मुंबई के धारावी में फिलहाल चल रहे सर्वे के काम को तेज करने और हर धारावीकर को घर आवंटित करने की सरकार की दृढ प्रतिबद्धता है. इस उद्देश्य के साथ, सर्वे टीमें धारावी रिडेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट (DRP) के तहत लाभार्थियों में शामिल ऊपरी मंजिल के किरायेदारों के साथ सक्रिय रूप से संपर्क कर रही है.
परंपरागत रूप से किसी झुग्गी बस्ती की ऊपरी पहली मंजिल पर रहने वाले निवासियों को अवैध माना जाता है और SRA प्रोजेक्ट्स में से बाहर रखा जाता है. हालांकि 4 अक्तूबर 2024 के सरकारी रेज्योल्यूशन (GR) के मुताबिक, 15 नवंबर 2022 के दिन तक धारावी में रहनेवाले सभी ऊपरी मंजिल के किरायेदार हायर परचेज योजना के तहत पुनर्वसन के लिए योग्य माने जाएंगे.
इस योजना के तहत लाभार्थियों को धारावी के बाहर लेकिन मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) के भीतर 300 वर्गफुट का घर नाममात्र की कीमत पर दिया जाएगा. हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में घोषणा की कि इन लोगों को ये राशि 12 वर्षों में चुकानी होगी. जिसमें भुगतान की अवधि के बाद घर उसके खरीदार को ट्रान्सफर की जाएगी. लोगों के पास 12 साल के दौरान किसी भी समय मूल कर्ज को चुकाने का विकल्प भी रहेगा. किराया और घर का खर्च सरकार तय और इकट्ठा करेगी.
हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा आरोप लगाया गया था कि ग्राउंड फ्लोर के निवासियों से जबरदस्ती शपथपत्र (Affidavit) लिया जा रहा है, ताकि उन्हें पात्रता से अयोग्य ठहराया जा सके. इससे धारावी के निवासियों में चिंता और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है.
इस मामले को साफ करते हुए NMDPL के प्रवक्ता ने बताया कि, ‘4 अक्तूबर 2024 के सरकारी रेज्योल्यूशन (GR) के मुताबिक ही शपथपत्र (Affidavit) एकत्रित किए जा रहे हैं. जो धारावी के बाहर पुनर्वसन के लिए ऊपरी मंजिल के निवासियों की योग्यता तय करने के लिए जरूरी है.’
GR के मुताबिक ऊपरी पहली मंजिल के निवासियों को उनके निवास को साबित करने के लिए कम से कम इन दस्तावेज़ में से एक को पेश करना आवश्यक है. जिसमें बिजली बिल, रजिस्टर्ड बिक्री या भाड़ा करार, आधार कार्ड, राशन कार्ड, फ्लोर नंबर दर्शाने वाला पासपोर्ट या पात्र ग्राउन्ड फ्लोर के निवासी द्वारा प्रमाणित शपथपत्र (Affidavit) शामिल है.
DRP टेंडर शर्तों के मुताबिक, धारावी से बाहर लेकिन MMR के तहत सभी पात्र-अपात्र किरायेदारों के पुनर्वास के लिए एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) बनाया गया है. सर्वे के ताजा आंकड़ों के अनुसार, लगभग एक लाख स्ट्रक्चर्स की मैपिंग हो चुकी है. इनमें से लगभग 94,500 को खास पहचान संख्या दी गई है और लगभग 88,000 को LiDAR के माध्यम से डिजिटल रूप से मैप किया गया है. साथ ही 70,000 आवासों के लिए घरेलू सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है.