटिशन लगाई गई थी. जिसे CBI द्वारा गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल के वकीलों ने वापस ले लिया. अब नए सिरे से केस के नए तथ्यों को ध्यान में रखते हुए याचिका दायर की जाएगी.