प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने 3 बड़े फैसले लिए. इसमें पोषण सुरक्षा के लिए फोर्टिफाइड चावल की सप्लाई, मैरिटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स और सीमावर्ती इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से जुड़े फैसले लिए गए.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन बड़े फैसलों के बारे में बताया. उन्होंने इन फैसलों के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच और केंद्र सरकार की पहले से चले आ रहे प्रोग्राम्स की भी चर्चा की.
अश्विनी वैष्णव ने इन तीनों फैसलों के बारे में विस्तार से बताया.
1). समावेशी विकास: पोषण सुरक्षा
इस फैसले के तहत फोर्टिफाइड चावल सप्लाई प्रोग्राम चलाने का प्रावधान है.
नि:शुल्क खाद्य सुरक्षा योजना, मिड-डे मील स्कीम और कई अन्य योजनाएं इस दायरे में आएंगी.
2018 में पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया था. 2022 में ICDS और PM पोषण प्रोग्राम कवर हुए थे.
NDTV के एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मार्च 2024 से 80 करोड़ लोग इस प्रोग्राम के दायरे में आ रहे हैं.
जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक 17,082 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
उद्देश्य- कुपोषण और एनीमिया जैसी बीमारियों से लड़ना और इसके प्रभाव को कम करना.
2). विकास भी, विरासत भी
देश में मैरिटाइम हेरिटेज, नौसेना की जो विरासत है, शिपिंग पोर्ट्स- शिप बिल्डिंग हैं, इन्हें विकसित और संरक्षित किया जाएगा.
हमारे पास 4,500 साल पुरानी विरासतें हैं. पूर्व और पश्चिम तटों पर 80 पोर्ट्स का इतिहास मिलता है, जहां विदेशों से व्यापार होता था.
गुजरात में अहमदाबाद के पास लोथल में नेशनल मैरीटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स डेवलप किया जाएगा. लोथल का ऐतिहासिक महत्व है.
यहां दुनिया का सबसे बड़ा मैरिटाइम हेरिटेज कॉम्प्लेक्स होगा. 3 से 4 फेज में इसका निर्माण कराया जाएगा.
लाइटहाउस म्यूजियम, शिप बिल्डिंग एक्सपीरिएंस, डॉक्स, ऐतिहासिक लोथल टाउन इसके हिस्से होंगे.
उद्देश्य- हम अपनी विरासत पर गर्व करें. इनका अध्ययन करें. इनका विकास करें.
नोट: इस योजना की आवंटित राशि के बारे में अभी जानकारी नहीं दी गई है. इसमें स्टेकहोल्डर्स का कंट्रीब्यूशन भी लिया जाएगा.
3). सीमावर्ती इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर
राजस्थान और पंजाब के बॉर्डर एरियाज में 2,280 किलोमीटर की सड़क बनाने का फैसला लिया गया है.
इसमें करीब 4,406 करोड़ रुपये का निवेश लगेगा. इसका इलाके के विकास पर बड़ा असर पड़ेगा.
उद्देश्य- सीमावर्ती क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, जलापूर्ति और कनेक्टिविटी को विकसित करना.