22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला (Pahalgam Terror Attack) हुआ. पाकिस्तानी आतंकवादियों के इस कायराना हमले में 26 भारतीय नागरिकों की जान चली गई. इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया. इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और PoK में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया.
इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भारत के सीमावर्ती 26 इलाकों में ड्रोन हमले किए, जिनमें सैन्य ठिकाने, एयरबेस और सिविल एविएशन इंफ्रा को निशाना बनाया गया. भारत ने इन हमलों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया.
भारत और पाकिस्तान ने 10 मई, शनिवार को शाम 5 बजे से सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई. पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने दोपहर 3:35 बजे, भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को कॉल कर सीजफायर का अनुरोध किया. दोनों ने तय किया कि जमीन, हवा और समुद्र के रास्ते होने वाली फायरिंग शाम 5 बजे से रोक दी जाएगी.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, आतंकी हमले से लेकर सीजफायर तक के घटनाक्रम इस तरह रहे:
10 मई की सुबह भारत ने ऑपरेशन सिंदूर फेज-3 के तहत ब्रह्मोस-A मिसाइलों से पाकिस्तान के चकलाला और सरगोधा एयरबेस को टारगेट किया. चकलाला पर हमले की पुष्टि पहले हो चुकी थी. शाम तक सरगोधा, जैकबाबाद, भोलारी और स्कारदू पर भी हमलों की पुष्टि हो गई, हालांकि नुकसान का पूरा आंकलन जारी था.
इस दौरान पाकिस्तान को आशंका हुई कि अगला हमला उसके न्यूक्लियर कमांड और स्ट्रैटेजिक डिटरेंस से जुड़े ठिकानों पर हो सकता है. इसे देखते हुए पाकिस्तान ने अमेरिका से हस्तक्षेप की मांग की.
अमेरिका दोनों देशों के संपर्क में था और उसने पाकिस्तान को तुरंत आर्मी-लेवल हॉटलाइन एक्टिव करने के लिए कहा. भारत ने तय प्रोटोकॉल के तहत किसी भी मध्यस्थता से इनकार कर दिया.
पाकिस्तान ने सबसे ज्यादा सक्रिय इलाकों जैसे पुंछ-राजौरी में हालात कुछ शांत होने तक इंतजार किया. ड्रोन हमले उस समय चल ही रहे थे, इसलिए पाकिस्तान ने कॉल दोपहर बाद की.
10 मई को दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO को कॉल किया और जल्द से जल्द संघर्षविराम का अनुरोध किया.
भारत ऑपरेशन सिंदूर फेज-4 की तैयारी कर चुका था, जिसमें पाकिस्तान की ऊर्जा, अर्थव्यवस्था और स्ट्रैटेजिक डिटरेंस (सामरिक क्षमता) के ठिकानों को निशाना बनाया जाना था. इसके बावजूद भारत ने सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति दी. दोनों DGMOs ने तय किया कि वे 48 घंटे बाद फिर बात करेंगे.
बातचीत में सिर्फ सैन्य कार्रवाई रोकने पर बात हुई. भारत ने बाद में साफ किया कि सिंधु जल संधि रोकने जैसे बाकी फैसले अभी भी लागू रहेंगे.