ऑपरेशन सिंदूर: भारत का साफ संदेश- घुसकर मारेंगे! आतंक पर एयर स्‍ट्राइक की हर डिटेल यहां मिलेगी

खबरों की भीड़ में आपके मन में कई सवाल भी रहे होंगे. हम उन तमाम खबरों का सार यहां बुलेट प्‍वाइंट्स में बता रहे हैं.

Source: NDTV Profit Hindi

भारतीय सेना ने 6-7 मई 2025 की आधी रात को 'ऑपरेशन सिन्दूर' के तहत पाकिस्‍तान और पाक अधिकृत कश्‍मीर में आतंक के अड्डों पर जबरदस्त और सटीक हमला किया. इस एयर स्‍ट्राइक ऑपरेशन के दौरान भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में 24 मिसाइल हमले किए, जिसमें 70 से अधिक आतंकवादी मारे गए और 60 से ज्यादा घायल हुए.

इस बार सिर्फ सीमा के पास नहीं, बल्कि पाकिस्तान के अंदर तक जाकर कार्रवाई की गई. केंद्र की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ये ऑपरेशन सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई नहीं था, बल्कि भारत की बदली हुई सैन्य नीति और इरादों का स्पष्ट संकेत था.

जम्‍मू कश्‍मीर के पहलगाम में पिछले दिनों हुए आतंकी हमले के जवाब में ये कार्रवाई की गई.

इस ऑपरेशन को लेकर सुबह से अबतक आप कई सारी खबरों से होकर गुजरे होंगे. खबरों की भीड़ में आपके मन में कई सवाल भी रहे होंगे. हम उन तमाम खबरों का सार यहां बुलेट प्‍वाइंट्स में बता रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं.

क्‍यों रखा गया ऑपरेशन सिंदूर नाम?

  • सेना के इस ज्‍वाइंट ऑपरेशन का नाम को ये नाम खुद PM मोदी ने दिया था. (सूत्र)

  • पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली मारी थी.

  • सिर्फ पुरुषों की हत्‍या की, यानी मकसर महिलाओं की मांग का सिंदूर पोंछना था.

  • आतंकियों को सिर्फ सिंदूर मिटाने यानी यानि हिंदुओं को टारगेट करने का निर्देश था.

  • महिलाओं के सामने उनके पतियों को गोली मारी गई थी, उनका सुहाग मि‍टा दिया गया.

  • ऐसे में जब भारत ने इन आतंकियों को जवाब दिया, तो ऑपरेशन का नाम सिंदूर रखा.

किन जगहों को बनाया गया निशाना?

भारत ने जिन 9 प्रमुख ठिकानों पर मिसाइल स्ट्राइक की, वे सभी ठिकाने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के गढ़ माने जाते हैं. भारतीय खुफिया एजेंसियों की निगरानी में इन इलाकों की पहचान पहले ही हो चुकी थी.

  • मुजफ्फराबाद

  • कोटली

  • बहावलपुर

  • रावलकोट

  • चकस्वारी

  • भीमबर

  • नीलम वैली

  • झेलम

  • चकवाल

ऑपरेशन का मकसद

  • आतंकी ठिकानों को खत्म करना

  • आतंकी नेटवर्क की सप्लाई लाइन काटना

  • पाकिस्तान, पाक सेना और आतंकी संगठनों की साठगांठ उजागर करना

आतंकियों का खात्‍मा, आतंक पर बड़ी चोट

  • करीब 70 आतंकवादी मारे गए

  • 60 से अधिक घायल हुए

  • कई ट्रेनिंग कैंप, गोला-बारूद डिपो और कम्युनिकेशन सेंटर तबाह

  • बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का बड़ा ट्रेनिंग सेंटर नेस्‍तनाबूत

  • मुजफ्फराबाद और भीमबर में बने किलेबंद अड्डों को भी ध्‍वस्‍त किया गया

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और दावे

पाक ने 9 नागरिकों की मौत और 38 घायल होने की पुष्टि की

साथ ही कुछेक लोगों के लापता होने की जानकारी दी

पाकिस्तान ये दावा किया कि उसने भारत के 5 विमान गिरा दिए.

साथ ही एक ब्रिगेड मुख्यालय तबाह कर देने का दावा भी किया है.

हालांकि, भारत ने इन दावों को खारिज किया है और स्वतंत्र स्रोतों से इनकी पुष्टि नहीं हुई है.

भारत का पक्ष: नपी-तुली कार्रवाई 

  • भारत का कहना है कि सभी टारगेट पूर्व-पहचाने गए आतंकवादी केंद्र थे.

