देश में पैर पसार रहा कोरोना; 5% ILI मामलों में कोविड जांच पर जोर, स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की नई एडवायजरी में और क्‍या हैं निर्देश?

देश में अभी भी JN.1 वेरिएंट सबसे आम है, जो 53% पॉजिटिव मामलों में पाया गया है.

File Photo (Source: PTI)

भारत में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ रहे हैं. पिछले कुछ हफ्तों में ये संख्‍या अचानक बढ़ी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के डैशबोर्ड के अनुसार, 27 मई की दोपहर तक देशभर में 1,010 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं. खासकर केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली-NCR में कोविड के बढ़ते मामले सामने आए हैं, जिनमें एक नए वेरिएंट NB.1.8.1 के भी केस शामिल हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने LF.7 और NB.1.8.1 वेरिएंट्स को 'अंडर मॉनिटरिंग' की श्रेणी में रखा है, न कि 'चिंताजनक' वेरिएंट्स में. लेकिन यही वेरिएंट चीन और एशिया के कुछ हिस्सों में कोविड के बढ़ते मामलों का कारण बताए जा रहे हैं.

देश में अभी भी JN.1 वेरिएंट सबसे आम है, जो 53% पॉजिटिव मामलों में पाया गया है. दिल्‍ली में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की गाइडलाइन में कई जरूरी निर्देश दिए गए हैं. मुख्‍यमंत्री रेखा गुप्‍ता ने मामलों की समीक्षा की और बताया गया कि ज्‍यादातर मामले इंफ्लुएंजा से जुड़े हैं. हालांकि एडवायजरी में कहा गया है कि ऐसे मामलों में कम से कम 5% की कोविड जांच भी की जाए.

एडवाइजरी में दिए गए जरूरी निर्देश

दिल्‍ली में सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के विशेष सचिव के हस्‍ताक्षर से जारी एडवाइजरी में चिकित्सा निदेशकों, अधीक्षकों और अस्पताल प्रशासकों को कई जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं:

  • अस्पताल की तैयारी: बिस्तरों, वेंटिलेटर, Bi-Pap मशीनों, ऑक्सीजन आपूर्ति, एंटीबायोटिक्स और टीकों जैसे आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता और कार्यक्षमता सुनिश्चित की जाए. इसमें ये भी जोर दिया गया है कि 'वेंटिलेटर, Bi-Pap, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, PSA जैसे सभी उपकरण काम करने की स्थिति में हों.'

  • कर्मचारियों का प्रशिक्षण: कोविड-19 के मामलों को संभालने के लिए डेडिकेटेड कर्मचारियों के लिए रिफ्रेशर ट्रेनिंग आयोजित करने का भी निर्देश दिया गया है.

  • रिपोर्टिंग और निगरानी: इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) के मामलों की तत्काल रिपोर्टिंग को इंटीग्रेटेड हेल्थ इंफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म (IHIP) पर अनिवार्य कर दिया गया है. इसके साथ ही, कोविड-19 और इन्फ्लुएंजा के मामलों को दिल्ली स्टेट हेल्थ डेटा मैनेजमेंट पोर्टल पर भी अपडेट करना होगा.

  • जीनोम सीक्वेंसिंग: किसी भी नए वैरिएंट का पता लगाने के लिए सभी पॉजिटिव कोविड-19 सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग (WGS) के लिए लोक नायक अस्पताल भेजना अनिवार्य किया गया है. एडवाइजरी इस बात पर जोर देती है कि 'किसी भी नए वैरिएंट का समय पर पता लगाना और WGS के लिए भेजे गए नमूनों की संख्या राज्य निगरानी इकाई के साथ साझा करना' जरूरी है.

  • टेस्टिंग दिशानिर्देश: ILI और SARI के मामलों के लिए पर्याप्त टेस्टिंग सुनिश्चित की जानी चाहिए, जिसमें कम से कम 5% प्रतिशत ILI मामलों का कोविड टेस्ट अनिवार्य है.

  • मास्‍क शिष्टाचार: अस्पतालों को मास्क पहनने के प्रोटोकॉल और सामान्य श्वसन स्वच्छता को सख्ती से लागू करने का भी निर्देश दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि 'अस्पताल परिसर/स्वास्थ्य सुविधाओं में मास्क पहनना सहित श्वसन शिष्टाचार का पालन किया जा रहा है.'

ये एडवाइजरी वर्तमान स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता को दर्शाती है, ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए हेल्‍थ इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर तैयार रहे.

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