  • नागरिकों को नुकसान न हो, इसके लिए रात के समय सर्जिकल स्ट्राइक की गई.

  • कोई भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाना टारगेट नहीं था.

  • ये एक सटीक और सीमित ऑपरेशन था, जिसका मकसद आतंक के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को तोड़ना था, न कि युद्ध छेड़ना.

सीमा पर बढ़ा तनाव, सेना अलर्ट

  • भारत की कार्रवाई से बौखलाया पाकिस्‍तान

  • सीजफायर का किया उल्‍लंघन, सीमा पर गोलाबारी

  • भारत ने भी सैन्य ड्रिल और मिसाइल परीक्षण किए

  • एयरस्पेस बंद किए, जबक‍ि सीमावर्ती गांवों में अलर्ट

  • दोनों ओर से नागरिक उड़ानें अस्थायी रूप से बाधित

  • भारत और पाकिस्तान की सेनाएं अब हाई अलर्ट पर हैं

भारत-पाक की घरेलू प्रतिक्रिया

  • भारत में ऑपरेशन की व्यापक सराहना, विपक्ष ने भी सैन्‍य कार्रवाई का समर्थन जताया

  • राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसे 'रणनीतिक साहस और सटीकता का उदाहरण' बताया

  • पाकिस्तान में विपक्षी दलों ने सेना की विदेश नीति पर तीखी आलोचना की

  • पाकिस्तान में विपक्ष ने सरकार और सेना को घेरा, नागरिक समाज में भी बहस छिड़ी

  • पाकिस्तान के भीतर सवाल उठने लगे हैं कि आतंकवादियों को नागरिक इलाकों में क्यों पनाह दी जा रही है

पाकिस्तान सेना की सांठगांठ

सबसे अहम बात ये सामने आई कि पाकिस्तान की सेना खुद इन आतंकी ठिकानों की मदद कर रही थी. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने ऐसे कई प्रमाण साझा किए:

  • आतंकियों को सेना के ठिकानों के पास पनाह दी जा रही थी

  • ट्रेनिंग और हथियारों की सप्लाई में पाक सेना का समर्थन था

  • ISI आतंकियों को लॉजिस्टिक और फंडिंग दे रहा था

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

  • भारत ने पाक और आतंकी सांठगांठ को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साझा करने की रणनीति बनाई है.

  • संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने संयम बरतने की अपील की

  • कई देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को भी समर्थन दिया

  • दक्षिण एशिया में सुरक्षा संरचना में Competitive Deterrence का नया अध्याय शुरू हुआ

  • नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों ने सीमा पर शांति के लिए डायलॉग की वकालत की

  • चीन, रूस समेत अन्य क्षेत्रीय साझेदारों ने मामलों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने पर जोर दिया

  • हालांकि रूस ने आतंकवाद के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता दोहराई

  • कई देशों ने क्‍लोज डोर मीट में माना कि पाकिस्तान के लंबे समय से आतंक पर नरम रुख ने भारत को मजबूर किया.

आर्थिक मोर्चे पर भी प्रभाव

  • आतंक का पोषण करनेवालों को जबरदस्‍त आर्थिक चोट

  • कराची-लाहौर इंडस हाईवे और जुड़ाव वाले व्यापार मार्गों की सुरक्षा पर सवाल उठे

  • पाकिस्तान में विदेशी निवेशकों में सतर्कता बढ़ी

  • वहीं भारत में रक्षा और सुरक्षा यानी डिफेंस सेक्‍टर में निवेश प्रस्तावों को बढ़ावा मिला

ऑपरेशन सिंदूर का संदेश

  • भारत अब आतंक के खिलाफ सिर्फ डिफेंस में नहीं, ऑफेंस में भी जाएगा

  • अब केवल पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर नहीं, सीमा पार भी कार्रवाई संभव

  • पाक सेना की आतंकी संगठनों से मिलीभगत को उजागर किया जाएगा

  • सिर्फ बयानों से नहीं, कार्रवाई से जवाब मिलेगा

भारत सरकार ने साफ किया है कि 'ऑपरेशन सिन्दूर' केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि ये भारत की बदलती हुई रणनीति का प्रतीक था. ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल उन ठिकानों को ध्वस्त कर आतंकियों के ढांचे को कमजोर किया, बल्कि पूरे वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य को भी हिलाकर रख दिया. भारतीय सेना ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में ये साफ संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत अब कड़ा रुख अपना चुका है और अगर आतंक जारी रहा, तो जवाब और तेज होगा.

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